साइबर सुरक्षा के लिए मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों की भूमिका अहम, कार्यशाला में हुई चर्चा
देहरादून में साइबर सुरक्षा पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों (सीआईएसओ) की भूमिका पर जोर दिया गया। विशेषज्ञों ने साइबर हमलों से बचाव और डेटा सुरक्षा के लिए जागरूकता और नवीनतम जानकारी को महत्वपूर्ण बताया। साइबर सुरक्षा उपायों पर विस्तृत चर्चा की गई, जिसमें विभिन्न विभागों के सीआईएसओ ने भाग लिया।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश के सभी सरकारी विभागों में साइबर हमलों से सुरक्षा के लिए मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी (सीआइएसओ) की भूमिका सबसे अहम है। ये अधिकारी यदि हमलों के दौरान समय रहते जरूरी कदम उठाएं तो न केवल साइबर हमलों से बचा जा सकता है बल्कि विभाग का डाटा भी सुरक्षित रखा जा सकता है। साथ ही विभागीय कार्मिकों की जागरूकता भी साइबर हमलों को न्यूनतम करने में सहायक साबित हो सकती हैं।
बुधवार को आइटीडीए के राज्य साइबर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल की ओर से सभी विभागों के सीआइएसओ को साइबर सुरक्षा के विषय में जानकारी देने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आइटीडीए के निदेशक आलोक कुमार पांडेय ने कहा कि मौजूदा समय में साइबर की दुनिया में जागरूक होना बेहद जरूरी है।
साइबर हमलों से व्यवस्था को पटरी से उतरने में समय नहीं लगता। इसके लिए जरूरी है कि सभी सीआइएसओऔर कार्मिक नवीनतम जानकारी से अपडेट रहें। यूकास्ट के महानिदेशक प्रो दुर्गेश पंत ने कहा कि साइबर डाटा से पूरी दुनिया जुड़ी हुई है। सभी को साइबर सुरक्षा और इसके लिए एहतियात बरतने के नियमों की जानकारी होनी चाहिए।
एनआइसी के एसआइओ संजय गुप्ता ने कहा कि जो भी सरकार को डाटा देता है वह उम्मीद करता है कि डाटा सुरक्षित रहेगा। इसके लिए सभी को पूरी जिम्मेदारी से काम करना होगा।
कार्यक्रम में पुलिस महानिरीक्षक प्रशिक्षण अनंत शंकर ताकवाले ने साइबर सुरक्षा के लिए उठाने वाले कदमों के विषय में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में विभिन्न सत्रों में साइबर सुरक्षा से संबंधित विषयों पर चर्चा की गई।
कार्यक्रम में महाप्रबंधन साफ्टवेयर डेवलपमेंट शिवानी गोथी, सीईआरटी उत्तराखंड के प्रमुख आशीष उपाध्याय, व एजीएम साफ्टवेयर अरुण बिष्ट के अलावा विभिन्न विभागों के सीआइएसओ उपस्थित थे।

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