Cloudburst in Uttarakhand : मालदेवता आपदा में तीन और शव मिले, मृतकों की संख्या हुई छह, 12 लापता
Cloudburst in Uttarakhand उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद मची तबाही में अब कुल मृतकों की संख्या पांच हो गई है। वहीं अभी भी 12 लोग लापता है। जिनकी ख ...और पढ़ें

टीम जागरण, देहरादून : Cloudburst in Uttarakhand : उत्तराखंड के तीन जिलों के आपदा प्रभावित गांवों में जनजीवन पटरी से उतरा हुआ है। खोजबीन कर रहे दलों ने एक दंपती समेत तीन के शव रविवार को बरामद कर लिए। सभी शव देहरादून के मालदेवता क्षेत्र में मिले हैं।
इस तरह आपदा में अब तक छह व्यक्तियों की मौत हो चुकी है। जबकि 12 व्यक्तियों की तलाश अभी जारी है। प्रभावित क्षेत्रों में बिजली और पानी की आपूर्ति सुचारु करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
129 से ज्यादा पर्यटकों और ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
आपदा से प्रभावित 34 परिवारों को पंचायत घर और स्कूलों में ठहराया गया है। टिहरी के कुमाल्डा और पौड़ी के यमकेश्वर ब्लाक के मोहनचट्टी में फंसे 129 से ज्यादा पर्यटकों और ग्रामीणों को भी एसडीआरएफ ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
देहरादून के रायपुर, पौड़ी के यमकेश्वर और टिहरी के जौनपुर विकासखंड के दर्जनभर से ज्यादा गांवों में शुक्रवार रात से शनिवार सुबह तक बादल फटने के कारण व्यापक पैमाने पर जानमाल का नुकसान हुआ है।
बचाव एवं राहत दल रविवार को भी दिन भर मलबे में जिंदगी की तलाश करते रहे। देहरादून के रायपुर ब्लाक के सरखेत में दिनेश चंद्र कैंत्युरा का मकान मलबे से ध्वस्त होने से वहां रह रहे सात लोग दब गए थे, इनमें से टिहरी से आए उनके तीन परिचित भी थे।
इनमें से जैत्वाड़ी निवासी राजेंद्र राणा और उनकी पत्नी अनिता राणा के शव बरामद कर लिए गए। परिवार के पांच अन्य सदस्य का अब भी पता नहीं चल पाया। मालदेवता क्षेत्र में सौंग नदी का पुल टूटने से बहे लोडर चालक संजय कुमार राय का शव भी बरामद कर लिया गया।
वह परिवार के साथ भगत सिंह कालोनी अधोईवाला में रहता था। टिहरी जिले में पांच व्यक्तियों के शव अभी तक नहीं मिले हैं। इसी जिले के कीर्तिनगर के कोठार गांव में मलबे में दबी 80 साल की वृद्धा की खोजबीन की जा रही है। ग्रामीणों के अनुसार टिहरी में एक और ग्रामीण आपदा से बाद से लापता है, हालांकि प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
124 संपर्क मार्ग अवरुद्ध
गंगोत्री मार्ग पर धरासू में वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है, लेकिन नरेंद्रनगर में बाधित हो गया। यमुनोत्री हाईवे दो दिन बाद सुचारु हो गया। इसके अलावा राज्यभर में 113 से ज्यादा ग्रामीण संपर्क मार्ग बंद हैं। वहीं चम्पावत-टनकपुर हाईवे छह घंटे बाद खुला। राज्य मौसम केंद्र ने अगले 24 घंटे के अंतराल में देहरादून, चमोली और बागेश्वर में कई स्थानों पर भारी से भारी वर्षा होने को अनुमान है।
आपदा प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य
रविवार को नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने देहरादून के रायपुर क्षेत्र के कुमाल्डा, सरखेत, मालदेवता व उसके आस-पास आपदा प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया एवं स्थानीय लोगों से भेंट की।
उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तराखंड में बार- बार आपदा दस्तक दे रही बावजूद इसके सरकार सोई हुई है। उत्तराखंंड आपदा प्रभावित राज्य है जो कि भूकम्प, बादल फटने, अतिवृष्टि, भूस्खलन, कृत्रिम झील के फटने आदि आपदाओं की जद में रहता है।
यहां जगह-जगह भूस्खलन होने से सड़कें और रास्ते बंद हैं। परंतु विडंबना यह कि केंद्र और राज्य की डबल इंजन भाजपा सरकार आपदा प्रभावितों को मरहम लगाने के बजाय दौरे तक सीमित है। सरकार को राज्य में आपदा प्रबंधन की ठोस पहल करनी चाहिए।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।