Updated: Fri, 05 Sep 2025 06:23 AM (IST)
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिव्यांग छात्रों के लिए छात्रवृत्ति हेतु आय सीमा समाप्त करने और दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की घोषणा की। मुख्य सेवक संवाद में उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों से बातचीत की उनकी समस्याओं को सुना और तत्काल समाधान के निर्देश दिए। पेंशन राशि में वृद्धि और वृद्धाश्रमों के निर्माण की घोषणा से नागरिकों में ख़ुशी है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कक्षा एक से आठवीं तक की दिव्यांग छात्रवृत्ति के लिए आय सीमा को समाप्त करने की भी घोषणा की, ताकि अधिक से अधिक छात्र इसका लाभ उठा सकें। उन्होंने घोषणा की कि दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन राशि को 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया जाएगा।
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“मुख्य सेवक संवाद” राज्य में संवेदनशील शासन और पारदर्शी प्रशासन की नई मिसाल बन रही है। गुरुवार को आयोजित संवाद के पांचवें संस्करण में सीएम ने वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों से सीधा संवाद किया। इस दौरान वृद्धावस्था पेंशन के लाभार्थी भी मौजूद रहे, जिन्होंने अपने अनुभव साझा किए।
मुख्यमंत्री ने उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना और अधिकारियों को त्वरित समाधान के निर्देश दिए। कार्यक्रम का मुख्य फोकस वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजन योजनाओं पर रहा। लाभार्थियों ने बताया कि अब वृद्धावस्था पेंशन समय पर मिल रही है और परिवार के दोनों बुजुर्गों को इसका लाभ प्राप्त हो रहा है।
साथ ही पेंशन राशि को 1200 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये कर दिया गया है, जिससे उन्हें घरेलू खर्च चलाने में सहूलियत मिली है। इस मौके पर सीएम धामी ने दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन योजना और राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के सॉफ्टवेयर का लोकार्पण किया।
सीएम धामी ने एक और संवेदनशील पहल करते हुए कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों में सुविधा युक्त वृद्धाश्रमों का निर्माण किया जाएगा। वर्तमान में कई जिलों में निर्माण कार्य प्रगति पर है और जल्द ही हर जिले में आधुनिक वृद्धाश्रम उपलब्ध होंगे।
वरिष्ठ नागरिकों ने इस घोषणा को सम्मानजनक अवसर बताया। वहीं दिव्यांगजन लाभार्थियों ने कहा कि सरकार अब केवल कागजों तक सीमित नहीं, बल्कि वास्तविक रूप से उनके साथ खड़ी है। संवाद के बाद मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजन के साथ भोजन भी किया।
उन्होंने कहा कि उनके अनुभव और संघर्ष जीवन को गहराई से समझने की प्रेरणा देते हैं। ‘मुख्य सेवक संवाद किसी औपचारिक मंच तक सीमित नहीं, बल्कि जनता और मुख्यमंत्री के बीच सीधा जुड़ाव है।
यह पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस विजन से मेल खाती है जिसमें वंचित वर्ग, मातृशक्ति और युवाओं को योजनाओं से जोड़ने पर बल दिया गया है। उत्तराखंड का यह प्रयोग आने वाले समय में अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय माडल साबित हो सकता है।’ - पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री
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