सीएम धामी की दो टूक, बोले- 'विधर्मियों और घुसपैठियों को वहीं भेजेंगे, जहां से वे आए'
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा सत्र में विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि सरकार राज्य हित में कड़े फैसले लेती रहेगी। उन्होंने साफ़ किया कि उत्तराखंड में अतिक्रमणकारियों और घुसपैठियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मदरसों में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों पर सख्त आपत्ति जताई। धामी ने समान नागरिक संहिता को समान अधिकार सुनिश्चित करने का प्रयास बताया और राज्य को श्रेष्ठ बनाने का संकल्प दोहराया।

कहा, राज्य हित के लिए कड़े फैसले लेना जारी रखेगी सरकार। आर्काइव
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को सदन के भीतर विपक्ष पर बरसे। सरकार के कड़े फैसलों पर विपक्ष की टिप्पणियों पर कड़ा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि अतिक्रमणकारियों, विधर्मियों और घुसपैठियों को सरकार देवभूमि उत्तराखंड में किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्हें वहीं भेजा जाएगा, जहां से वे आए हैं। मदरसों पर विपक्ष के आरोपों पर कहा कि यदि किसी भी मदरसे की आड़ में आतंक की फैक्ट्री चलाई जाएगी तो उन्हें सख्त आपत्ति है। शिक्षा की आड़ में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को सरकार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। देवभूमि व प्रदेश हित में कड़े निर्णय लेने का क्रम आगे भी जारी रहेगा।
मुख्यमंत्री धामी ने विपक्ष को निशाने पर लेने के साथ सरकार के रोडमैप को भी सदन में प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार कड़े निर्णय ले रही है। समान नागरिक संहिता कानून लागू कर सरकार ने सभी को समान अधिकार व अवसर सुनिश्चित करने का काम किया है। तुष्टिकरण की राजनीति के चलते विपक्ष बाबा भीमराव आंबेडकर के प्रविधानों को मानने से इन्कार कर रहा है। लैंड जिहाद में जब सरकारी जमीनों को हड़पने वालों पर सरकार कार्रवाई करती है तो विपक्ष क्यों परेशान हो जाता है। वह हर चीज वोट बैंक के चश्मे से क्यो देखता है।
विपक्ष की तुष्टिकरण की नीति के कारण उत्तराखंड की डेमोग्राफी पर असर पड़ रहा है। राज्य सरकार का प्रयास है कि राज्य में शिक्षा के मंदिर स्थापित हों जहां तय मानकों के अनुसार गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा दी जाए न कि शिक्षा के नाम पर बच्चों को 500 साल पुरानी कबीलाई मानसिकता की ओर धकेला जाए। कांग्रेस का मानना था कि अल्पसंख्यकों में केवल मुस्लिम समाज के ही लोग होते हैं, उन्होंने बाकी अल्पसंख्यक समुदायों को इससे दूर रखने का प्रयास किया। सरकार ने सिख, जैन, पारसी, ईसाई और बौद्ध धर्म को भी नए कानून के अंतर्गत समान अधिकारी देने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति और तुष्टीकरण ने देवभूमि उत्तराखंड की पहचान को कलंकित किया था, हमने उस कलंक को मिटाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि सरकार सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण और संतुष्टि मंत्र को ध्यान में निरंतर कार्य कर रही है। इन सेवाओं को अधिक कारागार बनाने के लिए इनमें एआइ तकनीक का उपयोग किया है। सरकार का एक-एक पल राज्य आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड बनाने को समर्पित है।
सीएम धामी ने इन पंक्तियों के साथ किया भाषण का समापन
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड ने अपनी इन 25 वर्षों की यात्रा में अनेक उतार-चढ़ावों का सामना सफलतापूर्वक किया है। यह पूरा विश्वास है कि प्रदेश की सवा करोड़ जनता के सहयोग से आने वाले वर्षाें में उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने विकल्प रहित संकल्प को पूर्ण करने में अवश्य सफल रहेंगे। मुख्यमंत्री ने अपने भाषण का समापन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखा में गाए जाने वाले एक गीत की इन पंक्तियों के साथ किया-
ये उथल पुथल उत्ताल लहर,
पथ से न डिगाने पाएगी।
पतवार चलाते जाएंगे,
मंजिल आएगी आएगी
मंजिल आएगी आएगी।
जमीनों का होगा बेहतर इस्तेमाल: धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लैंड जिहाद पर कड़ी कार्रवाई से मुक्त करके नौ हजार एकड़ से अधिक की सरकारी भूमि को जिहादियों के खूनी पंजों से मुक्त कराया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार इस भूमि का सरकारी कार्यों के लिए बेहतर इस्तेमाल करेगी।<br/> मंगलवार को मुख्यमंत्री जब लैंड जिहाद पर हुई कार्रवाई की जानकारी दे रहे थे तो उस समय बसपा विधायक मो शहजाद ने इस भूमि को बेघरों को देने की बात कही। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार नियमानुसार उचित प्रयोजनों के लिए इस भूमि का इस्तेमाल करेगी।

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