Move to Jagran APP

हरीश रावत की चुप्पी के बावजूद हमलावर नजर आई कांग्रेस

विधानसभा सत्र के दौरान लोकायुक्त, गैरसैंण के मुद्दे पर जहां कांग्रेस हमलावर रही, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इन दिनों चुप्पी साधे रहे।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 28 Mar 2018 09:07 AM (IST)Updated: Thu, 29 Mar 2018 10:54 PM (IST)
हरीश रावत की चुप्पी के बावजूद हमलावर नजर आई कांग्रेस

देहरादून, [रविंद्र बड़थ्वाल]: राज्य की सियासत का सबसे चर्चित मुद्दा गैरसैंण। गैरसैंण विधानसभा में छह दिन तक बजट सत्र चला। सरकार ने बजट सत्र को लेकर अपनी पीठ ठोकी तो कांग्रेस ने पहले स्थायी राजधानी तो फिर भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का दावा कर रही सरकार पर लोकायुक्त के जल्द गठन को लेकर पूरी ताकत से पलटवार किया। यानी सत्र के दौरान सियासत अपने पूरे रंग में रही, लेकिन नहीं दिखी तो पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की सक्रियता। 

loksabha election banner

प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद ऐसा पहली बार हुआ, जब हरदा किसी विधानसभा सत्र के दौरान सियासी परिदृश्य से ही सिरे से गायब रहे। वहीं पार्टी सदन के भीतर बगैर किसी दबाव के पूरे रौ में नजर आई।

गैरसैंण को लेकर पूरे छह दिन तक जब पूरे प्रदेश की सियासत गरमाई हो, तो ऐसे में प्रदेश की सियासत पर बारीक नजर और पकड़ रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अगर इस सबसे अलग अपनी अलग धूनी रमाए हों तो सियासी फिजा में कई सवाल तैरने लाजिमी हैं। 

खासतौर पर प्रदेश में कांग्रेस के भीतर और बाहर, दोनों मोर्चों पर इसके सियासी मायने तलाश किए जाने लगे हैं। अमूमन राज्य से जुड़े मुद्दों को लेकर हरीश रावत गाहे-बगाहे प्रदेश सरकार पर हमला बोलने से नहीं चूकते। खासतौर पर विधानसभा सत्र के दौरान उनकी सदन से बाहर उनकी सक्रियता सदन के भीतर पार्टी और सरकार पर भारी पड़ती रही है। इसके बावजूद गैरसैंण में विधानसभा सत्र के दौरान हरदा ने आश्चर्यजनक ढंग से चुप्पी ओढ़े रही। 

एआइसीसी-पीसीसी से बदली रणनीति

इसका नतीजा सदन के भीतर कांग्रेस विधानमंडल दल के आत्म विश्वास पर भी साफ दिखाई दिया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व चकराता विधायक प्रीतम सिंह के नेतृत्व में पार्टी पूरी ताकत से विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने में कामयाब होती दिखाई दी है। 

भाजपा के सत्ता संभालने के बाद अब तक हुए चार विधानसभा सत्रों में ऐसा पहली मर्तबा हुआ है। प्रदेश में कांग्रेस के इस आत्म विश्वास और हरदा की चुप्पी को सियासी जानकार हाल ही में एआइसीसी और पीसीसी में नए सदस्यों के दाखिले और अगले वर्ष होने वाले आम चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं। 

नैनीताल-हरिद्वार सीटों पर नजरें

एआइसीसी और पीसीसी में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह को जिसतरह हाईकमान ने फ्रीहैंड दिया है, उसे राज्य की सियासत में युवाओं को आगे बढ़ाने की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, जानकारों का यह भी आगामी लोकसभा चुनाव में हरदा की नजरें दो संसदीय सीटों नैनीताल और हरिद्वार पर गड़ी हुई हैं। 

गैरसैंण पर उनकी चुप्पी को इन दोनों सीटों के गणित से जोड़कर देखा जा रहा है। इसी वजह से हरदा की इस चुप्पी को भी रहस्यमयी बताया जा रहा है।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में विधायकों का वेतन तीन गुना तो मंत्रियों का वेतन हुआ दोगुना

यह भी पढ़ें: लोकायुक्त पर कांग्रेस के दांव से बढ़ा भाजपा सरकार पर दबाव

यह भी पढ़ें: लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर सदन में कांग्रेस का हंगामा, सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.