Digital Arrest: 4 लोगों के 2.56 करोड़ रुपये साफ... गिरफ्तारी का ऐसा दिखाया खौफ; एफडी व पेंशन लोन लेकर रकम भेजी
देहरादून में साइबर ठगों ने डिजिटल गिरफ्तारी निवेश और उपहार के नाम पर चार लोगों से 2.51 करोड़ रुपये की ठगी की। ठगों ने पीड़ितों को गिरफ्तारी का डर दिखाकर एफडी तुड़वाकर और पेंशन लोन लेकर पैसे ट्रांसफर करने पर मजबूर कर दिया। पुलिस ने मामले दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और लोगों को साइबर अपराध के प्रति जागरूक रहने की सलाह दी है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। साइबर ठगों ने चार लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनसे 2.51 करोड़ रुपये ठग लिए। इनमें दो वरिष्ठ नागरिकों को डिजीटल अरेस्ट जबकि एक को गिफ्ट भेजने और एक को निवेश का झांसा देकर ठगी की गई।
ठगों ने वरिष्ठ नागरिकों गिरफ्तारी का ऐसा डर दिखाया कि उन्होंने अपनी एफडी तुड़वाकर व पेंशन लोन लेकर साइबर ठगों के खाते में धनराशि ट्रांसफर कर दी। चारों मामलों में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज किया गया है।
शिकायतकर्ता 78 वर्षीय विजेंद्र कुमार निवासी कनखल, हरिद्वार ने बताया कि वह सिंचाई विभाग मध्य गंगा नहर परियोजना उत्तर प्रदेश अलीगढ़ से अधीक्षण अभियंता के पद से सेवानिवृत्त हैं। वह अपनी पत्नी अंजना गोयल के साथ विष्णु गार्डन गुरुकुल कांगड़ी कनखल जिला हरिद्वार में निवास करते हैं। उनकी पत्नी कैंसर रोग से पीड़ित है।
पीड़ितों को एफडी व पेंशन लोन लेकर रकम भेजनी पड़ी
नौ जुलाई को वह हरिद्वार कोषागार में अपनी कार से जा रहा था तभी दोपहर तीन बजे उनके मोबाइल पर फोन आया। काल करने वाले ने बताया कि वह मुंबई थाने से एसपी रैंक का अधिकारी बात कर रहा है। कहा कि आप नरेश गोयल जोकि जेट एयरवेज के मालिक हैं के साथ मिलकर मनी लांड्रिंग का काम करता है। इस काम के लिए नरेश गोयल ने आपके खाते में छह करोड़ रुपये डाले हैं।
पीड़ित बुरीतरह घबराए और मानते गए सभी बातें
जब उन्होंने कहा कि वह किसी नरेश गोयल को नहीं जानते तो उन्होंने धमकाते हुए कहा कि हम आपको अरेस्ट करवाकर तत्काल मुंबई बुला लेंगे। अच्छा यही है कि आप तत्काल अपने घर जाएं और अपनी पत्नी को अपने पास बिठा लें तब हम आपको वीडियो काल करते हैं। पीड़ित ने बताया कि वह पूरी तरह से घबरा गए और घर जाकर अपनी पत्नी को साथ बैठ गए। वीडियो कॉल आई और उन्हें 24 घंटे डिजीटल अरेस्ट कर सभी बैंकों की बैंकों की डिटेल मांगी गई।
सभी खातों की दे दी जानकारी
उन्होंने सभी बैंक खातों व एफडी के बारे में जानकारी दे दी। इसके बाद आरोपितों ने कहा कि उनके खातों में जो धनराशि है सभी भेजनी पड़ेगी ताकि वह खातों की जांच कर सकेंगे। पीड़ित ने सभी एफडी तुड़वाई और सभी बैंक खातों में 1. 45 लाख रुपये की धनराशि ट्रांसफर कर दी। आरोपितों ने कहा कि जांच के बाद धनराशि 48 घंटे में वापस की जाएगी, लेकिन अब तक धनराशि वापस नहीं आई।
मनी लांड्रिंग में गिरफ्तारी का डर दिखाकर ठगे 21.30 लाख रुपये
वरिष्ठ नागरिक सत्यबीर सिंह निवासी रुड़की ने बताया कि वह सरकारी विभाग से सेवानिवृत्त हुए हैं। 28 मई को उन्हें एक अज्ञात व्यक्ति के मोबाइल वीडियो काल कर खुद को सीबीआई अधिकारी बताया। कहा कि आपके नाम पर कुछ अवैध गतिविधि हुई है और आपको तुरंत डिजिटल रूप से गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
