सिर्फ योजनाएं बनाना काफी नहीं, लोगों तक पहुंचाना है जरूरी
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि सिर्फ योजनाएं बनाना काफी नहीं है। लोगों तक जाकर उनको जानकारी देना और उनकी मदद करना भी बेेहद जरूरी है।
देहरादून, [जेएनएन]: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कृषि विभाग द्वारा आयोजित किसानों की आय दोगुना करने संबंधी कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने उद्यान और कृषि विभाग के जरिए अलग-अलग दिए जा रहे मृदा स्वास्थ्य कार्डों की व्यवस्था खत्म कर दोनों विभागों की प्रयोगशालाओं को एकीकृत रूप में कार्य करने को कहा है।
राज्य के किसान अब किसान किसी भी लैब से कृषि और औद्यानिकी के लिये सॉयल हेल्थ कार्ड ले सकेंगे। वर्तमान में कृषि विभाग की प्रत्येक जनपद में एक सॉयल हेल्थ लैब है। जबकि उद्यान विभाग की दो प्रयोगशालाएं कुमाऊं मंडल और गढवाल मंडल में स्थापित है और अब कृषकों को कृषि और औद्यानिकी किसी भी कार्य के लिए सभी 15 प्रयोगशालाओं की सुविधा मिल सकेगी।
ऑफिस में बैठकर नहीं, खेतों तक जाकर होगी खेती
किसानों की आय दोगुना करने संबंधी कार्यशाला की सराहना करते हुए सीएम ने कहा कि तय समय सीमा के भीतर जनपद, ब्लॉक और न्याय पंचायत स्तर तक भी इस तरह की गोष्ठियां आयोजित की जाए। कृषि और उद्यान विभाग के अधिकारी किसानों के साथ हर महीने बैठक करें। उन्होंने कहा कि ऑफिस में बैठकर नही बल्कि खेतों तक जाकर खेती होगी। अफसर फार्म और फार्मर तक पहुंचे।
सीएम ने कहा कि नई तकनीकि को बढ़ावा देने के लिये विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्रों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। प्रयोग और शोध की जिम्मेदारी हमारे विश्वविद्यालयों की है। ऐसे निजी उच्च शिक्षण संस्थान जहां कृषि की पढ़ाई होती है उनका भी उपयोग किया जाए।
ऑर्गेनिक खेती को दिया जाए बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के दस विकासखंडों को ऑर्गेनिक खेती के लिये चिह्नित किया गया है। ऑर्गेनिक खाद के उत्पादन के वर्तमान पारंपरिक तरीके में समय लगता है। किसानों को नई तकनीकि और प्रक्रियाओं के प्रति प्रोत्साहित किया जाना चाहिये। प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों और अनुसंधान केंद्रों को इस दिशा में आगे आना चाहिए। सीएम ने कहा कि लैब और लैंड दोनों के ही विशेषज्ञ कार्यशाला में बैठे हैं।
किसानों की आय को दोगुना करना, उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाना, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समृद्ध करने के लिये ठोस कार्ययोजना बनाकर मिशनरी भाव से काम करना होगा। सिर्फ योजनाएं बनाना काफी नहीं है। लोगों तक जाकर उनको जानकारी देना और उनकी मदद करना भी बहुत जरूरी है।
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