Updated: Mon, 04 Aug 2025 11:46 PM (IST)
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लखपति दीदी को करोड़पति बनाने के विजन के साथ मिशन मोड में काम करने की घोषणा की। उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों से संवाद कर कई कदम उठाए। सीएम ने कहा कि मातृशक्ति उत्तराखंड की आर्थिक और सामाजिक क्रांति की संवाहक है। सभी कार्यक्रमों में महिला समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों का उपयोग होगा। सीएम धामी ने महिलाओं से स्वरोजगार और समूह विस्तार पर सुझाव मांगे।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। राज्य में महिला सशक्तीकरण को नई उड़ान देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लखपति दीदी को करोड़पति दीदी बनने के विजन के साथ मिशन मोड पर कार्य करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को सचिवालय से वर्चुअल माध्यम से प्रदेश के विभिन्न विकासखंडों की महिला स्वयं सहायता समूहों से संवाद करते हुए उन्हें राहत देने को कई कदम उठाए। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मातृशक्ति उत्तराखंड की आर्थिक और सामाजिक क्रांति की सबसे बड़ी संवाहक है।
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उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य सरकार के सभी कार्यक्रमों और समारोहों में अब केवल महिला स्वयं सहायता समूहों की ओर से निर्मित स्मृति चिह्न, शाल व भेंट आदि का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को ग्रोथ सेंटर में महिलाओं को प्रशिक्षण दिलाने के निर्देश भी दिए।
सीएम ने डिजिटल प्लेटफार्म से महिला उत्पादों को जोड़ने, मार्केटिंग व ब्रांडिंग पर जोर दिया। हाउस आफ हिमालयाज और ‘हिलांस’ ब्रांड के माध्यम से उत्पादों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने पर फोकस करने के भी निर्देश दिए।
सीएम ने उत्पादों की गुणवत्ता, पैकेजिंग व विपणन को प्राथमिकता देने के स्पष्ट निर्देश जारी किए। बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, अपर सचिव झरना कमठान सभी जिलों के जिलाधिकारी व 95 विकासखंडों से जुड़े हजारों महिला स्वयं सहायता समूह वर्चुअली उपस्थित रहे।
68 हजार स्वयं सहायता समूहों से पांच लाख महिलाएं जुड़ीं
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत अब तक प्रदेश में 68 हजार स्वयं सहायता समूह बन चुके हैं, जिनसे पांच लाख से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं। इनके माध्यम से महिलाएं न सिर्फ आत्मनिर्भर बनी हैं, बल्कि सामूहिक नेतृत्व की मिसाल भी पेश कर रही हैं।
आज सात हजार से अधिक ग्राम्य संगठनों और 500 से अधिक क्लस्टर संगठनों के माध्यम से राज्य की महिलाएं सामूहिक नेतृत्व की एक अद्वितीय मिसाल पेश कर रही हैं।
मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना बनी परिवर्तन की जननी
सीएम धामी ने बताया कि वर्ष 2023 में रक्षाबंधन के अवसर पर शुरू की गई मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना ने महिला आर्थिक सशक्तीकरण का नया इतिहास रचा है। महिलाओं ने 27 हजार से अधिक स्टाल लगाए गए हैं। जिनमें सात करोड़ रुपये से अधिक के उत्पादों की बिक्री हुई।
इन उत्पादों की प्रभावी बिक्री के लिए 13 जनपदों में 33 नैनो पैकेजिंग यूनिट्स, 17 सरस सेंटर, तीन राज्य स्तरीय विपणन केंद्र और आठ बेकरी यूनिट्स संचालित की जा रही हैं। सीएम ने कहा कि चारधाम यात्रा मार्गों पर अस्थायी आउटलेट्स के माध्यम से भी उत्पादों की बिक्री हो रही है। देहरादून और हरिद्वार रेलवे स्टेशनों पर ‘वन स्टेशन, वन प्रोडक्ट’ योजना के अंतर्गत विशेष बिक्री केंद्र बनाए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने स्वदेशी पर दिया जोर
मुख्यमंत्री ने सभी से स्वदेशी उत्पादों के अधिकतम उपयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को आगे बढ़ाने के लिए महिलाओं की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है।
सीएम धामी ने कहा, ‘मैं उत्तराखंड की हर बहन और मां को विश्वास दिलाता हूं कि आपका ये भाई, ये बेटा, आपके अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए पूरी निष्ठा और समर्पण से कार्य करता रहेगा।’
सीएम ने महिलाओं से मांगे सुझाव
सीएम धामी ने संवाद के दौरान महिलाओं से उनके समूहों की ओर से उत्पादित वस्तुओं, बिक्री, आय में वृद्धि व आत्मनिर्भरता से जुड़े अनुभवों की जानकारी ली। साथ ही महिलाओं से स्वरोजगार और समूह विस्तार पर सुझाव देने का आग्रह भी किया।
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