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Coronavirus: उत्तराखंड में फिर सुधरने लगी कोरोना डबल होने की दर

उत्तराखंड में प्रवासियों की आमद के साथ संक्रमण की दर उछाल मारने लगी तो कम समय में ही कोरोना के मामले डबल होने लगे। अब कोरोना के डबल होने की रफ्तार घट गई है।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Thu, 11 Jun 2020 12:54 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jun 2020 12:54 PM (IST)
Coronavirus: उत्तराखंड में फिर सुधरने लगी कोरोना डबल होने की दर
Coronavirus: उत्तराखंड में फिर सुधरने लगी कोरोना डबल होने की दर

देहरादून, सुमन सेमवाल। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की शुरुआत (15 मार्च) होने के बाद यह 13वां सप्ताह है। आठवें हफ्ते (03 मई से 09 मई) तक कोरोना संक्रमण के डबल होने को लेकर हमें किसी तरह की चिंता नहीं थी। यही वह हफ्ता भी रहा, जब डबलिंग दर ने 96 दिन का आंकड़ा भी छुआ। हालांकि, यह सुकून का आखिरी हफ्ता भी रहा। क्योंकि, प्रवासियों की आमद के साथ संक्रमण की दर उछाल मारने लगी तो कम समय में ही कोरोना के मामले डबल होने लगे। 11वें हफ्ते में 26 मई को यह अंतराल सबसे कम 3.84 दिन पर भी आ गया। इस हफ्ते के किसी भी दिन कोरोना डबल होने की रफ्तार पांच दिन को पार नहीं कर पाई। 

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नतीजा यह रहा कि सप्ताह के बाद उत्तराखंड रेड जोन की दर (कम से कम 14 दिन) को पार कर गया। अब 13वें हफ्ते में बुधवार को कोरोना की डबलिंग दर 15.41 दिन पर आ गई है। 

राज्य के मुकाबले दून की दर बेहतर

देहरादून में कोरोना के डबल होने की दर बुधवार को राज्य के मुकाबले कहीं बेहतर रही। प्रदेश में जहां बुधवार को साप्ताहिक आधार पर कोरोना डबल होने की दर 15.41 दिन रही, वहीं देहरादून में यह दर सुधरकर 22.17 दिन पर पहुंच गई है। 

गंभीर बीमारी वाले 2362 चिह्नित

कोरोना का सबसे अधिक खतरा उन लोगों को है, जो पहले से ही किसी बीमारी से जूझ रहे हैं। इनमें डायबिटीज, हृदयरोग, उच्च रक्तचाप से ग्रसित लोग और संवेदनशीलता के मामले में गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। बुधवार तक ऐसे 2362 लोगों को चिह्नित किया जा चुका है।

दून के जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि पहले से बीमार लोगों और गर्भवती महिलाओं में कोरोना वायरस का संक्रमण खतरनाक हो सकता है। लिहाजा, सामुदायिक निगरानी के जरिये ऐसे लोगों को निरंतर चिह्नित कर अलग से डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। इन लोगों की विशेष निगरानी कर सेहत पर नजर रखी जाएगी। जिससे किसी भी आपात स्थिति में ऐसे लोगों तक त्वरित चिकित्सा सुविधा पहुंचाई जा सके। 

इसके अलावा जो लोग डॉक्टर की पर्ची पर खांसी-जुकाम की दवा ले रहे हैं, उनका ब्योरा भी निरंतर मंगाया जा रहा है। बुधवार को भी ऐसे 146 लोग चिह्नित किए गए। कंटेनमेंट जोन में भी निरंतर निगरानी कराई जा रही है। 471 नए लोगों का इसके तहत हाल-चाल जाना गया। जिलेभर के संवेदनशील क्षेत्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की 19 टीम इस काम में लगी है। 18 हजार 193 लोगों का अब तक सर्विलांस किया जा चुका है।

दून के आठ कंटेनमेंट जोन समाप्त

कोरोना संक्रमण के नए मामलों के बीच दून में राहत की बात भी सामने आई। बुधवार को दून में एक साथ आठ कंटेनमेंट जोन (नियंत्रण क्षेत्र) समाप्त कर दिए गए हैं। हालांकि, दो नए कंटेनमेंट जोन भी अस्तित्व में आ ए। अब कुल कंटेनेमंट जोन की संख्या घटकर 19 हो गई है।

समाप्त किए गए कंटेनमेंट जोन में पटेलनगर क्षेत्र की गुरु रोड, ओम सार्थक अपार्टमेंट सेवला कलां का हिस्सा, एमडीडीए कॉलोनी आइएसबीटी का ईडब्ल्यूस ब्लॉक, प्रेम बत्ता गली (संतोवाली घाटी), नेगी तिराहा रेसकोर्स, डांडीपुर मोहल्ला आंशिक, बैराज कॉलोनी (टाइप-ए) शामिल हैं।

जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि संबंधित क्षेत्र को 14 दिन की कंटेनमेंट अवधि में रखा गया था। इस बीच पूरे क्षेत्र में सामुदायिक निगरानी कराई गई। जरूरत पड़ने पर लोगों के सैंपल लिए गए। इस बीच कोरोना संक्रमण का नया मामला सामने न आने और लोगों में संदिग्ध लक्षण नहीं पाए गए। 

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मुख्य चिकित्साधिकारी की संस्तुति के आधार पर अब इन क्षेत्रों का कंटेनमेंट जोन समाप्त कर दिया गया है। उधर, कोरोना संक्रमण के नए मामले मिलने पर चमनपुरी क्षेत्र व पूर्वी पटेलनगर क्षेत्र के एक हिस्से को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है।

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