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    कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने ग्रहण किया पदभार, कहा- जो धरातल पर काम करेगा, उसका होगा सम्मान

    By Nirmala BohraEdited By:
    Updated: Sun, 17 Apr 2022 01:34 PM (IST)

    Uttarakhand Congress News नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने आज रविवार को देहरादून में पदभार ग्रहण कर लिया। कार्यक्रम में कांग्रेस के 19 विधायकों में से केवल आठ ही मौजूद रहे। कार्यक्रम में हरीश रावत भी पहुंचे।

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    नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा आज ग्रहण करेंगे पदभार

    राज्‍य ब्‍यूरो, देहरादून : कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने रविवार को विधिवत रूप से पदभार ग्रहण कर लिया। इस अवसर पर उन्होंने अपनी प्राथमिकताएं और भविष्य की कार्ययोजना को पार्टी कार्यकर्ताओं से साझा किया। उन्होंने कहा कि जो कार्यकर्ता बिना किसी पद और लालसा के धरातल पर कार्य करता नजर आएगा, उसका पूरा सम्मान किया जाएगा।

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    प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के चक्कर काटकर टिकट नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि वह जून तक अपनी कार्यकारिणी का गठन कर देंगे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से इंटरनेट मीडिया के स्थान पर सीधे उनके समक्ष अपनी बात रखने की अपेक्षा की। कार्यक्रम में नेताओं के बीच कुछ तल्खी भी नजर आई। कार्यक्रम में कांग्रेस के 19 में से केवल आठ विधायक ही पहुंचे। इस दौरान 11 विधायकों की अनुपस्थिति चर्चा का विषय रही।

    रविवार को कांग्रेस भवन में नए प्रदेश अध्यक्ष के पदभार ग्रहण करने के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में नवनियुक्ति प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि वह जो भी टीम बनाएंगे, वह तीन साल के भीतर प्रदेश के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में बूथ स्तर तक का भ्रमण कर संगठन को मजबूत करने का काम करेगी।

    उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि झूठे प्रचार और वायदों से ये जनता को बरगला रहे हैं। कांग्रेस इसका पुरजोर जवाब देगी। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने संबोधन में कहा कि उनकी पीढ़ी के नेताओं के लिए 2027 के चुनाव आखिरी उम्मीद है। इसके लिए अभी से कार्य होना चाहिए। पार्टी के कार्यकत्र्ताओं में विश्वास जगाना है कि परिवर्तन लाया जा सकता है।

    कार्यक्रम में पहुंचे केवल आठ विधायक

    नए प्रदेश अध्यक्ष के पद ग्रहण कार्यक्रम में कांग्रेस के आधे से अधिक विधायकों की गैर मौजूदगी चर्चा का विषय रही। कार्यक्रम में कांग्रेस के 19 विधायकों में से केवल आठ ही मौजूद रहे। हालांकि, कांग्रेस की ओर से तर्क दिया गया कि अपने विधानसभा क्षेत्रों में व्यस्तता के कारण ये विधायक नहीं पहुंच पाए।

    कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन के बाद से ही विधायकों के तेवर तल्ख हैं। विधायक हरीश धामी खुले आम बगावती तेवर अपनाते दिख रहे हैं। नाराज चल रहे विधायकों ने कुछ समय पहले विधायक द्वाराहाट मदन बिष्ट के यहां बैठक भी की थी। वैसे, इसके बाद कांग्रेस ने दावा किया कि कोई नाराज नहीं है, सब ठीक हो चुका है। इन सबके बीच प्रदेश अध्यक्ष के कार्यभार ग्रहण कार्यक्रम में आधे से अधिक विधायक गैर मौजूद रहे। 

    नेताओं ने मंच से सुनाई एक-दूसरे को खरी-खरी

    कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के दिल में दबी पीड़ा भी उभर कर सामने आई। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जहां गढ़वाल मंडल की उपेक्षा का मसला उठाया तो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने खुद पर लगे आरोपों को लेकर अपनी व्यथा प्रकट की।

    उन्होंने कहा कि आलाकमान के सामने सही तस्वीर नहीं पहुंचाई गई। अध्यक्ष को पांच साल का कार्यकाल मिलना चाहिए। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि पूर्व में नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष गढ़वाल क्षेत्र से थे। उस समय हरीश रावत स्वयं उत्तराखंड के शीर्ष नेता थे, तब यह बात नहीं आई। अब यह बात सामने आई है तो इसका समाधान निकाला जाएगा।