Dehradun News: कलमा पढ़ने और बुर्का पहनने का बनाते थे दबाव, मतांतरण गिरोह का भंडाफोड़; पांच गिरफ्तार
मतांतरण कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है जिसमें पांच लोग गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें से एक आरोपी अब्दुल रहमान देहरादून के सहसपुर का रहने वाला है। यह गिरोह युवतियों को रुपयों का लालच देकर उनका ब्रेनवाश कर रहा था। पुलिस ने युवती के पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में गिरोह के तार उत्तर प्रदेश से जुड़े पाए गए हैं।

जागरण टीम, देहरादून/आगरा। उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से सुर्खियों में बने छांगुर उर्फ जमालुददीन के मतांतरण कराने को लेकर हो रही चर्चा के बीच देहरादून में भी मतांतरण कराने वालों का गिरोह के सक्रिय होने का पर्दाफाश हुआ है। हालांकि यह साफ नहीं है कि इस गिरोह के तार छांगुर से जुड़े हैं या नहीं, लेकिन इतना जरूर है कि मामला उत्तर प्रदेश से ही जुडा है।
यहां आगरा की दो सगी बहनों का मतांतरण कराने के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने पांच आरोपितों को पकड़ा है। इनमें एक देहरादून जिले के सहसपुर के शंकरपुर निवासी अब्दुल रहमान भी शामिल है। इसी के गिरोह के सदस्य रानीपोखरी में भी मतांतरण का जाल फैलाने के प्रयास में थे। युवती को मतांतरण के लिए रुपयों का लालच दिया जा रहा था।
आरोपित युवती से इंस्टाग्राम के माध्यम से संपर्क में थे और मुस्लिम धर्म अपनाने का दबाव बना रहे थे। इस मामले में पुलिस ने युवती के पिता की तहरीर पर पांच पांच आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है।
उसने रानीपोखरी की एक युवती के मतांतरण का भी प्रयास किया
एसटीएफ एसएसपी नवनीत भुल्लर और एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश के आगरा में मतांतरण रैकेट के संबंध में दर्ज हुए मुकदमे में आरोपित अब्दुल रहमान की भूमिका सामने आई। जिस पर कार्रवाई करते हुए गुरुवार को उप्र एटीएस ने शंकरपुर से अब्दुल रहमान को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में पता चला कि वह मतांतरण कराने वाले गिरोह से जुड़ा है और अपने साथियों के साथ मिलकर उसने रानीपोखरी की एक युवती के मतांतरण का भी प्रयास किया।
उप्र एटीएस से इनपुट मिलने के बाद उत्तराखंड एसटीएफ ने अब्दुल की इंस्टाग्राम आइडी की जांच की। पुलिस ने युवती के पिता की तहरीर पर अब्दुल रहमान, कोतवाली मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश निवासी अबु तालिब, कनाट प्लेस नई दिल्ली निवासी अयान, अमन और उत्तरी ओल्ड गोवा निवासी श्वेता के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है।
आगरा पुलिस आयुक्त का है ये कहना
आगरा पुलिस आयुक्त दीपक कुमार का कहना है कि पुलिस ने शेखर राय उर्फ हसन अली को पकड़ा। आरोपित बारासात अदालत में कर्मचारी है। उससे पूछताछ के बाद पुलिस ने रीत बनिक उर्फ मोहम्मद इब्राहिम को पकड़ा। कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड पर टीम दोनों को लेकर आगरा के लिए निकल गई थी। इधर, पुलिस की एक टीम ने देहरादून से अब्दुल रहमान नाम के व्यक्ति को पकड़ा। बरेली और राजस्थान से भी एक-एक आरोपित को पकड़ा है।
युवतियां भी इस्लाम के पक्ष में मुहिम चलाती थीं
पुलिस आयुक्त के अनुसार मतांतरण के बाद वे युवतियां भी इस्लाम के पक्ष में मुहिम चलाती थीं। इसके लिए इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल किया जाता है। पढ़ने लिखने वाले युवक-युवतियां निशाने पर रहते हैं। उन्हें प्रलोभन दिया जाता है। जो युवतियां गैंग के चंगुल से निकलने का प्रयास करती थीं, उन्हें देह व्यापार में धकेल दिया जाता था। हालांकि पुलिस आयुक्त ने कहा कि गिरफ्तार आरोपितों का मतांतरण के मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर से कोई कनेक्शन नहीं है। उनके गिरोह से जुड़े अन्य लोगों को भी गिरफ्तार करने के प्रयास चल रहे हैं।
तीन महीने से बदल गया था युवती का व्यवहार
