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    Chhath Puja 2021: देहरादून में अस्ताचलगामी सूर्य को श्रद्धालुओं ने दिया अर्घ्‍य

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Wed, 10 Nov 2021 04:52 PM (IST)

    Chhath Puja 2021 शाम को ढलते सूर्य को अर्घ्य देकर संतान के सुखी जीवन की कामना की। छठ पूजा के लिए विभिन्न घाटों को चमकाया गया है। इससे पहले छठ पर्व के दूसरे दिन व्रतियों ने खरना कर छठ मइया की आराधना की।

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    Chhath Puja 2021: संतान की दीर्घायु के लिए आज होगी छठ पूजा। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, देहरादून। Chhath Puja 2021 आज छठ पूजा पर शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर संतान के सुखी जीवन की कामना की गई। छठ पूजा के लिए विभिन्न घाटों को चमकाया गया है। इससे पहले छठ पर्व के दूसरे दिन व्रतियों ने खरना कर छठ मइया की आराधना की। सूर्यास्त के समय रसियाव खाकर व्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला व्रत धारण कर लिया है।

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    संतान के सुखी जीवन के लिए सूर्यदेव और छठी मइया की आराधना का चार दिवसीय महापर्व छठ सोमवार से शुरू हो चुका है। मंगलवार सुबह से ही खरना के लिए लोग ने तैयारी शुरू कर दी थी। गुड़ व गाय के दूध से बनी खीर का प्रसाद तैयार कर छठ मइया एवं अपने कुल देव को भोग लगाया। साथ ही सूर्यदेव को अर्घ्य देकर व्रत रखा गया।

    दोपहर को बाजार में रही भीड़

    छठ पूजा की सामग्री खरीदने को लोग बाजार पहुंचे। पूजन के लिए गन्ना, नारियल, हरी अदरक, टोकरा, दउरा, फल, सब्जियों की खूब खरीदारी हुई। दोपहर के वक्त सहारनपुर चौक से लेकर झंडा बाजार, हनुमान चौक, सब्जी मंडी तक काफी भीड़ रही। पुलिस ने किसी तरह से जाम खुलवाया।

    लिपाई के साथ तैयार हुए छठ घाट

    पूर्वा सांस्कृतिक मंच के 18 विभिन्न घाटों में मंच वूमेन टीम ने गोबर से लिपाई की। साथ ही गंगाजल से घाटों को पवित्र किया। गंगोत्री से लाए गए जल से पंच मंदिर गंगोत्री समिति के अध्यक्ष रावल हरीश सेमवाल ने हरबंशवाला छठ घाट के साथ ही सभी घाटों में छिड़काव किया।

    डूबते सूर्य को आज दिया जाएगा अर्घ्य

    छठ पर्व के तीसरे दिन बुधवार को छठ पूजा होगी। इस दिन 5:30 बजे सूर्यास्त का समय है,जबकि गुरुवार को सूर्योदय का समय 6:41 बजे रहेगा। आचार्य डा. सुशांत राज के मुताबिक कई जगह घाटों में जल्दी सूर्यास्त, सूर्योदय होता है अथवा मौसम खराब रहने की स्थिति से पता नहीं चल पाता। ऐसे समय में सामने सूर्य का चित्र बनाकर अथवा मन में सूर्यदेव की आराधना कर अर्घ्य दे सकते हैं।

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