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    Cyber Crime: रिटायर्ड कर्नल को हर्बल बीज के नाम पर ठगा, लालच देकर 85 लाख रुपये का लगाया चूना

    Updated: Tue, 08 Jul 2025 09:57 AM (IST)

    एक सेवानिवृत्त कर्नल को हर्बल बीज खरीदने के नाम पर साइबर ठगों ने 85 लाख रुपये का चूना लगाया। फेसबुक पर सारा वाल्टर नाम की एक महिला ने उनसे संपर्क किया और खुद को फार्मास्युटिकल कंपनी का कर्मचारी बताकर हर्बल बीजों का सौदा करने का लालच दिया। कर्नल ने कई किश्तों में पैसे दिए लेकिन उन्हें बीज नहीं मिले और पता चला कि किसान फर्जी है।

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    प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। कैंसर व अवसाद जैसी खतरनाक बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होने हर्बल बीजों की खरीद फरोख्त का झांसा देकर साइबर ठगों ने दून के एक कर्नल से 85 लाख रुपये की ठगी कर दी। तहरीर के आधार पर साइबर थाने में अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।

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    साइबर थाने में दी तहरीर में रिटायर्ड कर्नल सुरजीत सिंह ने बताया कि 12 जून को फेसबुक के माध्यम से उनसे सारा वाल्टर नाम की एक महिला ने संपर्क किया। खुद को यूक्रेन निवासी बताते हुए रायल इंफर्मरी अस्पताल, ब्रिस्टल, यूके में नर्स के रूप में काम करने का दावा किया।

    यूक्रेनी नागरिक बताने वाली महिला ने एक कंपनी के प्रबंधक से कराया संपर्क

    एलिज़ाबेथ ने फ्रैंक नामक व्यक्ति से संपर्क कराया जोकि एबाट फ़ार्मास्युटिकल का क्रय प्रबंधक होने का दावा कर रहा था। साथ ही उन्होंने दुर्लभ हर्बल बीजों के लिए खरीद व बिक्री माडल का प्रस्ताव रखा, जिसका कैंसर, अवसाद और अन्य बीमारियों के लिए दवाइयों के निर्माण में उपयोग किया जाता है। शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्हें दुर्लभ भारतीय हर्बल बीजों के स्थानीय खरीददार के रूप में काम करना था।

    बीजों को 81 हजार रुपये प्रति पैकेट (लगभग 1,000 डालर) की दर से खरीदा जाना था और कंपनी को 2,000 डालर प्रति पैकेट में बेचा जाना था। पहले आर्डर में 100 पैकेट शामिल थे। भुगतान अरुणाचल प्रदेश के रहने वाले सोनम थापा नामक किसान को किया जाना था।

    अरुणाचल निवासी सोनम थापा किसान से बीज खरीदकर कंपनी को बेचने थे

    हर्बल बीजों की खरीद के लिए उन्होंने 12 से 14 जून के बीच कुछ बैंक खातों में भुगतान करना शुरू किया। इसके बाद 14 से 29 जून को भी कुछ भुगतान किया। इस बीच उन्होंने करीब 85 लाख रुपये के बीज खरीदने के लिए ऑनलाइन भुगतान किया लेकिन बीज उन तक नहीं पहुंचे। धनराशि देने के बाद जब उन्होंने किसान सोनम थापा के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि वह फर्जी था। आरोपितों ने ठगी की कंपनी का नाम का दुरुपयोग किया। तहरीर के आधार पर साइबर थाने में अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।