coronavirus के संक्रमण से बचाव को लें आयुर्वेद की मदद, बढ़ेगी प्रतिरोधक क्षमता
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देकर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव किया जा सकता है। भारतीय चिकित्सा परिषद-उत्तराखंड ने भी इसकी पैरवी की है
देहरादून, जेएनएन। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देकर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव किया जा सकता है। भारतीय चिकित्सा परिषद-उत्तराखंड ने भी इसकी पैरवी की है। उनका कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रभाव उन व्यक्तियों पर अधिक होता है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम अथवा न्यून है। आयुर्वेद के माध्यम से रोगियों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा सकती है।
उत्तराखंड में कोरोना संदिग्धों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। अबतक यहां छह मामले कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। ऐसे में कोशिश की जा रही है कि इस वायरस के संक्रमण को किसी भी हालत में रोका जाए। इससे लड़ने के लिए इम्यूनिटी सिस्टम का मजबूत होना भी काफी महत्व रखता है। इसी को देखते हुए भारतीय चिकित्सा परिषद-उत्तराखंड ने परिषद के अध्यक्ष डॉ. दर्शन कुमार ने इस बावत प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलसचिव और अन्य आयुर्वेद कालेजों के प्रबंधन को पत्र लिखा है।
पत्र में कहा गया है कि वर्तमान में देश-प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। आए दिन नये मरीज इसकी चपेट में आ रहे हैं। उनका कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रभाव उन व्यक्तियों पर अधिक होता है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम अथवा न्यून है। आयुर्वेद के माध्यम से रोगियों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा सकती है, जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण से व्यक्ति का शरीर स्वत: लड़ सके।
उनका ये भी कहना है कि भारत आयुर्वेद का जनक है। आयुर्वेद में अनेकों ऐसे उपचार उपलब्ध हैं, जिनसे असाध्य रोगों का उपचार किया जा सकता है। राज्य में भी आयुर्वेद के महान विद्वान हैं, जिनके पास जड़ी-बूटियों और आयुर्वेद औषधियों के प्रमाणिक उपचार उपलब्ध हैं। यह समय प्रदेश के नागरिकों को आयुर्वेद विद्या से स्वस्थ्य रखने का है। साथ ही योग के माध्यम से भी आमजन को निरोगी रहने के लिए जागरूक किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें: coronavirus फोबिया को दिमाग पर न होने दें हावी, ऐसे लड़ें खुद और दूसरों को भी दें सलाह