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उत्तराखंड: यूटीयू में स्थापित होगा रक्षा केंद्रित इनक्यूबेटर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स को दिया जाएगा बढ़ावा

उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स टेक्नोलाजी पार्क (आर्टपार्क) के सहयोग से रक्षा केंद्रित इनक्यूबेटर स्थापित किया जाएगा। इसका उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स के क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ावा देना है। शुक्रवार को विवि और आर्टपार्क के बीच इसे लेकर करार हुआ।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 10:30 AM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 10:30 AM (IST)
उत्तराखंड: यूटीयू में स्थापित होगा रक्षा केंद्रित इनक्यूबेटर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स को दिया जाएगा बढ़ावा
उत्तराखंड: यूटीयू में स्थापित होगा रक्षा केंद्रित इनक्यूबेटर।

जागरण संवाददाता, देहरादून। वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स टेक्नोलाजी पार्क (आर्टपार्क) के सहयोग से रक्षा केंद्रित इनक्यूबेटर स्थापित किया जाएगा। इसका उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स के क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ावा देना है। शुक्रवार को विवि और आर्टपार्क के बीच इसे लेकर करार हुआ। विवि के कुलपति डा. पीपी ध्यानी और आर्टपार्क के सीआइओ सुभाष बनर्जी ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए।

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राज्य सरकार के डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कोआर्डिनेटर कर्नल वीएस रावत ने बताया कि उत्तराखंड मूल के एक व्यक्ति ने कर्नाटक में लिथियम बैटरी बनाने के लिए यूएस आधारित इनक्यूबेटर की स्थापना की है। इसी को देखते हुए उत्तराखंड राज्य में लगभग 43 करोड़ की लागत से लिथियम बैटरी के उत्पादन के लिए विवि के साथ मिलकर एक इनक्यूबेटर बनाने की संभावना पर विचार किया गया। आर्मी डिजाइन ब्यूरो विवि को लगभग सात-आठ योजना के लिए वित्तीय मदद देगा।

प्रत्येक योजना के लिए डेढ़ करोड़ रुपये के बजट का प्रविधान है। कुलपति डा. पीपी ध्यानी ने बताया कि इस द्विपक्षीय समझौते के तहत अकादमिक व अनुसंधान के क्षेत्र में कार्य करने के लिए एक ढांचा स्थापित किया जाएगा। इसके बाद परियोजनाओं, अनुसंधान पर संयुक्त रूप से मिल कर कार्य किया जाएगा। इस समझौते से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स में प्रौद्योगिकी नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, रिटेल एवं साइबर सुरक्षा संबंधी कार्यों व सामाजिक समस्याओं के समाधान ढूंढने में मदद मिलेगी। वहीं, प्रशिक्षण के माध्यम से छात्रों और शोधार्थियों में क्षमता निर्माण का कार्य भी किया जाएगा।

आर्टपार्क के सीआइओ सुभाष बनर्जी ने कहा कि आर्टपार्क का उद्देश्य सिर्फ अच्छा उत्पाद तैयार करना नहीं बल्कि ऐसी तकनीक का विकास करना है जिससे सेना को वर्तमान परिदृश्य में मिलने वाली चुनौतियों का समाधान किया जा सके। उन्होंने उच्च स्तरीय शैक्षणिक शोध के लिए व्यवहारिक ज्ञान को बढ़ावा देने की आवश्यकता बताई। कार्यक्रम समन्वयक डा. अमिल अग्रवाल ने आर्टपार्क के सहयोग से भविष्य में किए जाने वाले कार्यों पर प्रकाश डाला।

इस दौरान कुलसचिव आरपी गुप्ता, परीक्षा नियंत्रक पीके अरोड़ा, वित्त नियंत्रक बिक्रम सिंह जंतवाल, कार्यक्रम के उप समन्वयक विशाल रमोला, डा. यूसरा अहमद, डा. संजय सिंह, डा. निशांत सक्सेना, डा. रवि तोमर, डा. दिवाकर पंत आदि उपस्थित रहे।

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