Dehradun: भाजपा-कांग्रेस में कूच की जंग, जनता हलकाल, शहर का उड़ा रंग
देहरादून में राजनीतिक सरगर्मी तेज है जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यालय की ओर कूच किया। महिला सुरक्षा के मुद्दे पर प्रदर्शन करते हुए कार्यकर्ताओं ने गोबर और गोमूत्र का इस्तेमाल किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोका जिसके चलते झड़पें हुईं और कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर महिला उत्पीड़न के मामलों में शामिल होने का आरोप लगाया।

जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून इन दिनों राजनीतिक दलों के कूच-युद्ध का मैदान बनी हुई है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही एक-दूसरे के कार्यालयों पर धावा बोलने में जुटे हैं। इस कूच युद्ध के बीच सड़कें जाम, आम जनता हलाकान और स्कूली बच्चों की फजीहत हो रही है।
दो दिन पहले भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस मुख्यालय कूच कर राहुल गांधी के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की थी। सड़कें घंटों जाम रहीं और माहौल पूरी तरह गरमाया रहा। अब बुधवार को कांग्रेस ने भाजपा के प्रदेश कार्यालय का घेराव करने की ठानी। लेकिन, पुलिस पहले से ही तैयार बैठी थी।
भाजपा मुख्यालय से आधा किलोमीटर दूर ही बैरिकेडिंग कर दी गई, और बलबीर रोड को पूरी तरह बंद कर दिया गया। नतीजा यह हुआ कि आम लोगों की आवाजाही थम गई और स्कूली बच्चों से लेकर आफिस जाने वालों तक सभी को वैकल्पिक रास्ते तलाशने पड़े।
करीब दो घंटे तक कांग्रेसी सड़क पर हंगामा करते रहे, पुलिस बल उन्हें रोकने में जुटा रहा, और भाजपा कार्यालय के अंदर नेता कांग्रेस के प्रदर्शन पर चाय के साथ राजनीतिक विश्लेषण करते नजर आए। स्थानीय लोगों की नाराजगी साफ झलक रही थी। एक बुजुर्ग ने तंज कसते हुए कहा कि जब प्रदेश के विकास, महंगाई, बेरोजगारी और आपदा प्रबंधन पर नीतियों की बहस होनी चाहिए, तब नेता सियासी नारेबाजी और सड़क प्रदर्शन में व्यस्त हैं।
कांग्रेस का भाजपा कार्यालय कूच
देहरादून: महिला सुरक्षा के मुद्दे पर प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष ज्योति रौतेला के नेतृत्व में महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बलबीर रोड स्थित भाजपा कार्यालय कूच किया। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने गोबर के कलश और गोमूत्र लेकर भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हालांकि, पुलिस पहले से ही सतर्क थी और भाजपा कार्यालय से करीब आधा किलोमीटर पहले बैरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोक दिया।
इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। माहौल तब और गरमा गया जब पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत खुद बैरिकेडिंग पर चढ़ गए और पुलिसकर्मियों से उनकी तीखी बहस हुई। अंत में पुलिस करीब 80 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन ले गई और वहां उन्हें छोड़ दिया गया।
महिला नेताओं का पुलिस को चकमा, निकट पहुंचने पर हड़कंप
प्रदर्शन के बीच कांग्रेस की दो महिला नेता बैरिकेडिंग को दरकिनार करते हुए दूसरे मार्ग से भाजपा कार्यालय के नजदीक पहुंच गईं। जब पुलिस को इस बात की भनक लगी तो हड़कंप मच गया। पुलिस ने दोनों महिला नेताओं को रोकने की कोशिश की, जिसके दौरान तीखी नोकझोंक हुई। अंततः पुलिस ने उन्हें भाजपा कार्यालय तक पहुंचने से बामुश्किल रोका।
भाजपा कार्यालय का प्रतीकात्मक शुद्धिकरण
प्रदर्शन के दौरान महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने कहा कि जब ''''नारी'''' 2025 रिपोर्ट देहरादून को देश के सबसे असुरक्षित शहरों में गिनाती है और एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि उत्तराखंड में महिलाओं पर अत्याचार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, तो भाजपा सरकार से सवाल पूछना विपक्ष की जिम्मेदारी है।
प्रदर्शन में मौजूद कांग्रेस नेता रंजीत रावत ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में जितने भी महिला उत्पीड़न के मामले हो रहे हैं, उनमें भाजपा के मंत्री, विधायक और कार्यकर्ता शामिल हैं।
हरक सिंह की पुलिस से झड़प
पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की प्रदर्शन के दौरान पुलिस से भी झड़प हुई। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार महिलाओं के प्रति असंवेदनशील है और आरोप लगाया कि महिला उत्पीड़न के कई मामलों में भाजपा के नेता और वीआइपी लिप्त हैं, लेकिन प्रदेश सरकार सिर्फ अपनी पीठ थपथपाने में व्यस्त है।
प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा ने भी भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म और उत्पीड़न की घटनाएं रोजाना हो रही हैं, लेकिन मुख्यमंत्री धामी का धाकड़ अंदाज इन मामलों में कहीं नजर नहीं आता।
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