IFS के घर ED की छापेमारी में असमंजस, ईडी के आधिकारिक बयान में कार्रवाई का नहीं कोई जिक्र
छापेमारी में यहां से एक करोड़ रुपये से अधिक की नकदी मिलने की बात सामने आई थी इसके लिए नोट गिनने वाली दो मशीनें भी मंगाई गईं। गुरुवार दोपहर तक बरामद रकम साढ़े चार करोड़ होने की बात कही गई लेकिन शाम होते-होते इस मामले में धुंधलका छा गया। ईडी की ओर से जो अधिकृत प्रेस बयान जारी किया गया उसमें छापे की कार्रवाई का कोई जिक्र नहीं है।

जागरण संवाददाता, देहरादूनः जिम कार्बेट अभयारण्य की पाखरो रेंज में पेड़ कटान और अवैध निर्माण को लेकर बुधवार की सुबह से गुरुवार शाम तक चली प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कारवाई के दौरान वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सुशांत पटनायक के देहरादून स्थित आवास पर छापेमारी और वहां से नकदी बरामदी को लेकर ऊहापोह की स्थिति पैदा हो गई।
बुधवार को छापेमारी में यहां से एक करोड़ रुपये से अधिक की नकदी मिलने की बात सामने आई थी, इसके लिए नोट गिनने वाली दो मशीनें भी मंगाई गईं। गुरुवार दोपहर तक बरामद रकम साढ़े चार करोड़ होने की बात कही गई, लेकिन शाम होते-होते इस मामले में धुंधलका छा गया। ईडी की ओर से जो अधिकृत प्रेस बयान जारी किया गया, उसमें न तो वन अधिकारी के घर छापे की कार्रवाई का कोई जिक्र है, न ही नकदी बरादम होने का।
सूत्रों के अनुसार जिस समय जिम कार्बेट अभयारण्य की पाखरो रेंज में पेड़ों के अवैध कटान व अवैध निर्माण का मामला सामने आया था, उस समय आइएफएस सुशांत पटनायक मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल के पद पर थे। पार्क के एक हिस्से में पेड़ काटने की अनुमति पटनायक ने भी दी थी।
हालांकि, पूर्व में इस मामले में हुई विजिलेंस जांच व वर्तमान में चल रही सीबीआइ की जांच में कभी भी सुशांत पटनायक का नाम सार्वजनिक तौर पर सामने नहीं आया, पर पिछले दिनों ईडी ने जब उन्हें पूछताछ के लिए पत्र लिखा, तब पटनायक का नाम पूरे प्रकरण में जुड़ा।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआइ की विचाराधीन जांच में पटनायक का नाम सामने आने पर ईडी सक्रिय हुई। इसके बाद जब बुधवार को ईडी ने पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत, उनके करीबियों व वन अधिकारियों समेत पटनायक के आवास पर छापेमारी की, तब पटनायक का नाम सार्वजनिक तौर पर सामने आया।
देहरादून में कैनाल रोड स्थित पटनायक के आवास पर ईडी को भारी मात्रा में नकदी मिलने की बात बुधवार रात सामने आई थी। इसे देखते हुए ईडी ने बड़े आकार की कैश काउंटिंग मशीन भी मंगवाई। इस मशीन के फोटो व वीडियो मीडिया से लेकर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होते रहे।
गुरुवार शाम को ईडी ने छापे की कार्रवाई के संबंध में आधिकारिक प्रेस बयान जारी किया तो उसमें मुख्य वन संरक्षक का नाम नहीं था। इसमें न ही यह बताया गया कि ईडी ने उनके आवास पर छापेमारी की और नकदी जब्त की है।
सुशांत पटनायक के नाम का उल्लेख छापेमारी की कार्रवाई में दर्ज न होने को लेकर जब चर्चा तेज हुई तो ईडी के अधिकारियों ने कहा कार्रवाई से पटनायक का नाम हटना संभव नहीं है। हालांकि, रात तक ईडी की ओर से छापे को लेकर कोई नई जानकारी साझा नहीं की गई।
जांच अभी गतिमान
पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत उनसे जुड़े अन्य व्यक्तियों पर छापे की कार्रवाई भले ही अभी पूरी हो चुकी हो, जांच अभी भी गतिमान है। ईडी ने 17 ठिकानों पर की गई छापेमारी में जो दस्तावेज जब्त किए हैं, अब उनकी जांच की जाएगी। जांच में जी भी बातें सामने आएगी, अब उनके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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