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    Uttarakhand News: मनमानी फीस बढ़ाने वाले निजी स्कूलों पर सख्त निर्देश, हर साल विभाग को देनी पड़ेगी ये जानकारी

    देहरादून में निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर सरकार सख्त हो गई है। शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से स्कूलों की फीस संरचना और वृद्धि का ब्योरा मांगा है। सरकार ने पूर्व में भी फीस और डोनेशन पर निगरानी रखने के आदेश दिए थे जिनका पालन नहीं किया गया। ऐसा न करने पर अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।

    By Ashok Kumar Edited By: Ashish Mishra Updated: Wed, 27 Aug 2025 10:59 AM (IST)
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    निजी स्कूलों को हर वर्ष बताना होगी फीस का प्रारूप। फाइल फोटो

    अशोक केडियाल, देहरादून।  राज्य के कई निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर शिकंजा कसने की तैयारी सरकार ने तेज कर दी है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों (सीईओ) को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने जिले के निजी स्कूलों से इस शैक्षिक सत्र की फीस संरचना (फीस स्ट्रक्चर) विभाग को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएं।

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    इसके साथ ही यह भी स्पष्ट करना होगा कि इस वर्ष फीस में कितने प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। वर्तमान में राज्य में 5438 निजी विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं।  सरकार की सख्ती के बावजूद जिलास्तर पर लापरवाही के चलते निजी स्कूल मनमाने ढंग से फीस वसूल रहे हैं।

    बीते मार्च में जब शिक्षा विभाग ने कड़ाई दिखाई थी तो राजधानी दून के कई नामी स्कूलों के प्रबंधकों को पहली बार मुख्य शिक्षा अधिकारी के समक्ष हाजिर होना पड़ा था। नियमों की अनदेखी करने पर इन स्कूलों की मान्यता पर तलवार लटक गई थी। इसके बाद शुरुआती दिनों में सीईओ ने कार्रवाई की, लेकिन बाद में ढिलाई होने से निजी स्कूलों की मनमानी दोबारा बढ़ गई।

    खास बात यह रही कि दून के छह प्रतिष्ठित निजी स्कूलों को सीईओ ने तलब किया था, जिनकी शिकायत सरकार के टोल फ्री नंबर पर अभिभावकों ने की थी। बैठक में अनुपस्थित रहने वाले स्कूलों को नोटिस भी जारी किए गए थे।

    इसके साथ ही मुख्य शिक्षा अधिकारी ने सभी स्कूलों को ड्रेस एडवाइजरी लागू करने और फीस संरचना समय से अभिभावकों को बताने के निर्देश दिए थे। अब निदेशक माध्यमिक ने साफ कर दिया है कि सभी सीईओ को अपने जिले के निजी स्कूलों की मासिक फीस वसूली का ढांचा और फीस वृद्धि का ब्योरा विभाग को भेजना ही होगा।

    ऐसा न करने पर अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।  इस आदेश का नहीं किया गया पालन  24 मार्च, 2025 को माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से समस्त सीईओ को आदेशित किया गया था कि राज्य में संचालित निजी विद्यालयों की ओर से अत्यधिक शुल्क एवं पुस्तकों के क्रय पर निगरानी बढ़ाई जाए।

    साथ ही छात्रों से किसी भी प्रकार का डोनेशन नहीं वसूल किया जाएगा। सरकार की ओर से तय मासिक शुल्क ही लिया जाएगा।

    सभी विद्यालयों का वार्षिक रिपोर्ट देनी होगी। शैक्षणिक कैलेंडर, शिक्षकों का संख्या, पीटीए गठन संबंधी सूचना प्रत्येक वर्ष 15 सितंबर से पहले विद्यालय की वेबसाइट पर देनी होगी।

    सभी सीईओ को निजी स्कूलों की मासिक फीस संरचना विभाग को भेजनी होगी। इस वर्ष फीस में कितनी वृद्धि की गई, इसका भी ब्योरा देना होगा।  -डॉ. मुकुल सती, निदेशक माध्यमिक।