कार्बेट घोटाला ईडी ने कसा शिकंजा, पूर्व रेंजर शर्मा और डीएफओ की 1.75 की संपत्ति जब्त
कार्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध पेड़ कटान मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। आरोपी रेंजर की पत्नी और डीएफओ के बेटों की 1.75 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई जिसमें हरिद्वार और बिजनौर में प्लॉट शामिल हैं। आरोपियों ने घपले की रकम से संपत्ति खरीदी थी। विजिलेंस ने पहले गिरफ्तारी की अब सीबीआई और ईडी जांच कर रही हैं। यह घोटाला 215 करोड़ से अधिक का है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। कार्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध रूप से 6000 से अधिक पेड़ों के कटान और निर्माण के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है।
ईडी की देहरादून शाखा ने मामले में आरोपित तत्कालीन रेंजर बृज बिहारी शर्मा की पत्नी राजलक्ष्मी शर्मा और तत्कालीन डीएफओ किशन के दो पुत्रों अभिषेक कुमार सिंह और योगेंद्र कुमार सिंह के नाम पर दर्ज 1.75 करोड़ रुपए की संपत्ति प्रारंभिक रूप से जब्त कर ली है।
ईडी के सूत्रों के अनुसार जब्त की गई संपत्ति में हरिद्वार और उत्तर प्रदेश के बिजनौर क्षेत्र में विभिन्न प्लाट शामिल हैं। ईडी इससे पहले भी तत्कालीन डीएफओ किशन चंद की संपत्ति को जब्त कर चुकी है। जिसमें दिसंबर 2023 में प्रारंभिक रूप से अटैच किए गए हरिद्वा-रुड़की 31.8 करोड़ रुपए के स्कूल, स्टोन क्रशर, भवन और भूमि को कुछ समय बाद ही अंतिम रूप से जब्त कर दिया गया था।
ईडी के अधिकारियों के अनुसार कार्बेट प्रकरण में मुख्य आरोपितों ने घपला कर जो रकम एकत्रित की, उससे स्वजनों के नाम पर संपत्ति खरीदी। वहीं, दोनों मुख्य आरोपितों पर सबसे पहले उत्तराखंड विजिलेंस ने शिकंजा कसते हुए गिरफ्तारी भी की थी।
विजिलेंस का मामला अब सीबीआइ के सुपर्द किया गया है, जबकि प्रकरण में मनी लांड्रिंग की स्थिति को देखते हुए ईडी की जांच भी गतिमान है। कार्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज से जुड़ा यह घपला 215 करोड़ रुपए से अधिक के कार्यों से जुड़ा है।
इस मामले में भाजपा की तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार में वन मंत्री रहे डा हरक सिंह रावत (अब कांग्रेस में शामिल) की भूमिका पर गंभीर सवाल हैं और कई वनाधिकारियों को आरोपित बनाया गया है। सीबीआइ के साथ ही ईडी भी प्रकरण में निरंतर शिकंजा कस रही है।
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