Uttarakhand News: जेलों में कट्टरपंथ पर अंकुश को हिंसक कैदियों की होगी पहचान, केंद्र सरकार ने इस वजह से बनाई नई रणनीति
केंद्र सरकार ने जेलों में कट्टरपंथ बढ़ने की आशंका जताई है जिसके बाद गृह विभाग ने सभी जेलों को पत्र भेजकर उचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। कैदियों की पहचान और मूल्यांकन किया जाएगा और उग्र विचारधारा वाले कैदियों को अलग रखा जाएगा। पुनर्वास कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाएगा और कारागार कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

विकास गुसाईं, जागरण, देहरादून। प्रदेश की जेलों में कट्टरपंथ के उभार की समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। इस कड़ी में अब जेलों में बंद कैदियों की पहचान और मूल्यांकन किया जाएगा।
उग्र विचारधारा और कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वाले कैदियों को अलग रखते हुए इन पर कड़ी नजर रखी जाएगी। जेलों में लगातार बढ़ रही इस प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के क्रम में गृह विभाग इस दिशा में कदम बढ़ाने की तैयारी में है।
प्रदेश में इस समय 11 जेल हैं। इन जेलों में इस समय तकरीबन छह हजार कैदी बंद हैं। इनमें भी 2400 सिद्धदोष बंदी और शेष विचाराधीन कैदी हैं। यह देखने में आया है कि जेलों में चरमपंथी विचारधाराएं बढ़ रही हैं। यहां कट्टरपंथ खतरनाक हो सकता है।
जेलों में अलगाव की भावना, हिंसक व्यवहार की प्रवृत्ति और असामाजिक दृष्टिकोण से यह पनपता है। ऐसे में ये तत्व जेल के भीतर ही कर्मचारियों, अन्य कैदियों अथवा जेल के बाहर भी हमलों की साजिश कर सकते हैं। यह भी आशंका जताई गई है कि हिंसक कैदी कमजोर व्यक्तियों को अपने प्रभाव में ले सकते हैं। ऐसे में जेलों में कट्टरपंथ को समाप्त करना बेहद जरूरी है।
केंद्र ने यह सुझाव दिया है कि जेलों में पुनर्वास कार्यक्रमों में परामर्श, संज्ञानात्मक व्यवहार थैरेपी (सीबीटी), विद्वानों व सामाजिक कार्यकर्ताओं की सहभागिता सुनिश्चित की जाए। कारागार कर्मियों को प्रशिक्षण देने के साथ ही संवेदनशीलता का विकास किया जाए और कैदियों को उनके परिवार से संवाद बनाने के लिए पहल की जाए। इसके साथ ही जेलों की सुरक्षा को बढ़ाते हुए सभी का पूरा डाटा रखा जाए। कैदियों को वर्गीकृत करते हुए उनकी निगरानी सुनिश्चित की जाए।
केंद्र द्वारा दिए गए सुझावों के क्रम में राज्य का गृह विभाग भी इस दिशा में कदम बढ़ा रहा है। सभी जेलों को पत्र भेजकर केंद्र के सुझावों के अनुसार कार्य करने को कहा जा रहा है। सचिव गृह शैलेश बगौली का कहना है कि इस संबंध में केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश मिले हैं। इसी आधार पर जेलों को आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देश भेजे जा रहे हैं।
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