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    उत्‍तरांखड एसटीएफ के हाथ लगी बड़ी सफलता, ओएनजीसी अधिकारी से 7.39 करोड़ की ठगी करने वाला ठग गिरफ्तार

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 01:27 PM (IST)

    देहरादून में ओएनजीसी के जनरल मैनेजर से 7.39 करोड़ की साइबर ठगी हुई। एसटीएफ ने शादाब हुसैन नामक एक आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार किया। आरोपी ने फर्जी प्रोफाइल और इंडोनेशियन नंबर से निवेश का लालच देकर यह ठगी की। उसने वाट्सएप ग्रुप बनाकर लोगों को शेयर मार्केट में निवेश के लिए प्रेरित किया और बाद में टैक्स के नाम पर धोखा दिया।

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    आरोपी के खिलाफ कई राज्यों में साइबर अपराध के मामले दर्ज हैं। Concept Photo

    जागरण संवाददाता, देहरादून। निवेश का झांसा देकर ओएनजीसी त्रिपुरा में जनरल मैनेजर पद पर तैनात दून निवासी अधिकारी से 7.39 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले एक साइबर ठग को उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है।

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    आरोपित की पहचान शादाब हुसैन निवासी परवाना नगर, थाना इज्जतनगर बरेली के रूप में हुई है। ठगी की घटना को अंजाम देने के लिए साइबर ठग ने वाट्सएप पर फर्जी प्रोफाइल और अंतरराष्ट्रीय मोबाइल नंबर (इंडोनेशिया) का इस्तेमाल किया।

    एसटीएफ के एसएसपी नवनीत भुल्लर ने बताया कि शिकायतकर्ता संदीप कुमार ने ओएनजीसी त्रिपुरा में जनरल मैनेजर पद पर तैनात हैं और नेहरू कालोनी में निवास करते हैँ। 15 जून को उनके वाट्सएप नंबर पर उन्हें वेल्थ सीक्रेट एक्सचेंज ग्रुप में शामिल होने के लिए लिंक भेजा गया, और निवेश करने पर कई गुना मुनाफा का झांसा दिया गया।

    ग्रुप में जुड़े हुए थे 173 सदस्य

    लिंक पर क्लिक कर उन्होंने ग्रुप ज्वाइन कर लिया। ग्रुप में मुकेश कुमार शर्मा ग्रुप एडमिन था जबकि ग्रुप में 173 सदस्य जुड़े हुए थे। मुकेश कुमार शर्मा बातचीत में उनसे शेयर मार्केट की जानकारी देनी शुरू कर दी और ग्रुप के सदस्यों को शेयर मार्केट में भारी भरकम लाभ का लालच देते हुए 25 जुलाई को ग्रुप में एक एप का लिंक भेजा। लिंक पर क्लिक करने से एप खुल गया, जिस पर उन्होंने अपने आधार कार्ड नंबर से रजिस्ट्रेशन कर लिया।

    इसी बीच उनके फोन पर एक अन्य वाट्सएप ग्रुप डिसीप्लेन टीम में जोड़ दिया, जिसमें सात सदस्य थे। इस ग्रुप में आइपीओ व शेयर में निवेश के लिए प्रेरित किया गया। लालच में आकर उन्होंने निवेश करना शुरू कर दिया। 22 जुलाई से 20 अगस्त तक आइपीओ शेयर में निवेश के नाम पर उनसे 15 खातों में 7.39 करोड रुपये जमा कराए गए।

    एप में उन्हें आइपीओ व शेयर में निवेश से कुल मुनाफा 100 करोड़ रुपये के लगभग दिखाया गया। 21 अगस्त को उन्होंने पांच करोड़ रुपये निकालने के लिए रिक्वेस्ट डाली तो दूसरे दिन तीन करोड़ रुपये टैक्स भरने के लिए मैसेज आया। जब उन्होंने टैक्स काटकर बाकी रकम वापस करने की मांग की तो बताया गया कि इंटरनेशनल ब्रोकर फर्म होने के कारण टैक्स अलग से देना होगा। ठगी होने का एहसास होने पर उन्होंने 22 अगस्त को साइबर पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई।

    प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए विवेचना निरीक्षक आशीष गुसांई के सुपुर्द की गई। घटना में इस्तेमाल बैंक खातों, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर व वाट्सएप की जानकारी मांगी गई। जांच में आरोपित शादाब हुसैन का नाम सामने आया, जिसे साइबर थाने की टीम ने सोमवार को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया।

    पूछताछ में आरोपित की ओर से साइबर अपराध में इस्तेमाल बैंक खातों में केवल कुछ ही दिनों में करोड़ों रुपये का लेन-देन होने का तथ्य सामने आया। जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपित के देश के कई राज्यों में कुल 33 साइबर अपराधों की शिकायतें दर्ज हैं, जिनमें से अब तक प्रारंभिक जांच में चार मुकदमे दर्ज हुए हैं।

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