Chardham Yatra 2022 के लिए 166314 यात्रियों का पंजीकरण, दिखा सबसे ज्यादा केदारनाथ धाम का क्रेज
तीन मई को गंगोत्री व यमुनोत्री छह मई को केदारनाथ और आठ मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। अब तक इन सभी धामों के लिए एक लाख 66 हजार 314 श्रद्धालु अपना पंजीकरण करा चुके हैं। सबसे ज्यादा पंजीकरण 64151 केदारनाथ धाम के लिए कराए गए हैं।

हरीश तिवारी, ऋषिकेश: Chardham Yatra 2022 : चारधाम और श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की पंजीकरण संख्या तेजी के साथ बढ़ रही है। पर्यटन विभाग की वेबसाइट में आनलाइन पंजीकरण किए जा रहे हैं।
अब तक इन सभी धामों के लिए एक लाख 66 हजार 314 श्रद्धालु अपना पंजीकरण करा चुके हैं। सबसे ज्यादा पंजीकरण 64151 केदारनाथ धाम के लिए कराए गए हैं। तीन मई को गंगोत्री व यमुनोत्री, छह मई को केदारनाथ और आठ मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे।
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की ओर से श्रद्धालुओं के आनलाइन पंजीकरण के लिए https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/ वेबसाइट जारी की गई है। एक मार्च से 25 अप्रैल तक 166314 श्रद्धालु अपना पंजीकरण करवा चुके हैं।
पंजीकरण का काम एथिक्स इंफोटेक कंपनी को सौंपा
इस वर्ष तीर्थ यात्रियों के पंजीकरण का काम एथिक्स इंफोटेक कंपनी को सौंपा गया है। कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रेम अनंत ने बताया कि यमुनोत्री धाम के लिए 24515, गंगोत्री धाम के लिए 25697, केदारनाथ के लिए 64151, बदरीनाथ धाम के लिए 48779 और श्री हेमकुंड साहिब के लिए 3172 श्रद्धालुओं ने अब तक अपना आनलाइन पंजीकरण करवा चुके हैं।
केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए सबसे ज्यादा 64151 श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है। एथिक्स इंफोटेक की ओर से अतिशीघ्र ऋषिकेश स्थित श्री हेमकुंड गुरुद्वारा में आफलाइन यात्रियों के पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
चारधाम यात्रा में उत्तराखंड शासन ने पहली बार आनलाइन और आफलाइन पंजीकरण की सुविधा एक साथ उपलब्ध कराई है। बस टर्मिनल कंपाउंड ऋषिकेश, हरिद्वार के राही मोटल और रेलवे स्टेशन सहित सोनप्रयाग में पंजीकरण केंद्र खोल दिया गया है।
पंजीकरण व्यवस्था में बड़ा बदलाव
पंजीकरण व्यवस्था में बड़ा बदलाव यह देखा गया है कि इस बार श्रद्धालुओं को मोबाइल पर ही उनकी पंजीकरण डिटेल और क्यूआर कोड उपलब्ध हो जाएगा। जो श्रद्धालु मोबाइल के जरिये पंजीकरण कराने में सक्षम नहीं है, उनके लिए पंजीकरण केंद्र खोले गए हैं। यहां क्यूसेक और कर्मचारियों के जरिये यह कार्य पूरा कराया जा रहा है।
पंजीकरण कराने के बाद श्रद्धालुओं को हैंड बैंड दिया जा रहा है। जिस पर क्यूआर कोड उपलब्ध है। जिसकी यात्रा मार्ग पर कहीं भी जांच की जा सकती है। पर्यटन विभाग की ओर से पंजीकरण संबंधी जितना डाटा एकत्र हो रहा है उसे संबंधित जिलाधिकारी और एसएसपी को भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
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