जेल में बैठकर ''सल्तनत'' चला रहा है कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि, गुर्गों के पास ऐसे पहुंचता है मैसेज
देहरादून से आई खबर के अनुसार सितारगंज जेल में बंद कुख्यात अपराधी प्रवीण वाल्मीकि जेल से ही अपना साम्राज्य चला रहा है। वह संदेशों के आदान-प्रदान और गुर्गों से मिलकर अपराध की योजना बनाता है। पुलिस ने जेलों में मुलाकातियों पर नजर रखनी शुरू कर दी है और अपराधियों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। प्रवीण वाल्मीकि पहले सुनील राठी गैंग का सदस्य था।
जागरण संवाददाता, देहरादून। हत्या, लूट, डकैती, रंगदारी व फिरौती जैसे संगीन अपराध में सितारगंज जेल में बंद कुख्यात अपराधी प्रवीण वाल्मीकि जेल में बैठकर ही अपनी सल्तनत चला रहा है। जेलों में फोन का इस्तेमाल पर सख्ती हुई तो जेल में मिलाई और कोर्ट में पेशी के दौरान कुख्यात व उनके गुर्गों में संदेश आदान-प्रदान होने लगे।
गिरफ्तार मनीष बालर जिसका पहले ही अपराधिक रिकार्ड है वह प्रवीण वाल्मीकि का नाम लेकर दहशत फैलाता है और लोगों को डरा धमकाकर जमीनों पर कब्जा जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जाता है।
सितारगंज जेल में बंद कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि के खिलाफ 25 से 30 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें छह मामलों में वह सजायाफ्ता है, जिसमें उसे आजीवन कारावास की सजा भी शामिल है।
प्रवीण वाल्मीकि के खिलाफ हरिद्वार जिले में सर्वाधिक मुकदमे हैं, जिसमें वह कोर्ट में पेश होने के लिए आता-जाता रहता है। इसी दौरान उसके गुर्गे उससे कुछ समय के लिए मुलाकात करते हैं और रणनीति तैयार करते हैं। यही नहीं प्रवीण वाल्मीकि के गुर्गे अलग-अलग समय-समय पर जेल में उससे मुलाकात करने के लिए जाते हैं, और टास्क के बारे में जानकारी देते हैं।
एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि लगातार इस तरह की घटनाएं सामने आने के बाद जेलों में मुलाकातियों पर नजर रखनी शुरू कर दी है।
उत्तराखंड के विभिन्न जेलों में बंद सुनील राठी, नरेंद्र वाल्मीकि, प्रवीण वाल्मीकि, चीनू पंडित व कलीम अहमद पर नजर रखने के लिए अलग-अलग अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। कुख्यात किससे मिलते हैं उनकी पूरी रिपोर्ट बनाई जा रही है। इसके अलावा वह जेल में पीसीओ से किस-किससे बात करते हैं, उसका भी सर्विलांस से रिकार्ड रखा जा रहा है।
सुनील राठी का गैंग का सदस्य रह चुका है प्रवीण वाल्मीकि
कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि पूर्व में सुनील राठी गैंग का सक्रिय सदस्य था। उसने सुनील राठी के कहने पर कई वारदातों को अंजाम भी दिया। इसके बाद प्रवीण वाल्मीकि ने सुनील राठी के साथ काम करना बंद दिया और अपना ही गैंग बना दिया। हत्या, रंगदारी, फिरौती जैसे संगीन अपराध को अंजाम देते हुए उसने अपने गुर्गे भी बनाए और वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया।
रंगदारी से लेकर नशा तस्करी के मामले आ चुके हैं सामने
जुलाई 2025 में कुख्यात बदमाश चीनू पंडित गैंग के दो बदमाशों को एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने प्रेमनगर क्षेत्र से गिरफ्तार किया था। दोनों बदमाशों के कब्जे से तीन पिस्टल, एक तमंचा और 12 जिंदा कारतूस बरामद किए गए। चीनू पंडित के पैरोल पर जेल से बाहर आने के बाद ये दोनों बदमाश हरिद्वार में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे।
वहीं मई 2021 में एसटीएफ ने अल्मोड़ा जेल में सर्च आपरेशन चलाकर जेल से तीन मोबाइल फोन, चार सिम और 1. 29 लाख रुपये कैश बरामद किया गया। एसटीएफ को इनपुट मिला था कि कुख्यात बदमाश कलीम अहमद, जोकि तब अल्मोड़ा में बंद था, वह जेल से ही अपने गैंग की आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा था।
इसी तरह नवंबर 2021 में एसटीएफ ने नरेंद्र वाल्मीकि के तीन शूटरों को गिरफ्तार किया था। नरेंद्र वाल्मीकि ने इन्हें रुड़की के दो व्यक्तियों की हत्या का काम सौंपा था।
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