Chardham Yatra: चारों धाम में लौटी रौनक, भोले बाबा की केदारपुरी में सबसे ज्यादा भीड़
उत्तराखंड में मानसून के बाद चारधाम यात्रा फिर से शुरू हो गई है। यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं की चहल-पहल बढ़ गई है और वातावरण उत्साह से गूंज रहा है। प्रतिदिन औसतन 15 हजार श्रद्धालु चारधाम पहुंच रहे हैं जिनमें केदारनाथ में सबसे अधिक उत्साह देखा जा रहा है। इस वर्ष कपाट खुलने से अब तक 43 लाख से अधिक तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं।

विजय मिश्रा जागरण, देहरादून। मानसून के विदा होते ही उत्तराखंड के चारों धाम में रौनक लौट आई है। उच्च हिमालय की वादियों में हर और श्रद्धालुओं की काल-पहल है। वातावरण आस्था के उत्सह से गूंज रहा है। भारी वर्षा के कारण आवाजाही न्यूनतम हो जाने से महीनों तक सूने रहे यात्रा मार्ग और पड़ाव फिर से जीवंत ही उठे हैं। इन दिनों औसतन 15 हजार भक्त प्रतिदिन चारधाम पहुंच रहे हैं।
सर्वाधिक उत्साह बाबा केदार की चौखट पर देखा जा रहा है। यहां हर रोज छह से सात हजार श्रद्धालु मत्वा टेक रहे हैं। इस वर्ष चारधाम यात्रा की शुरुआत 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के इसके बाद दो मई को केदारनाथ और चार मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुले।
कपाट खुलने वाले दिन से ही चारों धाम में भारी भीड़ देखने को मिली और जून अंत तक रिकार्ड 37 लाख 21 हजार 269 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके थे। इसके बाद प्रदेश में मानसून के आगमन के बाद यात्रा की गति धीमी पड़ गई।
इन दिनों चारों धाम में मौसम सुहावना है। इनको जोड़ने वाली सड़कें भी दुरुस्त होने लगी हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं के कदम तेजी से सामों की और बढ़ रहे हैं। सुबह से शाम तक धामों में जयघोष हो रखा है। पिछले एक सप्ताह में चारों धाम में एक लाख दो हजार 490 श्रद्धालु अपने ईष्ट के दर्शन कर चुके हैं, जबकि कपाट खुलने के बाद से अब तक 43 लाख 59 हजार 475 दर्शनार्थी आए हैं।
इस वर्ष भी बाबा केदार के दर्शनों के लिए जबरदस्त उत्साह है, सबसे अधिक 10 लाख तीर्थयात्री भी यहीं पहुंचे हैं। बदरीनाथ में 14 लाख, गंगोत्री में सात लाख, यमुनोत्री में छह लाख से अधिक लोग दर्शन कर चुके हैं।
इसी माह बंद होंगे धामों के कपाट
- इस बार शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को बंद किए जाएंगे।
- गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट पर 22 अक्टूबर को बंद किए जाएंगे।
- केदारनाथ व यमुनोत्री धाम के कपाट भैयादून पर्व पर 23 अक्टूबर को बंद किए जाएंगे।
क्षतिग्रस्त सड़कें चनीं चुनौती
मानसून में प्रदेश की सड़कों को भारी क्षति पहुंची। इसमें चारधाम यात्रा मार्ग भी शामिल हैं। इस कारण यात्रा अभी चुनौतीभरी है। उस पर भूस्खलन क्षेत्र भी चिता का कारण बने हुए है। हालांकि, श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए स्थानीय प्रशासन ने यात्रा मागों पर चौकसी बढ़ा दी है। जगह-जगह पुलिस व एसडीआरएफ की टीमें तैनात है। संवेदनशील इलाकों की निगरानी हो रही है। सड़क टूटने या मलबा गिरने की स्थिति में राहत दल तुरंत सक्रिय किए जा रहे है।
इन बातों का रखें ध्यान
- पहाड़ पर मौसम अचानक बदलता है. इसलिए रेनकोट और गर्म कपड़े साथ रखें।
- भूस्खलन संभावित क्षेत्रे में प्रशासन के निर्देशों का पालन करें, रात में यात्रा से बवें।
- वात्रा से पहले सामान्य स्वास्थ्य जांच अवश्व कराएं, जरूरी दवाइयों साथरखें।
- ऊंचाई वाले क्षेत्रों में नेटवर्क कमजोर होता है। यात्रा से पहले स्वजन को अपनी योजना बता दें।
- स्थानीय गाइड और पोर्टर की मदद से। शार्टकट या अनजाने रास्ते पर अकेले न निकले।
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