उत्तराखंड में छात्रों को उलझा रही प्रवेश व्यवस्था, निजी कॉलेज एसोशिएशन नाराज़
निजी कॉलेज एसोसिएशन ने सीयूईटी और समर्थ पोर्टल को विफल बताते हुए छात्रों और कॉलेजों को हो रही परेशानी पर चिंता जताई है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल ने कहा कि दाखिले में देरी से छात्रों का शैक्षणिक सत्र प्रभावित हो रहा है और कॉलेजों की हालत खराब है। उन्होंने प्रधानमंत्री और शिक्षा मंत्रियों को पत्र लिखकर प्रवेश प्रक्रिया में सुधार की मांग की है।

जासं, देहरादून। निजी कॉलेज एसोशिएशन ने सीयूईटी (कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट) और समर्थ पोर्टल दोनों को विफल करार देते हुए कहा है कि छात्रों और कॉलेजों को बेवजह परेशान किया जा रहा है।
एसोशिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि प्रदेश में दाखिले में देरी से न केवल छात्रों का शैक्षणिक सत्र प्रभावित हो रहा है, बल्कि कॉलेजों की स्थिति भी बेहद खराब हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि सीयूईटी की शुरुआत सत्र 2022-23 से हुई थी, जो शुरू से ही विवादों में रही है। मौजूदा सत्र के लिए परीक्षा 13 मई से 4 जून तक कराई गई और इसका परिणाम 4 जुलाई को घोषित हुआ।
परिणाम घोषित होने के बाद छात्रों से समर्थ पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य किया गया। लेकिन पोर्टल समय पर न खुलने और बार-बार बंद होने के कारण दाखिला प्रक्रिया अटक गई।अब अक्टूबर शुरू हो गया है, लेकिन सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों तक में सीटें खाली हैं, वहीं निजी कॉलेजों की हालत और भी चिंताजनक है।
गढ़वाल विश्वविद्यालय का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि पीजी (बीएड सहित) प्रवेश परीक्षा 14 जुलाई को कराई गई, जिसका परिणाम 6 अगस्त को आया। इसके बाद भी समर्थ पोर्टल की यही स्थिति रही और अब पांच अक्टूबर तक दाखिले की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है। इसके बावजूद तमाम कॉलेजों में सीटें खाली पड़ी हैं।
डॉ. अग्रवाल ने सवाल उठाया कि जब पहले बिना सीयूईटी और समर्थ पोर्टल के प्रवेश प्रक्रिया सुचारू रूप से चलती थी, तो अब छात्रों को क्यों परेशान किया जा रहा है। राज्य विश्वविद्यालयों द्वारा जारी अकादमिक कैलेंडर में प्रवेश की अंतिम तारीख 19 जुलाई और शिक्षण कार्य एक अगस्त से तय किया गया है, लेकिन हकीकत यह है कि अक्टूबर तक दाखिले पूरे नहीं हो पाए।
उन्होंने कहा कि अदालत और यूजीसी पहले ही कह चुके हैं कि सीटें खाली रखना छात्रों के साथ अन्याय है। लेकिन प्रदेश में नई व्यवस्थाओं को लागू करने की होड़ मचाई जाती है, चाहे वे कारगर हों या नहीं।
डॉ. अग्रवाल ने प्रधानमंत्री, केंद्रीय शिक्षा मंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को पत्र भेजकर मांग की है कि प्रवेश परीक्षाएं मई तक करा ली जाएं, जून में परिणाम घोषित हों और जुलाई तक दाखिला प्रक्रिया पूरी हो जाए ताकि 16 अगस्त से नियमित शिक्षण कार्य शुरू हो सके।
उन्होंने यह भी कहा कि समर्थ पोर्टल पूरी तरह असफल साबित हुआ है और इसे तत्काल समाप्त किया जाना चाहिए, क्योंकि यह केवल छात्रों और कॉलेजों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है।
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