Move to Jagran APP

उत्‍तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं में दर्ज की गई गिरावट, पढ़िए पूरी खबर

उत्‍त्‍राखंड में बीते वर्ष की तुलना में दुर्घटनाओं में 38.41 और मृत्युदर में 33.79 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। घायलों की संख्या में भी 54 फीसद कमी देखी गई है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 04:25 PM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2020 11:01 PM (IST)
उत्‍तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं में दर्ज की गई गिरावट, पढ़िए पूरी खबर
उत्‍तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं में दर्ज की गई गिरावट, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, विकास गुसाईं। प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में इस वर्ष खासी कमी देखी गई है। इसका एक कारण कोरोना के कारण लगा लॉकडाउन भी रहा। इस वर्ष जुलाई तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो बीते वर्ष की तुलना में दुर्घटनाओं में 38.41 और मृत्युदर में 33.79 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। घायलों की संख्या में भी 54 फीसद कमी देखी गई है। बीते वर्ष जुलाई में पूरे प्रदेश में 828 सड़क दुर्घटनाएं और 515 व्यक्तियों की मौत हुई थी। इस वर्ष 510 सड़क दुर्घटनाओं में 341 व्यक्तियों की मौत हुई है।

loksabha election banner

हाल ही में सड़क सुरक्षा को लेकर आयोजित बैठक में यह आंकड़ा प्रस्तुत किया गया। सड़क सुरक्षा समिति के आंकड़ों के अनुसार दुर्घटनाओं में सबसे अधिक 79 फीसद की गिरावट चंपावत में दर्ज की गई है। यहां बीते वर्ष 14 दुर्घटनाएं हुई थी। इस वर्ष जुलाई तक यह आंकड़ा तीन था। पौड़ी में बीते वर्ष 30 दुर्घटनाएं हुई थी। इस वर्ष जुलाई तक यह आंकड़ा मात्र सात था। वहीं अल्मोड़ा में इस वर्ष जुलाई तक केवल एक सड़क दुर्घटना दर्ज की गई थी। 

अच्छी बात यह रही कि पूरे प्रदेश में इस बार बीते वर्ष की तुलना में अधिक दुर्घटनाएं नहीं हुई। मृतकों के आंकड़ों में जरूर कुछ बदलाव देखा गया। मृतकों में उत्तरकाशी और घायलों में पिथौरागढ़ में बीते वर्ष की तुलना से अधिक मामले सामने आए। इन आंकड़ों के बाद आयुक्त परिवहन ने सभी जनपदों में दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर गठित गठित सड़क सुरक्षा समिति ने सभी प्रदेशों को दुर्घटनाओं पर रोकथाम के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इसी कड़ी में प्रदेश में भी सभी जनपदों में ब्लैक स्पॉट एवं दुर्घटना संभावित स्थलों पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर कार्ययोजना बनाई जानी है। इन स्थलों पर किए गए सुधार कार्य सड़क सुरक्षा ऑडिट की रिपोर्ट के अनुसार बनाने को कहा गया है। सभी जनपदीय सड़क सुरक्षा समिति 2020-21 और 2021-22 के लिए सड़क सुरक्षा कार्ययोजनाएं तैयार करनी हैं।

यह भी पढ़ें: ड्रेनेज का दम: उत्तराखंड के 92 शहरों में नाम का ड्रेनेज सिस्टम, हल्की सी बारिश बन जाती है मुसीबत का सबब

नियम विरुद्ध संचालित बसों तथा नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने पर नियमित कार्रवाई की जानी है। सड़क दुर्घटना में घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के लिए जनपद के ट्रामा केयर सेंटर एवं अन्य चिकित्सालयों से राष्ट्रीय व राज्यीय राजमार्गों से दूरी चिह्नित की जानी है। जनपदीय सड़क सुरक्षा समिति के सभी अध्यक्ष समिति की बैठक में दुर्घटनाओं के कारणों की जानकारी लेने और उनके निराकरण के उपाय करने हैं।

यह भी पढ़ें: परवान चढ़ने से पहले ही ध्वस्त हो गई चंद्रभागा पर कांच का पुल बनाने की कवायद, जानिए वजह


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.