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    अब देहरादून में चलेंगे केवल ये Passenger Vehicle, परिवहन विभाग की नई कार्य-योजना

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 04:22 PM (IST)

    उत्‍तराखंड की राजधानी देहरादून में सार्वजनिक परिवहन को सुधारने के लिए सिटी ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन बनाया गया है। डीजल बसों को हटाकर इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसें चलाई जाएंगी जिसके लिए सरकार सब्सिडी देगी। शहर में वायु प्रदूषण कम करने और यात्रियों को आरामदायक सफर देने के लिए यह कदम उठाया गया है। सभी यात्री वाहन सिटी ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन के अधीन होंगे।

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    सिटी ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन के अधीन संचालित होंगे सभी यात्री वाहन, डीजल सिटी बसें होंगी बाहर। फाइल

    अंकुर अग्रवाल, जागरण देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून शहर की यातायात व्यवस्था व सार्वजनिक परिवहन सेवा में व्यापक सुधार के लिए सिटी ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन बनाने का जो कदम उठाया है, उसमें प्रदूषण नियंत्रण भी बड़ा मुद्दा रहेगा।

    राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर परिवहन विभाग उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में वृहद स्तर पर बनाई कार्य-योजना को धरातल पर उतारने की तैयारी कर रहा है।

    दून शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने, आमजन को सुविधा व आरामदायक सफर उपलब्ध कराने के लिए विभाग ने अब देहरादून शहर में दौड़ रही डीजल चालित सिटी बसों और विक्रमों को बाहर करने की तैयारी कर ली है। डीजल बसों व विक्रमों के स्थान पर शहर में इलेक्ट्रिक व सीएनजी चालित बसें व ओमनी बस ही संचालित होंगी।

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    परिवहन विभाग सरकार की ''उत्तराखंड स्वच्छ गतिशीलता परिवर्तन नीति-2024'' के अंतर्गत पुरानी बसों को बदलने पर ट्रांसपोर्टरों को 50 प्रतिशत सब्सिडी भी देगा, जिसके आवेदन लिए जा रहे हैं। वर्तमान में शहर में स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत 36 इलेक्ट्रिक बसें संचालित हो रहीं, लेकिन इनकी कीमत एक करोड़ रुपये से अधिक प्रति बस होने के कारण निजी ट्रांसपोर्टर इन बसों को लाने पर सहमत नहीं हैं।

    ऐसे में परिवहन विभाग ने ट्रांसपोर्टरों के लिए सीएनजी बस लाने का विकल्प खोला हुआ है। इसमें नई सीएनजी बस लाने पर ट्रांसपोर्टर को 50 प्रतिशत सब्सिडी या अधिकतम 15 लाख रुपये की मदद सरकार देगी। कार्य-योजना को लेकर आरटीओ (प्रशासन) संदीप सैनी ने बताया कि परिवहन विभाग पिछले दो साल से शहर में सीएनजी सिटी बसों के संचालन की कसरत कर रहा है, लेकिन राज्य सरकार की ओर से स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) के तहत दून में सिटी ट्रांसपोर्ट बनाने की स्वीकृति मिलने के बाद अब इस पर तेजी से काम हो सकेगा।

    शहरी क्षेत्रों में पर्यावरण का ध्यान और राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण की ओर से वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दिए निर्देशों के क्रम में डीजल चालित सिटी बस व विक्रमों को बाहर करने का प्रस्ताव बनाया गया है। वर्तमान में जितनी सिटी बसों के परमिट स्वीकृत हैं, उन सभी पर इलेक्ट्रिक व सीएनजी बसें संचालित कराने की योजना है।

    शहर के उन सभी क्षेत्रों तक सिटी बस चलाई जाएगी, जहां अभी बस सेवा नहीं है। शहर में संचालित सभी यात्री वाहन सिटी ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन के अधीन संचालित होंगे। पहले चरण में इसमें इलेक्ट्रिक बसों को सम्मिलित किया जाएगा।

    वर्तमान में दून में सिटी बसों की स्थिति

    • शहर में सिटी बसों के 319 परमिट हैं स्वीकृत, लेकिन संचालित हो रहीं केवल 178 बसें।
    • कोरोनाकाल से पहले मार्च-2020 तक संचालित हो रही थी 279 सिटी बसें।
    • शहर में सिटी बसों के लिए निर्धारित है 35 किमी की परिधि।
    • प्रतिदिन करीब 40 हजार यात्री करते हैं सिटी बसों में यात्रा।
    • बसों की हालत इतनी खस्ताहाल है कि पर्यटक इनमें बैठना नहीं करते पसंद।

    बाहर होंगे सभी डीजल आटो-विक्रम

    परिवहन विभाग ने एक नवंबर-2022 को दून समेत ऋषिकेश, विकासनगर व हरिद्वार से डीजल चालित विक्रम व आटो को बाहर करने का निर्णय लिया था। निर्णय हुआ था कि दस वर्ष से अधिक पुराने डीजल विक्रम-आटो 31 मार्च-2023 जबकि दस वर्ष से कम पुराने डीजल विक्रम-आटो 31 दिसंबर-2023 के बाद नहीं चलेंगे। इनके स्थान पर सीएनजी व पेट्रोल चालित टाटा मैजिक चलाने का निर्णय हुआ।

    निर्णय के विरोध में विक्रम और आटो संचालक उच्च न्यायालय पहुंच गए। मामला अभी उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। आरटीओ ने बताया कि 794 डीजल विक्रमों में से 326 विक्रम संचालकों ने अपना वाहन बीएस-6 टाटा मैजिक में बदल लिया है और अब शेष बचे 468 विक्रमों को आठ से 13 सीटर सीएनजी ओमनी बस में बदला जाएगा। राज्य सरकार की ओर से इसमें साढ़े तीन लाख रुपये की सब्सिडी दी जा रही।

    निजी बसों को लेकर स्पष्ट होगी स्थिति

    दून से ऋषिकेश, हरिद्वार, मसूरी व अन्य क्षेत्रों के लिए निजी बसों के संचालन को लेकर परिवहन विभाग तैयार है, लेकिन मामला उच्च न्यायालय में लंबित है। आरटीओ ने बताया कि न्यायालय में ठोस पैरवी की जा रही है व अगर पक्ष में निर्णय आएगा, परिवहन विभाग तत्काल परमिट आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर देगा। इन मार्गों पर इलेक्ट्रिक बसों को प्राथमिकता दी जा सकती है। दरअसल, दून को पीएमश्री योजना के अंतर्गत 100 इलेक्ट्रिक बसें मिलनी हैं। इसके अतिरिक्त हरिद्वार को 50 इलेक्ट्रिक बसें मिलेंगी।

    एमडी को बनाया गया अध्यक्ष

    राज्य सरकार की ओर से स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) के तहत दून में सिटी ट्रांसपोर्ट बनाने की स्वीकृति के बाद परिवहन निगम की प्रबंध निदेशक (एमडी) रीना जोशी को इसका अध्यक्ष बनाया गया है। आरटीओ संदीप सैनी और पुलिस अधीक्षक इसमें सदस्य रहेंगे। कार्य-योजना को लेकर जल्द समिति की बैठक हो सकती है।