CM धामी ने धनतेरस, दीपावली, गोवर्धन पूजा व भैया दूज की दीं शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को धनतेरस, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने धनतेरस को भगवान धन्वंतरि की पूजा का पर्व बताते हुए सबके जीवन में सुख-समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने दीपावली को आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान का प्रतीक बताते हुए स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का आह्वान किया, ताकि स्थानीय कारीगरों को लाभ मिल सके और सबके घरों में खुशियां आएं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी। जागरण
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को धनतेरस, दीपावली, गोवर्धन पूजा तथा भैया दूज की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों की सुख-शांति और समृद्धि की कामना कर कहा कि धनतेरस आरोग्यता के देव भगवान धन्वंतरि की पूजा का पर्व है।
भगवान धन्वंतरि सभी के जीवन में सुख-समृद्धि एवं आरोग्यता प्रदान करें। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दीपावली के पावन पर्व को सुख, समृद्धि और संपन्नता का प्रतीक बताते हुए सभी प्रदेशवासियों को दीपावली के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि मां लक्ष्मी और भगवान गणेश के आशीर्वाद से हम सभी के जीवन में सुख समृद्धि, शांति एवं आरोग्यता का संचार हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपावली का पर्व केवल रोशनी, उत्साह और आनंद का नहीं बल्कि आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान का प्रतीक है। दीपावली राष्ट्रीय अस्मिता और गौरव का भी पर्व है। प्रकाश का यह पर्व हम सब के जीवन में धन, वैभव, यश, ऐश्वर्य और संपन्नता लेकर आए इसकी मुख्यमंत्री ने कामना की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपावली पर स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ के मंत्र को आत्मसात कर आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की पूर्ति में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि स्वदेशी उत्पादों की खरीद से स्थानीय शिल्प, कुटीर उद्योग और महिला स्वयं सहायता समूहों को भी सीधा लाभ मिलता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के कारीगरों की परंपरा और कौशल अत्यंत समृद्ध है। मिट्टी के दीये, हस्तनिर्मित सजावटी सामग्री, जैविक उत्पाद और पहाड़ी खाद्य पदार्थ न केवल स्थानीय स्तर पर लोकप्रिय हैं, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सभी से इस दीपावली पर्व पर स्वदेशी उत्पादों से अपने घरों को रोशन करने की अपेक्षा की ताकि किसी अन्य परिवार के घर में भी खुशियों के दीप जल सकें।
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