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उत्तराखंड में बनेगी देश की पांचवी साइंस सिटी, सीएम ने किया शिलान्यास

उत्तराखंड में देश की पांचवी साइंस सिटी बनने जा रही है। इसके लिए सीएम ने भूमि पूजन कर साइंस सिटी का शिलान्यास किया।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 10 Mar 2019 05:53 PM (IST)Updated: Sun, 10 Mar 2019 08:32 PM (IST)
उत्तराखंड में बनेगी देश की पांचवी साइंस सिटी, सीएम ने किया शिलान्यास

देहरादून, जेएनएन। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने झाझरा में साइंस सिटी का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने बताया उत्तराखंड में साइंस सिटी के लिए केंद्र ने 134 करोड़ रुपये की स्वाकृति दी गर्इ है। ये देश की पांचवी साइंस सिटी होगी।  

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सीएम रावत ने विज्ञानधाम, झाझरा में साइंस सिटी का भूमि पूजन और शिलान्यास किया। इस दौरान  सीएम ने बताया कि केंद्र सरकार से मसूरी पेयजल योजना के लिए 124 करोड़ रुपये की मंजूरी मिल गर्इ है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले डॉ. बृज मोहन शर्मा को दो लाख रुपये व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। सीएम ने कहा कि सांइस सिटी का निर्माण कार्य जल्द पूरा किया जाएगा। 

सीएम ने बताया कि साइंस सिटी के लिए इस क्षेत्र को इसलिए चुना गया, क्योंकि यहां पर अनेक शिक्षण संस्थांन हैं। यह एक तरह से एजुकेशन हब है। देशभर से छात्र यहां पर शिक्षा ग्रहण करने लिए आते हैं। यह साइंस सिटी बड़े आर्कषण का केंद्र बनेगी। इस संस्थान के बनने के बाद यहां पर अनेक वैज्ञानिक गतिविधियां होंगी। जिससे हमारी नई पीढ़ी वैज्ञानिक अन्वेषणों और गतिविधियों से प्रेरित होगी। 

सीएम ने कहा कि साल 2005 में जब गुजरात में सांइस सिटी बन रही थी, उस समय मैंने उसे देखा और उसी से प्रेरित होकर उत्तराखंड में सांइस सिटी के निर्माण के लिए सोचा था। उनका कहना है कि ये मेरा सौभाग्य है कि उत्तराखंड की साइंस सिटी का शिलान्यास करने का मुझे अवसर मिला है। 

पानी की समस्या का समाधान सबसे बड़ी प्राथमिकता  

सीएम रावत का कहना है कि प्रदेश में पानी की समस्या का समाधान करना राज्य सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है। आने वाले तीन साल में देहरादून जिले की 60 प्रतिशत जनसंख्या को ग्रेविटी वॉटर पर लाने का लक्ष्य रखा गया है। सौंग बांध भी 50 साल तक जल स्तर की समस्या को समाप्त करने में सहायक होगा। सौंग बांध पर कार्य प्रारम्भ होने के बाद 350 दिनों में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे हर साल सवा करोड़ रुपये की बिजली की बचत भी होगी। 

जमरानी बांध से ग्रेविटी वॉटर की तैयारी 

उन्होंने ये भी बताया कि हल्द्वानी शहर के लिए जमरानी बांध से ग्रेविटी वॉटर की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए पीएम मोदी को भी अवगत कराया गया है। बहुउद्देश्यी जमरानी बांध परियोजना के लिए भी पर्यावरण मंत्रालय ने स्वीकृति दी है। परमेश्वर अय्यर जिन्होंने स्वच्छ जल की परिकल्पना दी, उन्होंने सहयोग का आशवासन भी दिया है। पंचेश्वर बांध पर भी हमने कैबिनेट में निर्णय लिया। उससे भी हम ग्रेविटी वॉटर पूरे ऊधम सिंह नगर को देंगे। बरसात का पानी इकठ्ठा करने के लिए वॉटर कॉपर्स बनाया जा रहा है। पौड़ी में झील का निर्माण किया जा रहा है। जिसकी क्षमता 80 करोड़ लीटर की होगी। 

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