Chardham Devasthanam Board: तीर्थ पुरोहितों ने पीएम मोदी के सामने रखी अपनी बात, कर रहे इसे भंग करने की मांग
चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम के तहत गठित देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के गठन से नाराज चल रहे तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को केदारनाथ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने देवस्थानम बोर्ड को तत्काल भंग करने की मांग की।

विकास गुसाईं, देहरादून। Chardham Devasthanam Board उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम के तहत गठित देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के गठन से नाराज चल रहे तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को केदारनाथ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने देवस्थानम बोर्ड को तीर्थ पुरोहितों व हक-हकूकधारियों के हितों पर कुठाराघात बताते हुए इसे तत्काल भंग करने की मांग की। हालांकि, राज्य सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि देवस्थानम बोर्ड के संबंध में 30 नवंबर तक निर्णय ले लिया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी के केदारनाथ दौरे से पहले केदारनाथ पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के अलावा कैबिनेट मंत्री डा धन सिंह रावत व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों के आक्रोश का सामना करना पड़ा था। असल में तीर्थ पुरोहित इस अधिनियम और बोर्ड का निरंतर विरोध करते आ रहे हैं। मौजूदा भाजपा सरकार में त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्रित्वकाल में यह अधिनियम अस्तित्व में आया था। तीर्थ पुरोहितों के विरोध को देखते हुए सरकार ने पंडा समाज से जुड़े राज्यसभा के पूर्व सांसद मनोहरकांत ध्यानी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित की है। वह अपनी अंतरिम रिपोर्ट सरकार को सौंप चुकी है और अब उसकी अंतिम रिपोर्ट का इंतजार है।
इस बीच केदारनाथ में हुए घटनाक्रम के बाद सक्रिय हुई सरकार ने तीर्थ पुरोहितों को मनाने के प्रयास तेज किए। दीपावली से एक दिन पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ जाकर तीर्थ पुरोहितों को आश्वस्त किया कि 30 नवंबर तक देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को लेकर निर्णय ले लिया जाएगा। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री के केदारनाथ आगमन पर तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधिमंडल की उनसे वार्ता कराने का आश्वासन दिया था।
ऐसे में माना जा रहा था कि प्रधानमंत्री के केदारनाथ दौरे में बोर्ड को लेकर सरकार कोई घोषणा कर सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अलबत्ता, सरकार ने अपने वायदे के अनुसार तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधिमंडल की प्रधानमंत्री से बातचीत कराई। केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला की अगुआई में प्रधानमंत्री मोदी से मिले प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें ज्ञापन सौंपा। शुक्ला के अनुसार ज्ञापन में देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को भंग करने की मांग प्रमुखता से रखी गई है। साथ ही जबरन थोपे जा रहे मास्टर प्लान का विरोध किया गया है।
शुक्ला ने कहा कि यदि बोर्ड को तत्काल भंग नहीं किया गया तो चारधाम के तीर्थ पुरोहित उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने कोई आश्वासन तो नहीं दिया, लेकिन ज्ञापन अवश्य लिया। दूसरी तरफ, सूत्रों ने बताया कि देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को लेकर सरकार होमवर्क में जुट गई है। बोर्ड को भंग अथवा निष्प्रभावी किया जाए, इसका रास्ता तलाशा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक दो-चार दिन के भीतर इस बारे में सरकार कोई निर्णय ले सकती है।
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