उत्तराखंड में पहाड़ पर भी तेज हुआ कोरोना का प्रसार, सबसे ज्यादा ये जिले हैं प्रभावित
कोरोना की दूसरी लहर अब प्रदेश के नौ पर्वतीय जनपदों में भी आफत बनने लगी है। यहां हर दिन मामले बढ़ रहे हैं। शुरुआती चरण में मैदानी जिलों में ही ज्यादा संक्रमित मिल रहे थे। पहाड़ में सबसे ज्यादा प्रभावित टिहरी पौड़ी अल्मोड़ा और चंपावत हैं।

जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोना की दूसरी लहर अब प्रदेश के नौ पर्वतीय जनपदों में भी आफत बनने लगी है। यहां हर दिन मामले बढ़ रहे हैं। शुरुआती चरण में मैदानी जिलों में ही ज्यादा संक्रमित मिल रहे थे। पहाड़ में सबसे ज्यादा प्रभावित टिहरी, पौड़ी, अल्मोड़ा और चंपावत हैं। स्थिति इसलिए भी चिंताजनक है, क्योंकि पर्वतीय जनपदों में जांच की रफ्तार बेहद सुस्त है और संक्रमण दर बढ़ रही है।
आसान भाषा में कहें तो कम जांच के बावजूद काफी ज्यादा लोग संक्रमित मिल रहे हैं। पिछले 25 दिन का आकलन करने पर जो तस्वीर सामने आती है, उसके अनुसार इन चार जनपदों में संक्रमण की दर दस फीसद से ऊपर है। मामले बढ़ने का एक कारण प्रवासियों के लौटने को भी माना जा रहा है।
-अनूप नौटियाल ( अध्यक्ष, सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन) का कहना है कि पहाड़ में जिस तेजी से कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है। उसे रोकने के लिए जांच में और तेजी लाने की आवश्यकता है।
संक्रमण दर ने बढ़ाई चिंता
हरिद्वार को छोड़कर राज्य के बाकी 12 जिलों में संक्रमण दर तेजी से बढ़ रही है। बीती 20 अप्रैल को इन जिलों में औसत संक्रमण दर 16.4 फीसद थी, जो 24 अप्रैल को 23.5 फीसद पर पहुंच गई। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में हालात किस कदर भयावह होते जा रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक संक्रमण दर का पांच प्रतिशत के ऊपर जाना ही काफी चिंताजनक है। राज्य के नौ में से आठ पहाड़ी जिलों में संक्रमण दर पांच फीसद से ऊपर है।
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