उत्तराखंड में बादल फटने के पूर्वानुमान का सिस्टम होगा विकसित, पढ़िए खबर
उत्तराखंड में बादल फटने का पूर्वानुमान सिस्टम विकसित करने के लिए देशभर के इंजीनियरिंग के छात्र डिजिटल प्रणाली तैयार करेंगे। देशभर के छात्र इसका डिजिटल समाधान तलाशेंगे।
देहरादून, अशोक केडियाल। उत्तराखंड में बादल फटने का पूर्वानुमान सिस्टम विकसित करने के लिए देशभर के इंजीनियरिंग के छात्र डिजिटल प्रणाली तैयार करेंगे। देशभर में नवाचार (इनोवेशन) को बढ़ावा देने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से स्मार्ट इंडिया हेकाथॉन-2020 प्रतियोगिता में केदारनाथ त्रासदी जैसी भीषण आपदा को राष्ट्रीय समस्या के रूप में स्वीकार किया गया है। देशभर के इंजीनियरिंग के छात्र इस समस्या का डिजिटल समाधान तलाशेंगे।
इस प्रतियोगिता में देशभर के लाखों छात्र-छात्राएं सामाजिक जनसरोकार से जुड़ी समस्याओं का डिजिटल समाधान तलाशेंगे। यह प्रतियोगिता पिछले तीन साल से देशभर में आयोजित की जा रही है। इस बार स्मार्ट इंडिया हेकाथॉन में उत्तराखंड से 16 चैलेंज को शामिल किया गया है, जिन्हें मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से स्वीकार कर लिया गया है। उन्हीं 16 जनसमस्याओं में 'उत्तराखंड में बादल फटने का पूर्वानुमान सिस्टम' को प्रमुखता से शामिल किया गया है।
पिछले तीन संस्करण में स्मार्ट इंडिया हेकाथॉन की बड़ी सफलता व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष रुचि लेने से इस वर्ष मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इसे और सशक्त तरीके से संचालित करने का निर्णय लिया है।
एमएचआरडी मंत्री ने सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भेजे पत्र में स्मार्ट इंडिया हेकाथॉन 2020 के लिए संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी को इसका समन्वयक नियुक्त करने व उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्रों को जोड़ने को कहा है। विशेषकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्रों को इसमें सहभागिता करनी है।
यूटीयू ने एमएचआरडी को भेजी समस्याएं
राज्य में उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय (यूटीयू) स्मार्ट इंडिया हेकाथॉन-2020 की जिम्मेदारी संभाल रहा है। स्मार्ट इंडिया हेकाथॉन के राज्य परियोजना समन्वयक मनोज कुमार पांडा ने बताया कि विवि से संबद्ध सभी इंजीनियङ्क्षरग कॉलेज इस प्रतियोगिता के हिस्सा बनेंगे। यूटीयू को निर्धारित तिथि तक 16 चैलेंज प्राप्त हुए, जिन्हें मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजा गया।
एमएचआरडी ने उत्तराखंड से भेजे सभी चैलेंज स्वीकार कर लिए हैं। अब स्मार्ट इंडिया हेकाथॉन की इंजीनियरिंग प्रतियोगिता की निर्धारित तिथि पर प्रतियोगिता होगी। इस प्रतियोगिता में 'उत्तराखंड में बादल फटने का पूर्वानुमान सिस्टम' भी एक समस्या का देशभर के इंजीनियङ्क्षरग के छात्र समाधान तलाशेंगे। स्मार्ट इंडिया हेकाथॉन में आइआइटी रुड़की, आइआइटी मुंबई, आइआइटी खड़कपुर, आइआइटी बेंगलुरू जैसे नामी संस्थान के छात्र शामिल होंगे।
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आइआइट रुड़की को है पूर्व अनुभव
वर्ष 2019 स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन में देशभर से ढ़ाई लाख छात्र-छात्राओं ने भाग लिया था। इन छात्रों ने देश के 532 सामाजिक सरोकार से जुड़ी समस्याओं को साफ्टवेयर व हार्डवेयर संस्करण में बांटकर समाधान तलाशे थे। यह समस्याएं केंद्र सरकार के 17 विभिन्न मंत्रालयों व 95 टॉप उद्योगों की ओर से दी गई थी। उत्तराखंड में ग्राफिक एरा डीम्ड विवि व आइआइटी रुड़की ग्रैंड फिनाले के सेंटर थे। ग्रैंड फिनाले के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्मार्ट इंडिया हेकाथॉन के प्रतिभागी छात्रों के साथ लाइव संवाद कर उनके नवाचार को सराहा था।
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