उत्तराखंड में स्लॉटर हाउस बंद करने को लाएंगे विधेयक
उत्तराखंड में किसी भी जिले या निकाय क्षेत्र में स्लॉटर हाउस को बंद करने का अधिकार अब सरकार के पास आ गया है। इससे संबंधित विधेयक को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। देवभूमि उत्तराखंड में किसी भी जिले या निकाय क्षेत्र में स्लॉटर हाउस (पशु वधशाला) को बंद करने का अधिकार अब सरकार के पास आ गया है। इससे संबंधित विधेयक को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी। इस विधेयक को बजट सत्र के दौरान विधानसभा में पेश किया जाएगा।
मंत्रिमंडल ने बीती 30 दिसंबर को उत्तराखंड (नगर निगम अधिनियम, 1959) (संशोधन) अध्यादेश, उत्तराखंड (नगर पालिका अधिनियम, 1916) (संशोधन) अध्यादेश-2020 को मंजूरी दी थी। इस अध्यादेश के जरिए सरकार ने स्लॉटर हाउस को बंद करने का अधिकार अपने हाथों में ले लिया है। इससे पहले तक यह अधिकार नगर निगम, नगरपालिका और नगर पंचायतों के पास था।
निकाय स्लॉटर हाउस खोल सकते हैं, लेकिन सरकार चाहते हुए भी इन्हें बंद करने का फैसला नहीं ले पा रही थी। हरिद्वार जिले में स्लॉटर हाउस को प्रतिबंधित करने में यह अड़चन बनी हुई थी। हाईकोर्ट ने भी स्लॉटर हाउस के संबंध में सरकार को निर्णय लेने का आदेश दिया था। सरकार ने पूरे प्रदेश में यह प्रविधान लागू किया है। इस प्रविधान के लागू होने से स्लॉटर हाउस को प्रतिबंधित कर संबंधित क्षेत्र में मांस की बिक्री पर भी सरकार नियंत्रण कर सकती है। अब तीन मार्च से गैरसैंण में विधानसभा सत्र प्रस्तावित है। लिहाजा अब इस संबंध में विधेयक लाने का निर्णय मंत्रिमंडल ने लिया है।
ईको जोन 296 वर्ग किमी
मंत्रिमंडल ने राजाजी नेशनल पार्क ईको सेंसिटिव जोन के 296 वर्ग किमी क्षेत्र के दायरे में 22 गांवों को शामिल किया है। पार्क से जुड़े कुल 825 गांवों में 805 गांव उक्त जोन के बाहर हैं, जबकि जोन के भीतर 20 गांव हैं। मंत्रिमंडल ने 805 में से पांच गांवों और 20 में से 17 गांवों को ही ईको सेंसिटिव जोन में शामिल करने का निर्णय लिया है। शेष तीन गांव अब उक्त जोन से बाहर हो जाएंगे।
बाहर से शामिल किए गए पांच गांवों में पुलेला, सहनार, करौंदी, रत्तापानी, फूलचट्टी हैं। 20 में से शामिल किए गए 17 गांवों में पुलानीचक, डांडीचक, टीरा, रायवाला, गंगा भोगपुर, सियानी, गोहरीघाट, केशुबाड़ी, प्रतीतनगर, चांदपुरी, धमांद, देवराड़ा, हजार टोंगिया, खैरगई, दुदानू व सिमंड डुडी हैं।
प्रोत्साहन राशि बढ़ाई
अब महाधिवक्ता कार्यालय में कार्मिकों के रिक्त पदों की भर्ती मामले में राज्य लोक सेवा आयोग में महाधिवक्ता के भाग लेने की व्यवस्था में शिथिलीकरण को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। अब महाधिवक्ता आयोग की बैठक में भाग लेने को शासन स्तर से ही उपसचिव स्तर से ऊपर के अधिकारी को नामित कर सकेंगे। मंत्रिमंडल ने कृत्रिम गर्भाधान केंद्रों में निजी कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि बढ़ाने का निर्णय लिया। इन कार्यकर्ताओं के लिए भारत सरकार से मान्यताप्राप्त होना अनिवार्य है।
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कैबिनेट फैसले
- स्लॉटर हाउस को लेकर शहरी निकायों के अधिकारों में कटौती को विधेयक को मंजूरी -उत्तराखंड पंचायतीराज एक्ट 2016 की संशोधित नियमावली को मंजूरी, राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष व सदस्य की नियुक्ति तथा सेवा शर्ते तय
- प्रदेश में निजी कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता के लिए प्रोत्साहन राशि में इजाफा, पर्वतीय क्षेत्र में 50 रुपये और मैदानी क्षेत्र में 40 रुपये ज्यादा मिलेंगे
- महाधिवक्ता अपने कार्यालय कार्मिकों के चयन संबंधी मामलों में लोक सेवा आयोग में अपने प्रतिनिधि के तौर पर उपसचिव स्तर से ऊपर के अधिकारी कर सकेंगे नामित
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