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लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना को केंद्रीय कैबिनेट ने दी मंजूरी, मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री व केंद्र सरकार का जताया आभार

आज बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय कैबिनेट की ओर से लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना की स्वीकृति दिये जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 15 Dec 2021 07:24 PM (IST)Updated: Wed, 15 Dec 2021 08:35 PM (IST)
उत्‍तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी। फाइल फोटो

राज्‍य ब्‍यूरो, देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय कैबिनेट की ओर से लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना की स्वीकृति दिये जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय महत्व की परियोजना जल्द पूरी होगी।

वर्षों से लंबित परियोजना पर प्रधानमंत्री की इच्छा शक्ति से राष्ट्र हित में निर्णय लिया गया है। 90 प्रतिशत केंद्रीय वित्त पोषण की इस परियोजना से उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली व राजस्थान राज्य लाभान्वित होंगे। इससे इन राज्यों को जलापूर्ति होगी। परियोजना के जल घटक का लाभ 6 राज्यों को मिलेगा तथा विद्युत घटक का लाभ उत्तराखंड को मिलेगा। जलघटक का 90 प्रतिशत केंद्र सरकार द्वारा अनुदान सहायता के रूप में दिया जाएगा।

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उत्तरकाशी में देवस्थानम बोर्ड को भंग करने पर विजय जुलूस

उत्तराखंड विधान सभा के आखिरी सत्र में देवस्थानम बोर्ड भंग करने पर गंगोत्री तीर्थ पुरोहितों ने संस्कृत महाविद्यालय से मणिकर्णिका घाट तक विजय जुलूस भी निकाला। साथ ही विश्वनाथ मंदिर में भव्य जलाभिषेक भी किया।

बुधवार को गंगोत्री तीर्थ पुरोहितों ने श्री पांच गंगोत्री मंदिर के अध्यक्ष हरीश सेमवाल व सचिव सुरेश सेमवाल के नेतृत्व में विजयी जुलूस निकाला। तीर्थ पुरोहितों का कहना था कि दो वर्ष के लंबे संघर्ष के बाद जीत हासिल हुई है। देवस्थानम बोर्ड के विरोध में दो साल से तीर्थ पुरोहित आंदोलित थे। श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने कहा कि यह सनातन की जीत है। यह लड़ाई अभी रुकी नहीं है। जिस प्रकार से उत्तराखंड सरकार ने मंदिरों को मुक्त किया है। उसी प्रकार से केंद्र सरकार एक कानून लाए जिसमें देश के चार लाख मंदिरों को मुक्त किया जाए। सेमवाल ने कहा कि मंदिरों के मुक्ति की शुरुआत हो चुकी है। जलूस में हरदीप सेमवाल, सुमेश सेमवाल, निखिलेश सेमवाल, मंद्राचल, वसुदेव, प्रेमकांत, सूर्यप्रकाश, माया प्रसाद दिनेश चंद्र सेमवाल आदि शामिल थे।

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