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उत्‍तराखंड के चमोली जिले में फटा बादल, छह लोगों की मलबे में दबकर हुई मौत

चमोली जिले के घाट ब्‍लॉक के तीन गांव में बादल फटने से हुए भूस्‍खलन में छह लोगों की मलबे में दबकर मौत हो गई। सभी शवों को मलबे से निकाल लिया गया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 12 Aug 2019 07:38 AM (IST)Updated: Mon, 12 Aug 2019 09:05 PM (IST)
उत्‍तराखंड के चमोली जिले में फटा बादल, छह लोगों की मलबे में दबकर हुई मौत
उत्‍तराखंड के चमोली जिले में फटा बादल, छह लोगों की मलबे में दबकर हुई मौत

देहरादून, जेएनएन। चमोली जिले के घाट विकासखंड के तीन गांवों में मौसम काल बनकर बरसा। यहां बादल फटने, आकाशीय बिजली गिरने और भूस्खलन की वजह से छह लोग मलबे में जिंदा दफन हो गए। इनमें मां-बेटी, दो सगी बहनें, एक युवती और रिश्तेदारी में आया युवक शामिल हैं। सभी के शव बरामद कर लिए गए। प्रभावित गांवों में चार आवासीय भवन और पांच दुकानें धराशायी हो गईं। आपदा में 46 मवेशी भी मारे गए। भूस्खलन से कई पैदल रास्ते और पुलिया भी बह गई। सड़क किनारे खड़ी दो कारें मलबे में दब गईं। कुछ आवासीय भवन और दुकानें खतरे की जद मेंं आ गई हैं। राजस्व विभाग, आपदा प्रबंधन और एसडीआएफ की टीमें प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों में जुटी हुई है। नुकसान का आकलन किया जा रहा है। चमोली में चार दिन के अंतराल में दूसरी बार मौसम का जानलेवा कहर बरपा है। वहीं, मौसम विभाग ने अगले 12 घंटों में देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़  में तेज बारिश के अलर्ट को देेेखते हुए चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने जिले के सभी सरकारी, गैर सरकारी विद्यालयों में कक्षा एक से 12 तक और सभी आंगबाडी केन्द्रों में मंगलवार का अवकाश घोषित किया है। 

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समूचे चमोली जनपद में रविवार रात नौ बजे से बारिश चल रही थी, सुबह दस बजे तक जिले में लगभग 70 मिमी बारिश हो चुकी थी। घाट विकासखंड में सर्वाधिक पानी बरसा। यहां बांजबगड़, आली और लाखीगांव में आसमान से बरसी आफत ने छह जिंदगियां लील ली। बांजबगड़ निवासी अब्बल सिंह के मकान के निकट तड़के करीब पौने छह बजे आकाशीय बिजली गिरी, तभी ऊपरी इलाके में बादल फटने से उफान के साथ आए मलबे से उनका मकान जमींदोज हो गया। यहां सो रही अब्बल सिंह की पत्नी रूपा देवी (35) और नौ महीने की बच्ची चंदा की मौत हो गई। घर के बाकी सदस्य छानी में सो रहे थे। गांव में भूस्खलन से 40 बकरियों समेत 46 मवेशी भी मारे गए।

इसी दरम्यान यहां कुछ ही दूरी पर स्थित आली गांव में नैनूराम का मकान भूस्खलन की चपेट में आने से उसकी 21 वर्षीय बेटी नौरती मलबे में दफन हो गई। उफान की आहट पर नैनूराम और उसकी पत्नी घर से बाहर दौड़े, तभी मलबे से मकान ढह गया। गांव वालों ने ही रेस्क्यू कर उसका शव मलबे से निकाला। सुबह करीब पौने नौ बजे लाखी गांव में बादल फटने से शंकर लाल का मकान मलबे की की भेंट चढ़ गया। 

हादसे में शंकर लाल की बेटियां आरती (8) और अंजलि (7)  के साथ ही रिश्तेदारी में उनके घर आया युवक अजय लाल (23) की मौत हो गई। अजय नौरख गांव से अपने मामा के घर आया हुआ था। इस मकान में रह रहे शंकर लाल के दो बेटों ने भागकर जान बचाई। शंकर लाल, उनकी पत्नी और मां छानी में सो रहे थे। तीनों प्रभावित गांवों में भूस्खलन की वजह से कुछ गौशालाएं क्षतिग्रस्त होने की भी सूचना है। मूलसाधार बारिश से घाट विकासखंड में नदी और नाले उफान पर हैं। चुफला गदेरा (बरसाती नाला) के उफान में तीन मकान और इनमें बनी पांच दुकानें बह गई हैं। इलाके में बारिश जारी है। नदी-नालों के उफान को देखते हुए इनके किनारे बसे लोग घरों में जाने से कतरा रहे हैं। बता दें कि चमोली जिले में इससे पहले 9 अगस्त को भी दशोली और देवाल ब्लाक में बादल फटा था। तब मलबे में दफन मां-बेटी का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है।

नदियां खतरे के निशान के करीब

लगातार हो रही बारिश से उत्तराखंड में गंगा, अलकनंदा, मंदाकिनी, काली नदी, गोरी नदी और सरयू समेत अधिकांश नदियां खतरे के निशान के आसपास बह रही हैं। 

बागेश्वर में भी बादल फटा

कुमाऊं मंडल में भी पूरी रात बारिश का दौर चला। बागेश्वर जिले की तहसील के हवील कुलवान गांव के ऊपर की पहाडिय़ों पर सुबह तीन बजे बादल फटने से कत्यूर घाटी में हड़कंप मच गया। आधा दर्जन मकान व गोशालाएं ध्वस्त हो गई वहीं कई घरों के आंगन दरक गए। गोमती नदी के उफान पर आने से कई पेयजल योजनाएं, खेत बह गए हैं। नदी किनारे रह रहे लोगों ने बमुश्किल भागकर जान बचाई। अल्मोड़ा जिले के ताड़ीखेत ब्लाक के बादरकोट गांव में दो मंजिला आवासीय भवन क्षतिग्र्रस्त हो गया। मकान के मलबे में दो मवेशी दफन हो गए। 

केदारनाथ हाईवे चौथे दिन भी नहीं खुला

केदारनाथ हाईवे बांसवाड़ा में चौथे दिन भी बाधित रहा। यहां पहाड़ी से लगातार भूस्खलन हो रहा है। बदरीनाथ हाईवे लामबगड़ समेत तीन स्थानों पर पूरे दिन खुलता और बंद होता रहा। यही क्रम यमुनोत्री हाईवे पर डाबरकोट में चला। गंगोत्री हाईवे उत्तरकाशी में चुंगी बड़ेथी के पास अवरुद्ध है। यहां भी वैकल्पिक मार्ग खुला हुआ है। बारिश और भूस्खलन से प्रदेश में 85 संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं।

13 से 19 तक मौसम से राहत नहीं

राज्य मौसम केंद्र ने अगले एक सप्ताह तक मौसम के ऐसे ही बने रहने का अनुमान जताया है। 13 से 16 अगस्त तक चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, पिथौरागढ, देहरादून, नैनीताल और पौड़ी में भारी से भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है। मौसम विभाग ने मौसम के तेवर को देखते हुए राज्य सरकार को एहतियाती उपाय करने की सलाह दी है।

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