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बरसात में कभी भी कहर बरपा सकती है रिस्पना और बिंदाल नदी, 30 बस्तियों पर खतरा

बरसात में रिस्पना और बिंदाल नदी कभी भी कहर बरपा सकती हैं। नदी किनारे बसी लगभग 30 बस्तियां खतरे में हैं। भारी बरसात की वजह से ये नदियां कब उफान पर आ जाएं कहना मुश्किल है। इसके अलावा शहर के ज्यादातर नालों पर भी अतिक्रमण व अवैध कब्जे हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 03:05 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 03:05 PM (IST)
बरसात में कभी भी कहर बरपा सकती है रिस्पना और बिंदाल नदी, 30 बस्तियों पर खतरा
बरसात में कभी भी कहर बरपा सकती है रिस्पना और बिंदाल नदी। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, देहरादून। बरसात में रिस्पना और बिंदाल नदी कभी भी कहर बरपा सकती हैं। नदी किनारे बसी लगभग 30 बस्तियां खतरे में हैं। भारी बरसात की वजह से ये नदियां कब उफान पर आ जाएं कहना मुश्किल है। इसके अलावा शहर के ज्यादातर नालों पर भी अतिक्रमण व अवैध कब्जे हैं। नेताओं ने वोटबैंक की खातिर ये बस्तियां बसाईं व कब्जे कराए तो सरकारी अफसर इच्छाशक्ति के अभाव में इन्हें हटा नहीं पाए। ऐसे में नदी के बहाव की वजह से यहां कब कोई बड़ा हादसा हो जाए, ये चिंता का विषय है।

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शहर में रिस्पना और बिंदाल नदी के दोनों तरफ बस्तियां बन जाने से ये नदियां संकरी हो गईं हैं। नदी में उफान आया तो जे लोग इनके किनारे बसे हैं वे खतरे में पड़ सकते हैं। दो वर्ष पूर्व तेज बरसात के बाद रिस्पना नदी का पानी आबादी में घुस गया था और विद्युत पोल उखड़ गए थे। पुश्ते ढहने और उफान के चलते दो लोगों की मौत तक हो गई थी। तब नगर निगम, सिंचाई विभाग व प्रशासन की टीम ने संयुक्त निरीक्षण कर यह रिपोर्ट दी थी कि यदि पहाड़ी क्षेत्रों में ज्यादा बरसात हुई तो दोनों नदी कहर बरपा सकती है।

नदी में मलबा जम जाने पर खोदाई की जरूरत भी बताई गई। इस बार भी टीम ने बरसात को देखते हुए वहां निरीक्षण किया व नदी किनारे बसे लोगों से बात कर उन्हें हटने को भी कहा, लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं। बस्ती में रहने वालों को खतरे का अहसास तो है मगर वे जाने को तैयार नहीं हैं। वीर गबर सिंह बस्ती के लोगों का कहना है कि उन्हें सिर छुपाने के लिए जगह चाहिए, तो प्रशासन उपलब्ध नहीं करा रहा।

संजय कालोनी निवासी आबिद का कहना है कि नदी किनारे रहने के कारण हर समय खतरा रहता है। बरसात में पूरी रात अक्सर जागकर काटनी पड़ती है। वहीं, चंद्रशेखर आजाद कालोनी के पप्पू यादव का कहना है कि नदी में कटान होने के कारण खतरा बढ़ रहा है। यहां सुरक्षा के लिए पुश्तों का निर्माण जरूरी है।

रिस्पना नदी किनारे बसी बस्तियां

रिस्पना नदी किनारे काठ बंगला बस्ती, वीर गब्बर सिंह बस्ती, बाडीगार्ड, राजीव नगर, आर्य नगर, राजेश रावत कालोनी, महात्मा गांधी, भगत सिंह कॉलोनी, दीपक नगर, मोथरोवाला, गुरु तेग बहादुर कालोनी का बड़ा हिस्सा है।

बिंदाल नदी किनारे की बस्तियां

विजय कालोनी, चुक्खूवाला, जोहडी, कांवली रोड, खुडबुडा, पटेलनगर की चंदशेखर बस्ती, राजीव नगर, ब्रहमपुरी, लोहिया नगर, महबूब कॉलोनी, गांधीग्राम का कुछ इलाका।

नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि बिंदाल व रिस्पना नदी किनारे करीब 11 हजार अतिक्रमित भवन चिह्नित किए गए हैं। इनके मालिकों को भवन खाली करके इन्हें तोड़ने का नोटिस दिया गया था। यदि ये खुद मान गए तो ठीक, वरना हाईकोर्ट के आदेशानुसार अतिक्रमण तोड़ने की कार्रवाई की जाएगी।

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