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प्राधिकरणों के दायरे से ग्रामीण क्षेत्र बाहर रखने की सिफारिश

विधायक चंदन रामदास की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दी है। रिपोर्ट में ग्रामीण क्षेत्रों को प्राधिकरणों के दायरे से बाहर रखने की सिफारिश की है।

By Edited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 09:21 PM (IST)Updated: Fri, 28 Feb 2020 08:05 AM (IST)
प्राधिकरणों के दायरे से ग्रामीण क्षेत्र बाहर रखने की सिफारिश

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेशभर में जिला विकास प्राधिकरणों में मानचित्र स्वीकृत करने समेत अन्य मामलों में जनसामान्य के समक्ष पेश आ रही कठिनाइयों के मद्देनजर विधानसभा द्वारा विधायक चंदन रामदास की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल को सौंप दी है। सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में ग्रामीण क्षेत्रों को प्राधिकरणों के दायरे से बाहर रखने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा प्राधिकरणों की अन्य कई बंदिशों से भी ग्रामीणों को छूट देने पर जोर दिया गया है।

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वर्ष 2018 में विधानसभा के द्वितीय सत्र के दौरान पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल समेत अन्य सदस्यों ने प्राधिकरणों में लोगों को पेश आ रही कठिनाइयों का मसला उठाया था। इसके बाद 2018 में ही विस के तृतीय सत्र में उप नेता प्रतिपक्ष करन माहरा ने यह मुद्दा प्रमुखता से रखा। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने इस विषय पर विधायक चंदन राम दास की अध्यक्षता में छह सदस्यीय कमेटी गठित की। कमेटी में विधायक करन माहरा, ऋतु खंडूड़ी, सुरेंद्र सिंह जीना, महेंद्र भट्ट, ममता राकेश व शक्तिलाल शाह शामिल थे।

विधानसभा की इस कमेटी ने प्राधिकरणों के गठन, विकास क्षेत्र, प्राधिकरण द्वारा लिए जाने वाले शुल्क, भवन उपविधि समेत तमाम बिंदुओं को लेकर गहनता से पड़ताल की। रिपोर्ट तैयार होने के बाद कमेटी के अध्यक्ष विधायक चंदन राम दास ने गुरुवार को विधानसभा में इसे विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल को सौंप दिया।

सूत्रों के मुताबिक कमेटी ने ग्रामीण क्षेत्रों को प्राधिकरणों से राहत देने के मद्देनजर कई अहम सिफारिशें की हैं। सूत्रों ने बताया कि सड़कों के मानकके कारण अधिकांश गांव प्राधिकरणों के दायरे में आ रहे हैं। इसे देखते हुए सिफारिश की गई है कि ग्रामीण क्षेत्रों को प्राधिकरण से बाहर रखा जाना चाहिए। इसके अलावा मानचित्र शुल्क न्यूनतम करने, दो सप्ताह में मानचित्र स्वीकृत करने, एक नाली से कम भूमि पर भवन निर्माण में सेट बैक से छूट देने समेत कई सिफारिशें की गई हैं।

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इस बार पर भी जोर दिया गया है कि राज्य की विषम परिस्थितियों को देखते हुए नदी किनारे वाले क्षेत्रों में भवनों के जीर्णोद्धार आदि के मामलों में कुछ छूट देने को भी विभिन्न स्तरों पर प्रयास किए जाएं। उधर, कमेटी के अध्यक्ष एवं विधायक चंदन राम दास ने कहा कि कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें आमजन को राहत देने के मद्देनजर सिफारिशें की गई हैं।

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