आखिर क्यों? उत्तराखंड के बुजुर्ग नहीं मान रहे PM Modi और Big B की बात, हो रहे अपराध के शिकार
साइबर अपराधी प्रधानमंत्री और अमिताभ बच्चन के जागरूकता प्रयासों के बावजूद लोगों को ठग रहे हैं। वरिष्ठ नागरिक विशेष रूप से निशाने पर हैं। जुलाई में साइबर अपराध के मामलों में वृद्धि हुई है जिसमें 24 दिनों में आठ लोगों से लाखों की ठगी हुई है। धोखेबाज नए-नए तरीके अपना रहे हैं जिसमें नकली निवेश साइट और केवाईसी अपडेट शामिल हैं। साइबर अपराध से बचने को सतर्क रहना जरूरी है।

सोबन सिंह गुसांई, देहरादून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व अभिनेता अमिताभ बच्चन की ओर से कालर ट्यून में साइबर ठगी के प्रति सचेत करने के बावजूद भी लोग जागरूक होने का नाम नहीं ले रहे हैं। निवेश के मैसेज व फर्जी वेबसाइट पर वीडियो देखकर लोग उन पर भरोसा कर रहे हैं और अपनी जिंदगी भर की कमाई लुटा दे रहे हैं।
मौजूदा समय में साइबर ठगों के निशाने पर वरिष्ठ नागरिक हैं। इस वर्ष जनवरी से जून तक साइबर ठगी के केसों में कमी देखी गई, लेकिन जुलाई महीने में साइबर ठगी के केसों में में एक फिर बढ़ोतरी हो गई है।
जुलाई माह में केवल 24 दिनों में साइबर ठग आठ लोगों से वित्तीय धोखाधड़ी कर चुके हैं, इसमें पीड़ितों से न्यूनतम 20 लाख और अधिकतम डेढ़ करोड़ रुपये की धनराशि साइबर ठगों के खातों में ट्रांसफर की है।
अचानक बढ़े साइबर ठगी के केसों ने एक बार फिर पुलिस के माथे पर चिंता की लकीरें खड़ी कर दी हैं। हर दूसरे या तीसरे दिन साइबर ठगी का बड़ा मामला साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में पहुंच रहा है।
15 जुलाई तक 84 करोड़ की साइबर ठगी
साइबर ठगी के लिए अपराधी नए-नए तरीके अपनाते रहते हैं। इस साल 15 जुलाई तक साइबर अपराधी 84 करोड़ रुपये की साइबर ठगी कर चुके हैँ। नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर कुल 16249 जबकि हेल्पलाइन नंबर 1930 पर 70183 शिकायतें दर्ज हुई। साइबर ठगी के कुल 122 मुकदमे दर्ज हुए।
केस-एक: साइबर ठगों ने गढ़ी कैंट निवासी 64 वर्षीय रघुबीर सिंह को कैंसर व तनाव संबंधी हर्बल बीज की खरीद-फरोख्त का झांसा देकर उनसे 89,11,297 लाख रुपये की साइबर ठग कर ली। साइबर ठग ने खुद को फार्मास्यूटिकल कंपनी का अधिकारी बताया और अरुणांचल प्रदेश का फर्जी किसान का नंबर देकर उनसे डील करवाई।
केस-दो: ठगों ने 78 वर्षीय विजेंद्र कुमार निवासी कनखल, हरिद्वार सेवानिवृत्त अधीक्षक अभियंता नहर परियोजना उत्तर प्रदेश को डिजीटल अरेस्ट कर में 1. 45 करोड़ रुपये की धनराशि ठग ली। आरोपितों ने कहा कि जांच के बाद धनराशि 48 घंटे में वापस की जाएगी, लेकिन अब तक धनराशि वापस नहीं आई।
केस-तीन: साइबर ठगों ने 71 वर्षीय सत्यवीर सिंह निवासी रुड़की को अपने जाल में फंसाकर उनसे 61.21 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित ने एक चेनल पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन का वीडियो देखा जिसमें 21 हजार रुपये निवेश करने पर सात दिनों में 6.50 लाख रुपये मिलने की बात कही। झांसे में आकर उन्होंने 61.21 लाख रुपये गंवा दिए।
इस तरह के ठगी के मामले आ रहे हैं सामने
- फेक इन्वेस्टमेंट साइट बनाकर : ज्यादा रिटर्न का लालच देकर बुजुर्गों को निवेश करवाना
- प्रोफाइल पर फोटो लगाकर: फेसबुक व वाट्सएप पर किसी अधिकारी की फोटो लगाकर रकम मांगना
- केवाइसी अपटेड कराने के नाम पर: बैंक या मोबाइल नंबर बंद होने का डर दिखाकर ओटीपी लेना व खाते से धनराशि निकालना
- फर्जी कस्टमर केयर नंबर : गूगल पर सर्च करने पर मिलने वाले फर्जी नंबर से काल कर रिमोट एक्सेस लेकर ठगी
- फर्जी पुलिस व आरबीआइ अधिकारी बनकर : मनी लांड्रिंग या खातों की जांच का डर दिखाकर ठगी करना
- एप डाउनलाेड कराकर : एनी डेस्क व क्विक सपोर्ट जैसे एप डाउनलोड कराकर खाते से रकम निकालना
साइबर ठगी से ऐसे बचें
- अंजान लिंक या क्यूआर कोड स्कैन न करें
- केवाइसी, इनाम या लाटरी के नाम पर काल करने वालों को कोई जानकारी न दें
- बैंक या किसी संस्था का कस्टमर केयर नंबर गूगल से नहीं, आफिशियल वेबसाइट से लें
- ओटीपी, एटीएम पिन और अकाउंट डिटेल किसी भी को भी शेयर न करें
- इंटरनेट मीडिया फ्रेंड रिक्वेस्ट सोच समझकर स्वीकार करें
- अनोखी स्कीम या आफर पर रकम देने से पहले परिवार व बैंक से सलाह लें
- अचानक आए काल पर घबराकर कोई रकम न दें, पहले पुष्टि कर लें
- ठगी की आशंका होने पर तत्काल साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।