पुलिस ने युवती के पिता से संपर्क कर स्थिति जानी तो उन्होंने बताया कि करीब तीन महीने से युवती का व्यवहार अजीब हो गया। किसी का फोन आने पर वह घर के बाहर जाकर बात करती थी। पूछताछ करने पर युवती ने बताया कि कुछ युवक व युवती उसे बहला-फुसलाकर मुस्लिम बनाना चाहते थे और रुपये देने का भी लालच दे रहे थे। युवती आठवीं तक पढ़ी है। उसके पिता परचून की दुकान चलाते हैं। पुलिस के अनुसार आरोपित श्वेता, अब्दुल रहमान, अबु तालिब, अयान और अमन लगातार इंस्टाग्राम से युवती के संपर्क थे और उसका ब्रेनवाश कर मुस्लिम धर्म की तरफ झुकाने वाली बात करते थे।
कलमा पढ़ने और बुर्का पहनने का बनाते थे दबाव
आरोपित युवती को अपने काबू में कर उस पर कलमा और नमाज पढ़ने का दबाव बनाते थे। इसके अलावा बुर्का पहनकर घर से बाहर निकलने की बात करते थे। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि आरोपितों की तलाश में पुलिस टीमें रवाना हो गई हैं। पुलिस टीम सभी आरोपितों के घर पर दबिश देकर उनकी इंटरनेट मीडिया की आइडी से हुई बातचीत का सारा विवरण खंगालेगी।
शादी के लिए रहमान ने कराया मतांतरण
मूल रूप से जनपद मैनपुरी उत्तर प्रदेश के रहने वाले अब्दुल रहमान का वास्तविक नाम रूपेंद्र प्रताप सिंह है। साल 2015 में मुस्लिम धर्म की युवती से शादी करने के लिए सहसपुर में उसने धर्म परिवर्तन कराकर अपना नाम बदल दिया था। तब से वह परिवार के साथ शंकरपुर में रह रहा था। वह टैक्सी चलाने का काम करता था। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि वर्ष 2015 में प्रदेश में धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम लागू न होने के कारण यह मामला प्रकाश में नहीं आया था।
धर्म स्वतंत्रता अधिनियम का 53वां मुकदमा दर्ज
पुलिस ने इस मामले में वर्ष 2018 में लागू हुए धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की है और राज्य में यह 53वां मुकदमा दर्ज हुआ है। इससे पहले दर्ज हुए 52 मुकदमों में पुलिस 93 आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है। इनमें से अधिकांश आरोपित जेल में हैं।
वर्ष 2012 में छांगुर के संपर्क में आया था रहमान
पुलिस जांच में यह बात भी सामने आई है कि शंकरपुर सहसपुर निवासी अब्दुल रहमान वर्ष 2012 में गिरोह के मुख्य सरगना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के संपर्क में आया। छांगुर ने रहमान को अपने गिरोह में शामिल करते हुए हिंदू युवतियों का मतांतरण करने पर मुनाफा कमाने का लालच दिया। सूत्रों के अनुसार रहमान ने मतांतरण के बाद एक शादी देहरादून, जबकि दूसरी शादी लखनऊ में की। जिनसे उसके आठ बच्चे हैं।
लगातार छांगुर के संपर्क में रहने के बाद रहमान ने उत्तराखंड में गिरोह की बागडोर संभाली और मतांतरण करवाने शुरू कर दिए। वह युवतियों को नौकरी, रुपये व अच्छा जीवन जीने के सब्जबाग दिखाते थे। रहमान ने पांच युवक-युवतियों को गिरोह में शामिल किया। ये सभी इंटरनेट मीडिया पर युवतियों से संपर्क करते थे और मतांतरण का दबाव बनाते थे। आरोपित ने जिन युवतियों का मतांतरण कराया, पुलिस उनसे भी संपर्क कर रही है।
आगरा की दो बहनें ऐसे फंसी जाल में
आगरा। दो युवतियां 24 मार्च को लापता हुई थीं। उनके पिता ने उसी दिन थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। बाद में उन्हें जानकारी हुई कि उधमपुर (जम्मू कश्मीर) की साईमा उर्फ खुशबू उनकी बेटियों को मतांतरण कराके शादी कराने के लिए बहला फुसला कर ले गई है। साईमा उनकी बड़ी बेटी के साथ डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में पढ़ती थी, तभी वह उसके संपर्क में आई थी। 2021 में वह बड़ी बेटी को अपने साथ ले गई थी। रास्ते में लैंड स्लाइड हो गया था।
पुलिस की सूचना पर स्वजन वहां पहुंचे और बेटी को ले आए थे। लौटने के बाद वह पूजा-पाठ का विरोध करने लगी। इस्लाम की पैरवी करने लगी। बड़ी बहन ने छोटी बहन का भी ब्रेन वाश कर दिया। चार मई को पुलिस ने गुमशुदगी को अपहरण की धारा में तरमीम कर दिया। जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि लापता दोनों युवतियां कोलकाता में हैं और "द केरला स्टोरी" की तरह मतांतरण कराने वाले गिरोह के चंगुल में फंस गई हैं।
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