उत्तराखंड में बिना अनुमति निकाली कर्नल की सीडीआर, सूबेदार पर जासूसी करवाने का आरोप
उत्तराखंड में एक कर्नल ने बिना अनुमति अपनी कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) निकाले जाने की शिकायत दर्ज कराई है। कर्नल ने अपनी जान को खतरा बताया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है, जिससे सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि सीडीआर कैसे निकाली गई और इसके पीछे कौन है।

सूबेदार पर लगाया जासूसी करवाने व जान से मरवाने की साजिश का आरोप, मुकदमा दर्ज
जागरण संवाददाता, देहरादून। बिना अनुमति डीआरडीओ में तैनात कर्नल की कॉल डिटेल रिकार्ड (सीडीआर) निकालने पर सुबेदार सहित दो के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। कर्नल का आरोप है कि डीआरडीओ के एक कर्मचारी व एक महिला ने फोन व पत्र लिखकर सूचित किया है कि उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है। अंदेशा है कि आरोपित उनकी सीडीआर का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं, जोकि देश की सुरक्षा में भी खतरा है।
साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दी तहरीर में कर्नल कमलेश सिंह बिष्ट संपदा प्रबंधक, ईएमयू, डील डीआरडीओ रायपुर रोड ने बताया कि 27 दिसंबर 2024 को उन्हें किसी अज्ञात महिला ने फोन किया कि सूबेदार अजनीश जोकि पूर्व में ईएमयू, डीआरडीओ में कार्यरत था, उसने आपकी सीडीआर निकलवाई है और सूबेदार उनके खिलाफ साजिश रच रहा है।
इस घटना को मजाक समझ कर उन्होंने नजरअंदाज कर दिया, लेकिन दोबारा महिला ने नौ जनवरी 2025 को लगभग महिला ने दोबारा आगाह किया कि उनके खिलाफ सूबेदार अजनीश साजिश रच रहा है। उन्हें मारने की सुपारी दी गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने तत्काल नौ जनवरी 2025 को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दी। इस संबंध में कार्रवाई का उन्हें अब तक पता नहीं है। महिला के फोन के बाद चार फरवरी 2025 को कुलवंत सिंह ग्राम मलेशिया पोस्ट मुस्तफाबाद, जिला बिजनौर जोकि डील डीआरडीओ में सीनियर टेक्निकल असिस्टेंट के पद पर कार्यरत है, ने एक पत्र भेजा।
यह पत्र सेनाध्यक्ष भारतीय सेना को लिखा गया था और उसकी प्रति उन्हें भी भेजी गई। पत्र में उन्होंने सूबेदार अजनीश की ओर से डीआरडीओ के संवेदनशील पद पर रहते हुए उनकी जासूसी करवाने, उनके खिलाफ षडयंत्र रचने और हत्या की सुपारी देने जैसी बातों का जिक्र किया हुआ था। कुलवंत सिंह की ओर से सबूत के तौर पर सूबेदार अजनीश की ओर से अवैध तरीके से सीडीआर निकाले जाने के सबूत के तौर पर उनकी फरवरी और मार्च 2023 माह की सीडीआर के कुछ दिनों के छह पृष्ठ भी सलंग्न किए थे। शिकायतकर्ता ने बताया कि सीडीआर में दिखाई गई लोकेशन उनके उस समय की वास्तविक लोकेशन से मेल खाती है, जिससे सीडीआर की सत्यता पर संदेह उत्पन्न नहीं होता है।
इस घटना की जानकारी उन्होंने साइबर क्राइम विभाग देहरादून में मौखिक तौर पर दी और सेना के उच्चाधिकारियो को छह फरवरी 2025 को भी सूचित किया। सात फरवरी 2025 को थाना रायपुर में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई लेकिन पुलिस ने क्या कार्रवाई की इसके बारे में उन्हें आज तक जानकारी नहीं है। कर्नल ने कहा कि सेना में वरिष्ठ पद और संवेदनशील प्रतिष्ठान में नियुक्त रहते हुए उनकी जानकारी के बिना मेरी सीडीआर निकाली गई है। यह उनकी ही नहीं अपितु देश की सुरक्षा के लिए भी चिंताजनक है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।