Deepotsav: महालक्ष्मी की आरती कर उन्नति और समृद्धि की कामना, श्रीराम की झांकियों ने मोहा मन
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भारतीय वैश्य महासंघ की ओर से दीपावली के उपलक्ष्य में महालक्ष्मी की सामूहिक आरती कर उन्नति व समृद्धि की कामना की गई। साथ ही विभिन्न सास्कृतिक प्रस्तुतियों और श्रीराम की झांकियों से कलाकारों ने समा बांधा।
जागरण संवाददाता, देहरादून। भारतीय वैश्य महासंघ की ओर से हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी दीपावली के उपलक्ष्य में महालक्ष्मी की सामूहिक आरती कर उन्नति व समृद्धि की कामना की गई। साथ ही विभिन्न सास्कृतिक प्रस्तुतियों और श्रीराम की झांकियों से कलाकारों ने समा बांधा।
जीएमएस रोड स्थित एक वेडिंग प्वाइंट में रविवार को दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष विनय गोयल ने बताया कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल ने कार्यक्रम में शिरकत की। इस दौरान केसर तिलक से द्वार पर आगंतुकों का स्वागत किया गया। पंडित पवन गोदियाल, टीवी कलाकार कविता गोदियाल और उनकी टीम ने मनमोहक प्रस्तुतियों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
श्रीराम दरबार की भव्य झांकी में हनुमान ने अपनी छाती चीरकर सभी दर्शकों को श्रीराम के दर्शन करवाए। यह देख दर्शक भी विस्मृत हो गए। इस अवसर पर गायक सोनल वर्मा ने हनुमान चालीसा का पाठ भी किया। कनक कला केंद्र की गुरु बीना अग्रवाल की टीम ने लक्ष्मी-गणोश की भव्य नृत्य नाटिका प्रस्तुत की। इला पंत की ओर से दुर्गा अष्टकम केमाध्यम से मां भगवती की भिन्न-भिन्न भाव भंगिमा प्रस्तुत की गईं।
उत्तराखंड वैश्य रत्न सम्मान
महासंघ की ओर से पहली बार प्रदेश के साथ ही देश में अपने रचनात्मक व सामाजिक कार्यों से प्रतिभा का लोहा मनवा रहे समाजसेवियों को उत्तराखंड वैश्य रत्न सम्मान से नवाजा गया। महालक्ष्मी वेश धारण करने वाली बालिका भी आकर्षण का केंद्र रही। बालिका ने आगंतुकों को आशीर्वाद दिया और बच्चों को उपहार बांटे। इस अवसर पर विनोद गोयल ने कहा कि जैसे क्रिसमस पर बच्चों को पुरस्कार दिए जाते हैं, इसी प्रकार हमें भी दीपावली पर बच्चों को संस्कार प्रदान करते हुए उपहार भेंट करने चाहिए।
ढोल-दमाऊं की थाप के साथ धरोहर कला और सांस्कृतिक उत्सव संपन्न
धरोहर कला एवं सांस्कृतिक उत्सव का ढोल-दमाऊं की थाप और लोक गीतों की धुन के साथ समापन हो गया। गायिका पूनम सती ने बधाण की नंदा भगवती भजन से समा बांधा। जबकि, उनके ग्रुप ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से मन मोहा। रविवार को रेंजर्स ग्राउंड में धरोहर उत्सव के समापन अवसर में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे खादी ग्रामोद्योग आयोग के निदेशक राम नारायण ने कहा कि इस आयोजन से उत्तराखंड की संस्कृति को आगे बढ़ाने का शानदार प्रयास किया गया है।
विशिष्ट अतिथि हिमाद्री के नोडल अधिकारी केसी चमोली ने कहा कि अगली बार धरोहर और बड़े स्वरूप में होना चाहिए। संस्कृतिकर्मी हिमांशु दरमोड़ा ने कहा कि अन्य शहरों में भी ऐसे आयोजन किए जाएंगे। इस दौरान कलाकारों ने नीलिमा-नीलिमा, मेरा मोहना, झुमका आदि गीतों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। लोक गायक सौरव मैठाणी ने बऊ-सरेला, ननु-पदानु और गुड्डू का बाबा आदि गीतों पर स्रोताओं को थिरकने पर मजबूर कर दिया।
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