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    Uttarakhand News: सीएम धामी ने पूर्व सैनिकों के साथ किया संवाद, बोले- सरकार के प्रयासों के साथ जन सहयोग भी जरूरी

    Updated: Mon, 07 Jul 2025 12:13 PM (IST)

    मुख्यमंत्री धामी ने पूर्व सैनिकों से संवाद करते हुए कहा कि उत्तराखंड को 2047 तक विकसित बनाने के लिए जन सहयोग आवश्यक है। उन्होंने धर्मांतरण दंगा विरोधी कानून भूमि अतिक्रमण और यूसीसी जैसे मुद्दों पर सरकार के प्रयासों में सहयोग की अपील की। उन्होंने सैनिकों को पर्यावरण प्रहरी बनने और पर्यटन को बढ़ावा देने की बात भी कही। सरकार सैनिकों के हितों के लिए हमेशा तत्पर है।

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    मतांतरण, जनसांख्यिकी बदलाव पर सरकार के प्रयासों के साथ जन सहयोग भी जरूरी- सीएम

    जागरण संवाददाता, देहरादून। सीएम धामी ने कहा कि मतांतरण व जनसांख्यिकी बदलाव पर हमारी सरकार के प्रयासों के साथ जन सहयोग एवं विधिक जागरुकता भी आवश्यक है। 

    मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने सख्त दंगा विरोधी कानून लागू करने के साथ, भूमि अतिक्रमण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई व यूसीसी जैसा साहसिक कदम उठाए हैं, लेकिन सरकार के इन साहसिक प्रयासों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए व्यापक जनसहयोग की अपेक्षा है।

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    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गढ़ी कैंट स्थित डीआइओएस सभागार में में आयोजित विकसित भारत-2047 सामूहिक संवाद- पूर्व सैनिकों के साथ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। 

    इस दौरान उन्होंने राज्य के सम्रग विकास के लिए उपस्थित भूतपूर्व सैनिकों से बातचीत की एवं उनके सुझाव लिए। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, उपनल के प्रबंध निदेशक ब्रिगेडियर जेएनएस बिष्ट (सेनि) सहित बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक मौजूद थे।

    राष्ट्र-प्रहरी के साथ पर्यावरण प्रहरी भी बने भूतपूर्व सैनिक

    मुख्यमंत्री ने कहा कि वन विभाग को हर डिवीज़न में एक हजार पेड़ लगाने के निर्देश दिए गए हैं। कुछ समय पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में ’एक पेड़ अपनी मां के नाम’ अभियान की शुरुआत की है। 

    इस अवसर पर आप सभी से इस अभियान में भागेदारी निभाने का आह्वान करता हूं क्योंकि आप सभी राष्ट्र-प्रहरी होने के साथ- साथ हमारे पर्यावरण के भी रक्षक हैं। आप जहां भी पेड़ लगाएंगे उसके फलने फूलने की गारंटी भी सदा रहेगी, क्योंकि आप एक सैनिक होने के नाते हमेशा उसका ख्याल भी रखेंगे। 

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य मे गत दो माह मे आने वाले पर्यटको की संख्या 38 लाख से अधिक हो गई है। प्रधानमंत्री के प्रयासों व सहयोग से राज्य मे शीतकालीन यात्रा एवं आदि कैलाश यात्रा को नई गति मिली है। राज्य मे बेरोजगारी दर 4.2 से कम हो गईं हैं जो राष्ट्रीय औसत से कम है। मानसरोवर यात्रा का समय 7 दिन कम हो चुका है।

    सैनिकों एवं उनके परिजनों के हित हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता

    मुख्यमंत्री धामी ने कार्यक्रम में उपस्थित समस्त पूर्व सैनिकों का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए कहा कि सैनिकों ने वीरता, शौर्य और समर्पण के साथ देश की रक्षा करते हुए अपने जीवन का महत्वपूर्ण कालखंड बिताया है। 

    सैनिकों ने कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कच्छ से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक हर मोर्चे पर तिरंगे के गौरव और मान को बढ़ाने का कार्य किया है। हमारा प्रदेश देवभूमि के साथ साथ वीरभूमि भी है, क्योंकि हमारे प्रदेश का लगभग हर परिवार सेना से जुड़ा हुआ है। 

    इतिहास इस बात का साक्षी है कि हमारे वीर सपूतों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने में कभी कोई कसर नहीं छोड़ी। कहा कि मैं, स्वयं भी एक फौजी का बेटा हूं। मैनें पूर्व सैनिकों एवं उनके परिवार की समस्याओं और चुनौतियों को नजदीक से देखा और समझा है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके हृदय में हमेशा शहीदों और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदनशीलता और समर्पण का भाव रहता है। इसलिए हमने ये प्रयास किया है कि यही भाव हमारी सरकार के काम में भी दिखे।