अशासकीय कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव सरकार ने बनाई दूरी, अब इनके पाले में गेंद
College Union Elections राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव कराने की जिम्मेदारी उनकी नहीं है। यह जिम्मेदारी विश्वविद्यालय और कॉलेज प्रशासन की है। उच्च शिक्षा सचिव ने इस बारे में यूजीसी को पत्र भेजा है। सरकार के इस फैसले से छात्रों में नाराजगी हो सकती है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून । राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबद्ध डीएवी सहित सभी नौ सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव कराने का दायित्व उसका नहीं, बल्कि संबंधित विश्वविद्यालय और महाविद्यालय प्रशासन का है।
इस आशय का पत्र उच्च शिक्षा सचिव डा रंजीत कुमार सिन्हा ने केंद्रीय उच्च शिक्षा सचिव व यूजीसी को प्रेषित किया। उधर, सरकार के दूसरी बार डीएवी सहित अशासकीय कालेजों में चुनाव कराने से इन्कार करने से छात्रों में असंतोष मुखर हो सकता है।
उच्च शिक्षा सचिव की ओर से प्रेषित पत्र में कहा गया कि राज्य अनुदान सूची में शामिल कई अशासकीय महाविद्यालय हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि से संबद्ध हैं। इन महाविद्यालयों की शैक्षणिक और अन्य गतिविधियां विवि की ओर से जारी वार्षिक शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार ही संचालित होती हैं।
शासन के तीन जुलाई, 2025 के आदेश में सभी अशासकीय अनुदानित महाविद्यालयों को निर्देशित किया गया कि वे अपने-अपने संबद्ध विश्वविद्यालय (चाहे राज्य हो या केंद्रीय) के शैक्षणिक कैलेंडर का पालन सुनिश्चित करें। यही आदेश राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के साथ-साथ केंद्रीय विश्वविद्यालय को भी भेजा गया है।
उच्च शिक्षा सचिव डा. रंजीत सिन्हा ने कहा कि केंद्रीय विवि अधिनियम, 2009 की धारा-4 (एफ) के अंतर्गत गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के संपूर्ण अनुरक्षण की जिम्मेदारी विवि की है। इन कालेजों में प्रवेश, परीक्षाओं का आयोजन, पाठ्यक्रम, परिणाम, डिग्री वितरण, शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्ति, सेवा प्रकरण, अवकाश, पदोन्नति संबंधी मामलों से लेकर शैक्षणिक और प्रशासनिक गतिविधियां तक विवि के परिनियमों और शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार ही संपादित की जाती हैं।
इसी क्रम में छात्र संघ चुनाव भी संबंधित विवि का ही दायित्व है। लिंगदोह समिति की अनुशंसाओं के आधार पर कालेज स्तर पर चुनाव कर विवि प्रतिनिधि का चयन होता है, जिसके बाद विवि स्तर पर छात्र महासंघ का गठन किया जाता है।
सचिव ने दो टूक कहा कि विश्वविद्यालयों और उनसे संबद्ध महाविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव कराने का जिम्मा राज्य सरकार का नहीं है। यह कार्य केवल संबद्धता विवि और कालेज प्रशासन के अधिकार क्षेत्र में आता है। ऐसे में स्पष्ट हो गया है कि अशासकीय कालेजों में छात्र संघ चुनाव कराने को लेकर राज्य सरकार अब सीधे हस्तक्षेप की अपनी भूमिका से दूरी बना रही है। अब केंद्रीय विश्वविद्यालय को इस बारे में निर्णय करना होगा।
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