उत्तराखंड में बिजली की दरों में बदलाव! उपभोक्ताओं पर क्या होगा असर?
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने यूपीसीएल के ईंधन और बिजली खरीद लागत समायोजन प्रस्ताव को मंजूरी दी, जो अप्रैल-जून 2025 से लागू होगा। इसका उद्देश्य वास्तविक लागत अंतर को वसूलना है, जिससे कंपनी की वित्तीय स्थिति बनी रहे। आयोग ने यूपीसीएल को मासिक विवरण 28 तारीख तक अपलोड करने का निर्देश दिया है। वर्तमान में, औसत विद्युत खरीद लागत 5.39 रुपये प्रति यूनिट है, और 27.28 करोड़ रुपये का अधिशेष है।

समायोजन का विवरण माह की 28 तारीख तक उपभोक्ताओं के लिए अपलोड करना होगा। प्रतीकात्मक
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग उत्तराखंड पावर कारपोरेशन की ओर से प्रस्तुत ईंधन और विद्युत खरीद लागत समायोजन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह समायोजन अप्रैल से जून, 2025 की तिमाही के लिए लागू होगा।
यूमपीसीएल ने आयोग के समक्ष बताया था कि ईंधन व बिजली खरीद लागत समायोजन का उद्देश्य ग्राहकों से वास्तविक विद्युत खरीद लागत में होने वाले अंतर को समय पर वसूलना है। आयोग ने स्पष्ट किया कि यदि इसे तुरंत नहीं लागू किया जाता, तो लागत का अंतर अगले साल के ट्रू-अप तक जमा हो जाएगा, जिससे कंपनी की वित्तीय स्थिति प्रभावित हो सकती है और विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता पर भी असर पड़ सकता है।
आयोग ने निर्देश दिया कि यूपीसीएल अगले माह के समायोजन का विवरण माह की 28 तारीख तक उपभोक्ताओं के लिए अपलोड करे, ताकि लोग अपने मासिक बजट की योजना बना सकें। यूपीसीएल के अनुसार, राज्य की सीमा पर औसत विद्युत खरीद लागत 5.39 रुपये प्रति यूनिट है। इस अवधि में 27.28 करोड़ का अधिशेष है, जिसे आगे समायोजित किया जाएगा।

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