Uttarakhand: उत्तराखंड को 2025 तक सशक्त बनाने के मोर्चे पर जुटे सीएम धामी, किसानों पर है सरकार का 'फोकस'
मुख्यमंत्री धामी ने सचिवालय में हुई समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि कृषि एवं उद्यान के क्षेत्र में उत्पादन का अच्छा दाम मिले इसके लिए विपणन की बेहतर व्यवस्था की जाए। कृषकों की आय बढ़ाने के लिए उच्च मूल्य वाली फसलों को प्रोत्साहित करने पर ध्यान देने की जरूरत है।
देहरादून,राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड को वर्ष 2025 तक सशक्त राज्य बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने कमर कस ली है। विभागों की ओर से तैयार किए गए अल्प, मध्य व दीर्घकालिक रोडमैप को धरातल पर मूर्त रूप देने की दिशा में सरकार सक्रिय हो गई है। इस क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभागों के रोडमैप की समीक्षा की श्रृंखला शुरू की है।
बुधवार को उन्होंने कृषि एवं उद्यान विभागों के रोडमैप की समीक्षा करते हुए राज्य में मिलेट यानी मोटे अनाज (श्रीअन्न) उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज की मांग निरंतर बढ़ रही है और किसानों की आय बढ़ाने में यह अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कृषि अवसंरचना निधि की धीमी कार्य प्रगति पर नाराजगी जताई और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि इसमें निर्धारित लक्ष्य हासिल करने को सशक्त कार्य योजना बनाई जाए।
उच्च मूल्य वाली फसलों को प्रोत्साहित करें
मुख्यमंत्री धामी ने सचिवालय में हुई समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि कृषि एवं उद्यान के क्षेत्र में उत्पादन का अच्छा दाम मिले, इसके लिए विपणन की बेहतर व्यवस्था की जाए। कृषकों की आय बढ़ाने के लिए उच्च मूल्य वाली फसलों को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इस क्रम में मोटे अनाज बेहतर विकल्प हैं। उन्होंने कहा कि सितारा होटलों में मिलेट के व्यंजनों की व्यवस्था हो, इसके लिए इन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। पैक्स व क्रय केंद्रों में मिलेट खरीद की उचित व्यवस्था होनी आवश्यक है। जो स्वयं सहायता समूह किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मंडुवा खरीदेंगे, उन्हें प्रोत्साहन राशि यथा समय मिल जाए, यह सुनिश्चित होना चाहिए।
उत्तराखंड को रोल मॉडल बनाने की दिशा में हों काम
सीएम धामी ने कहा कि मिलेट उत्पादन को प्राकृतिक व पारंपरिक रूप से सभी संसाधन राज्य में हैं। मिलेट के क्षेत्र में उत्तराखंड को रोल मॉडल बनाने की दिशा में कार्य किए जाएं। उन्होंने कहा कि कृषि अवसंरचना निधि के अंतर्गत किसानों को ऋण लेने में कोई असुविधा न हो, इसके लिए प्रक्रिया के सरलीकरण पर ध्यान दिया जाए। बंदरों समेत दूसरे वन्यजीवों से फसल क्षति की समस्या को देखते हुए इसके निराकरण के लिए उन्होंने वन समेत अन्य विभागों की बैठक बुलाने पर जोर दिया।
अभियान के रूप में लें पॉलीहाउस स्थापना के कार्य
उद्यान विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य में पॉलीहाउस स्थापना से संबंधित कार्यों को अभियान के रूप में लिया जाए। सरकार ने इसके लिए किसानों को 70 प्रतिशत अनुदान देने का निर्णय लिया है। पॉलीहाउस में फल, फूल, सब्जी का जो उत्पादन होगा, उसे देशभर में भेजा जा सकेगा। इसके लिए गढ़वाल व कुमाऊं में मंडी बनाने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि पॉलीहाउस की प्रगति की वह जल्द समीक्षा करेंगे। उन्होंने स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग व मार्केटिंग पर ध्यान देने, कीवी व एप्पल मिशन को तेजी से आगे बढ़ाने, मौन पालन के लिए किसानों को प्रेरित करने, किसानों द्वारा बाहर से उच्च गुणवत्ता युक्त पौध लेने पर डीबीटी के माध्यम से समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। बैठक में कृषि मंत्री गणेश जोशी, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।