अब बूथवार जनता के द्वार जाएगी कांग्रेस
तीन प्रदेशों में शानदार वापसी करने के बाद उत्तराखंड में भी पार्टी ने बढ़े मनोबल के साथ लोकसभा चुनाव की रणनीति को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
तीन प्रदेशों में शानदार वापसी करने के बाद उत्तराखंड में भी पार्टी ने बढ़े मनोबल के साथ लोकसभा चुनाव की रणनीति को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी और विधायक और जिलाध्यक्ष अब बूथवार जनता के द्वार जाएंगे। हालांकि लोकसभा चुनाव की तैयारी को कदम आगे बढ़ाने के साथ पार्टी नगर निकाय चुनाव के नतीजों पर भी मंथन कर रही है। खासतौर पर जिन क्षेत्रों में विधायकों और विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों की पसंद से टिकट दिए, वहां पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी। इस सिलसिले में 16 दिसंबर को पार्टी प्रदेश मुख्यालय में बैठक बुलाई गई है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस बैठक को अहम माना जा रहा है।
कांग्रेस प्रदेश में अपनी सियासी पकड़ मजबूत करने के लिए हाथ-पांव मार रही है। नगर निकाय चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहा है। हालांकि, अंदरखाने पार्टी को यह मलाल भी है कि कुछ क्षेत्रों में टिकट वितरण में विधायक, पूर्व विधायक और विधानसभा प्रत्याशी रहे नेताओं ने जिन सूरमाओं की पैरवी की, वे ढेर हो गए। वहीं कई स्थानों पर पार्टी के बागियों ने जीत हासिल की। इसे देखते हुए पार्टी अब निकाय चुनाव नतीजों के आधार पर टिकट की पैरवी करने वाले नेताओं की जनता की नब्ज पकड़ने में हुई चूक की समीक्षा भी करेगी।
16 दिसंबर को होने वाली इस समीक्षा को अगले वर्ष होने जा रहे लोकसभा चुनाव के लिहाज से अहम माना जा रहा है। बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह, सभी जिला व महानगर इकाइयों के अध्यक्ष और प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य व बड़े नेता मौजूद रहेंगे। बैठक में निकाय चुनाव नतीजों के साथ ही लोकसभा चुनाव की रणनीति पर काम किया जाएगा। कोशिश ये भी की जा रही है कि निकाय चुनाव के नतीजों से सबक लेकर कमजोरियों को दूर कर लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने को ताकत झोकी जाए। पार्टी ने अब बूथवार जनसंपर्क तेज करने का निर्णय लिया है। इसके तहत बूथवार जनता के द्वार कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में संबंधित जिलाध्यक्ष, विधायक अथवा विधानसभा क्षेत्र प्रत्याशी भाग लेंगे।