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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बोले- देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड पर 30 नवंबर तक निर्णय

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ पहुंचे हैं। यहां वे मंदिर परिसर में तीर्थयात्रियों और अधिकारियों के साथ बंद कमरे में चर्चा कर रहे हैं। पीएम मोदी के दौरे को लेकर बातचीत चल रही है। पीए पांच को उत्तराखंड के दौरे पर रहेंगे।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Wed, 03 Nov 2021 10:27 AM (IST)Updated: Thu, 04 Nov 2021 02:05 AM (IST)
पीएम मोदी के दौरे से ठीक पहले सीएम धामी पहुंचे केदारनाथ। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, रुद्रप्रयाग। देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को लेकर मुखर चारधाम के तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों को साधने में सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पांच नवंबर के दौरे की तैयारियों का जायजा लेने केदारनाथ पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीर्थ पुरोहितों को विश्वास दिलाया कि उनके सम्मान में कोई कमी नहीं रखी जाएगी। बोर्ड के संबंध में 30 नवंबर तक निर्णय ले लिया जाएगा। उधर, तीर्थ पुरोहितों के अनुसार मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया है कि देवस्थानम बोर्ड को भंग किया जाएगा। प्रधानमंत्री से उनकी वार्ता भी कराई जाएगी। तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि बोर्ड के भंग होने तक आंदोलन जारी रखा जाएगा। माना जा रहा है कि कार्यक्रम के दौरान सरकार बोर्ड के संबंध में कोई घोषणा कर सकती है।

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— Amit Singh (@Join_AmitSingh) November 3, 2021

प्रधानमंत्री मोदी के पांच नवंबर के दौरे से पहले केदारनाथ में हुए घटनाक्रम के बाद से सरकार की पेशानी पर बल पड़े हैं। सोमवार को केदारनाथ पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री धन सिंह व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को तीर्थ पुरोहितों व हक-हकूकधारियों के आक्रोश का सामना करना पड़ा था। इसके बाद से सरकार तीर्थ पुरोहितों की नाराजगी दूर करने में जुट गई थी। इसी कड़ी में बीते रोज कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों से बातचीत की थी।

बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत व सुबोध उनियाल के साथ केदारनाथ पहुंचे। इस दौरान तीर्थ पुरोहितों का रुख काफी बदला हुआ दिखा। मुख्यमंत्री ने करीब एक घंटे तक बंद कमरे में तीर्थ पुरोहितों और पंडा समाज के प्रतिनिधियों से वार्ता की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार जनभावनाओं का सम्मान करने वाली सरकार है। तीर्थों के पंडा, पुरोहित और पुजारियों के मान-सम्मान पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हम सकारात्मक, धनात्मक और विकासात्मक दृष्टिकोण से चारधाम, पंडा, पुरोहित व पुजारी समाज के सम्मान और धार्मिक आस्था की गरिमा के सम्मान के लिए तत्पर हैं।

बैठक में मौजूद रहे कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल व हरक सिंह रावत ने बताया कि सरकार की ओर से तीर्थ पुरोहितों को आश्वस्त किया गया है कि 30 नवंबर तक देवस्थानम बोर्ड से जुड़े मसले का निस्तारण कर दिया जाएगा। साथ ही यह भी साफ किया गया कि चारधाम के तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों के प्रति सरकार पूरी तरह संवेदनशील है।

उधर, केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री धामी ने आश्वासन दिया है कि आगामी 30 नवंबर तक देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया जाएगा। इसके लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद यह निर्णय लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री से वार्ता कराने का भरोसा भी दिलाया है। शुक्ला ने बताया कि प्रधानमंत्री से वार्ता में बोर्ड को भंग करने की मांग प्रमुखता से रखी जाएगी। केदार सभा के महामंत्री कुबेरनाथ पोस्ती ने कहा कि तीर्थ पुरोहितों का उद्देश्य किसी को अपमानित करना नहीं है। वे अपनी बात को प्रत्येक मंच पर उठाएंगे। तीर्थ पुरोहित महापंचायत के अध्यक्ष संतोषी त्रिवेदी ने कहा कि जब तक बोर्ड को भंग नहीं कर दिया जाता, तब तक आंदोलन जारी रखा जाएगा।

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