बताया कि आपके नाम पर एक खाता है जिसके तहत दो करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग की गई है। उसने कहा कि इस मनी लांड्रिंग के दौरान 40 लेनदेन हुए हैं और आपको इन लेनदेन में 25 लाख रुपये मिले हैं। व्यक्ति ने पहचान सत्यापित करने के लिए खाते में सभी खातों की रकम ट्रांसफर करने को कहा। ऐसा न करने पर कानूनी परिणाम भुगतने की धमकी भी दी।
पेंशन लोन लिया था और एफडी भी
धमकी के कारण उन्होंने एसबीआई बैंक से 8.60 लाख रुपये का पेंशन लोन लिया और सात जुलाई से 11 जुलाई तक अपने बैंक और सभी एफडी खातों से रकम निकालकर 21.30 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। बाद में उन्हें ठगी का एहसास हुआ तो इसकी शिकायत उन्होंने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दी।
गिफ्ट भेजने के नाम पर ठगे 29 लाख रुपये
पथरीबाग पटेलनगर निवासी लखी राम ने बताया कि जैन्सन हेलेना नाम की एक महिला ने खुद को एम्सटर्डम, नीदरलैंड्स स्थित जानसन एंड जानसन कंपनी में सीनियर मैनेजर बताया। महिला ने उन्हें फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट और मैसेज भेजे, जोकि उन्होंने स्वीकार कर ली। इसके बाद महिला ने नाम, मोबाइल नंबर, घर व आफिस का पता मांगा। सात जून से महिला से फेसबुक मैसेंजर पर लगातार बात होनी शुरू हुई।
गिफ्ट के नाम पर किया कॉल
12 जून को महिला ने पीड़ित से कहा कि आपके जन्मदिन पर वह गिफ्ट भेज रही है। जब गिफ्ट इंडिया पहुंचेगा तो वहां लोकल एजेंट आपसे संपर्क करेगा। 16 जून को उन्हें मुंबई से फ्लोटा लाजिस्टिक्स के कस्टम एजेंट ने कॉल किया और पार्सल की बात कहते हुए कस्टम स्केनिंग चार्ज के रूप में 15 हजार रुपये ट्रांसफर करने को कहा। उन्होंने भरोसे में आकर गूगल पे के माध्यम से रकम भेज दी। इसके बाद उनसे विभिन्न चार्ज के रूप में 24 लाख रुपये ट्रांसफर करवाए।
पीड़ित ने बताया कि जब उन्होंने गूगल से साइबर हेल्पलाइन का नंबर लेकर शिकायत करनी चाही तो मदद की जगह उनसे डरा धमकाकर पांच लाख रुपये हड़प लिए गए। इस तरह उनके साथ कुल 29 लाख रुपये की साइबर ठगी हुई।
वित्त मंत्री का वीडियो देख गवाएं 61.21 लाख रुपये
रुड़की निवासी वरिष्ठ नागरिक ने एक चेनल पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन का वीडियो देखा जिसमें 21 हजार रुपये निवेश करने पर सात दिनों में 6.50 लाख रुपये मिलने की बात कही। झांसे में आकर उन्होंने 61.21 लाख रुपये गंवा दिए। पीड़ित मुनेश कुमार निवासी रुड़की हरिद्वार ने बताया कि सात मई को उन्होंने गूगल पर निवेश संबंधी जानकारी सर्च की।
गूगल पर फेसबूक का एक पेज दिखा जिसपर वित्त मंत्री का एक चेनल पर वीडियो चल रहा था जिसमें 21 हजार रुपये निवेश करने पर 6.50 रुपये देने का दावा किया जा रहा था। वीडियो पर विश्वास कर उन्होंने दिए गए लिंक पर क्लिक किया और रजिस्ट्रेशन कर दिया। कुछ समय बाद उन्हें फोन आया। कहा कि वह क्रिप्टोप्रोमार्केट से अकाउंट मैनेजर बात कर रहा है। आपका रजिस्ट्रेशन किया गया है। रजिस्ट्रेशन की फीस 21 हजार रुपये देने होंगे।
उन्होंने एक खाता नंबर दिया गया जिसमें उन्होंने 21 हजार रुपये जमा कर दिए। आठ मई को उन्हें दोबारा लिंक भेजा गया, जिस पर उनसे एक लाख रुपये जमा कराई गई।इसी तरह उन्हें विभिन्न तिथियों को फोन आते रहे और वह रकम जमा कराते रहे। साइबर ठगों ने उनसे 61.21 लाख रुपये जमा कराए, लेकिन कोई रकम वापस नहीं की गई।
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