उत्तराखंड को बनाएंगे सशक्त, समृद्ध व आत्मनिर्भर : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के आशीर्वाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और जनता के सहयोग से उत्तराखंड को सशक्त, समृद्ध व आत्मनिर्भर राज्य के रूप में स्थापित करने के विकल्प रहित संकल्प में हम अवश्य सफल होंगे। उन्होंने विधानसभा सत्र को संबोधित करने के लिए राष्ट्रपति का आभार व्यक्त किया। धामी ने कहा कि राष्ट्रपति का संबोधन राज्य के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सोमवार को विधानसभाके विशेष सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के सम्मान में स्वागत भाषण देते हुए। सूवि
राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के आशीर्वाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और जनता के सहयोग से उत्तराखंड को सशक्त, समृद्ध व आत्मनिर्भर राज्य के रूप में स्थापित करने के विकल्प रहित संकल्प में हम अवश्य सफल होंगे।
उन्होंने सोमवार को राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित विधानसभा के विशेष सत्र में राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए अपने भाषण में यह विश्वास दिलाया।
मुख्यमंत्री ने सत्र को संबोधित करने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का संपूर्ण जीवन संघर्ष, समर्पण और राष्ट्र सेवा का अनुपम उदाहरण है।
उनके व्यक्तित्व में मातृत्व की ममता, सेवा का संकल्प व राष्ट्र के प्रति अटूट समर्पण का अद्भुत संगम निहित है। राष्ट्रपति ने हमेशा अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के कल्याण को प्राथमिकता देते हुए समाज के वंचित, शोषित एवं पिछड़े वर्गों के सशक्तीकरण के लिए कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति मुर्मु ने निजी जीवन में अत्यंत विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए भी हमेशा राष्ट्र सर्वाेपरि की भावना से कार्य किया। झारखंड की राज्यपाल के रूप में भगवान बिरसा मुंडा के आदर्शों का अनुसरण करते हुए जनजातीय समाज के उत्थान में अविस्मरणीय भूमिका निभाई।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मुर्मु का राज्य विधानसभा में दिया गया संबोधन राज्य के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित किया जाएगा। उनके प्रेरणादायी शब्द आगामी 25 वर्षों तक उत्तराखंड की प्रगति के लिए मार्गदर्शन करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड नौ नवंबर को अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण करने जा रहा है। यह ऐतिहासिक अवसर प्रत्येक उत्तराखंडवासी के लिए आत्मगौरव का क्षण होने के साथ ही अत्यंत भावनात्मक भी है। उत्तराखंड राज्य उन असंख्य माताओं, बहनों, युवाओं और जननायकों के अदम्य साहस व संघर्ष का प्रतीक है, जिनके तप, त्याग एवं बलिदान के बल पर यह अस्तित्व में आया।
उन्होंने ज्ञात-अज्ञात राज्य आंदोलनकारियों को नमन करते हुए कहा कि अमर आंदोलनकारियों के बलिदान को उत्तराखंड कभी नहीं भुला सकता।
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