साइबर ठगों की धरपकड़ को एसटीएफ की कार्रवाई जारी, 68 लाख ठगने वाला दिल्ली से गिरफ्तार
Cyber Crime उत्तराखंड एसटीएफ की साइबर ठगों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। टीम ने 68 लाख की धोखाधडी करने वाले गिरोह के मास्टमाइंड को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित ने बंद पड़ी बीमा पालिसी के नाम पर ठगी की।
जागरण संवाददाता, देहरादून। Cyber Crime इंश्योरेंस पालिसी की रकम शेयर बाजार में लगाकर मुनाफा कमाने का झांसा देकर 68 लाख रुपये की ठगी करने वाले शातिर को उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने शाहदरा, दिल्ली से गिरफ्तार किया है। आरोपित ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंकों में खाते खोले थे। आरोपित से छह मोबाइल, कई सिम कार्ड, लैपटाप और कुछ दस्तावेज बरामद हुए हैं।
एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि रायपुर निवासी ललिता ने एक जुलाई को तहरीर दी थी कि उनके भाई को एक व्यक्ति ने फोन कर बंद पड़ी बीमा पालिसी को शुरू करने के लिए संपर्क किया। आरोपित ने खुद को इंश्योरेंस कंपनी का एजेंट बनाया और कहा कि प्रीमियम जमा न होने के कारण बीमा पालिसी बंद हो गई है। उसने प्रीमियम जमा करने व पालिसी की धनराशि को शेयर मार्केट में लगाकर अधिक कमाई का लालच दिया। इसके बाद 10 अक्टूबर, 2014 से 12 अप्रैल, 2021 तक 68 लाख रुपये विभिन्न बैंक खातों में जमा करवा लिए।
पुलिस ने मोबाइल नंबर, ई वालेट व बैंक खातों के बारे में जानकारी हासिल की तो पता चला कि आरोपित ने धनराशि दिल्ली व गाजियाबाद के विभिन्न बैंक खातों में जमा कराई है। धोखाधड़ी से रकम हासिल करने के लिए उसने फर्जी नाम-पते, आधार कार्ड व वोटर कार्ड बनाकर विभिन्न बैंकों में जो खाते खोले थे, वह फर्जी कंपनियों के नाम पर थे। बैंक व टेलीकाम कंपनियों से साक्ष्य जुटाने के बाद पुलिस टीम दिल्ली व गाजियाबाद भेजी गई। बैंकों में जाकर पड़ताल करने पर पता चला कि आरोपित ने एचडीएफसी व केनरा बैंक में फर्जी दस्तावेजों से खाते खोले और लेनदेन किया है। बैंकों में जमा दस्तावेजों की जांच करने के बाद पुलिस को देवेश नंदी निवासी मंडोली, शाहदरा दिल्ली के इसमें शामिल होने का पता चला। शाहदरा से उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
किराये पर लेते थे खाते
पूछताछ में आरोपित देवेश ने बताया कि वह अपने साथियों की मदद से बीमा पालिसी के नवीनीकरण और प्रीमियम को शेयर मार्केट में लगाने का झांसा देकर धोखाधड़ी करते हैं। विभिन्न बैंकों में फर्जी आधार कार्ड व वोटर कार्ड से फर्जी कंपनियों के नाम पर खाते खुलवाकर उसमें ठगी की रकम डालते हैं। इसके लिए वह ऐसे लोग से संपर्क करते थे, जो खातों का कम ही इस्तेमाल करते थे। फिर उन्हें कुछ पैसा बतौर किराया देकर खातों में लेनदेन शुरू करते हैं। अब पुलिस ऐसे खाताधारकों की भी छानबीन कर रही है।
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