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    चारधाम में यात्रियों का उमड़ा सैलाब, इस साल श्रद्धालुओं के पहुंचने से बना नया रिकॉर्ड

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 09:31 AM (IST)

    उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में इस वर्ष श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा है, जिसने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ में लाखों श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिला है। प्रशासन यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष इंतजाम कर रहा है।

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    चारधाम में यात्रियों का उमड़ा सैलाब।

    राज्य ब्यूरो, देहरादून। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही प्रदेश के चारों धामों के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। इस वर्ष प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद श्रद्धालुओं का चारधाम यात्रा के प्रति उत्साह कम नहीं हुआ।

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    इस वर्ष 51 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने चारधाम के दर्शन किए। बीते वर्ष के मुकाबले इस बार श्रद्धालुओं की संख्या चार लाख 35 हजार 901 अधिक रही है। यह अपने आप में नया रिकार्ड है।

    इस वर्ष 30 अप्रैल को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरु हुई। यात्रा में शुरू से ही श्रद्धालुओं का उत्साह बना रहा। यद्यपि यात्रा के दूसरे चरण में प्राकृतिक आपदाओं के चलते यात्रा कई दिनों तक बाधित भी रही।

    बावजूद इसके यात्रियों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई। कुशल और बेहतर यात्रा प्रबंधन ने चारधाम यात्रा को सुगम, सुविधाजनक और सुरक्षित बनाया। मानसून सीजन में यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई।

    शीतकालीन यात्रा की तैयारियां हुई तेज

    बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही अब शीतकालीन यात्रा की तैयारियां तेज हो गई हैं। भगवान बदरीनाथ का शीतकालीन प्रवास स्थल पांडुकेश्वर और नृसिंह भगवान मंदिर ज्योतिर्मठ में होगा, जबकि बाबा केदारनाथ की शीतकालीन पूजा ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में होगी।

    वहीं, गंगोत्री में होने वाली पूजा अब मुखबा और यमुनोत्री में होने वाली पूजा अब खरसाली में होगी। इस वर्ष प्रदेश सरकार शीतकालीन यात्रा पर जोर दे रही है। बीते वर्ष मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शीतकालीन यात्रा पर उत्तरकाशी जिले में पहुंचे थे। तब प्रधानमंत्री ने मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा पहुंचकर मां गंगा की पूजा अर्चना की थी।

    मुख्यमंत्री धामी ने शीतकालीन यात्रा व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ़ करने पर जोर देते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि चारों धामों के शीतकालीन प्रवास स्थलों और अन्य सभी प्रमुख पर्यटक स्थलों में ठहरने, परिवहन और सुरक्षा व्यवस्थाओं को मजबूत किया जाए।

    शीतकालीन यात्रा स्थलों के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए पारंपरिक व आधुनिक माध्यमों के जरिए राज्य की पर्यटन संभावनाओं को देश-विदेश तक पहुंचाया जाए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पर्यटन विभाग शीतकालीन यात्रा और एडवेंचर टूरिज्म को लिंक कर सर्किट बनाने की योजना पर काम कर रहा है।

    पूरा साल कठिन चुनौतियों से भरा होने के बावजूद इस वर्ष चारधाम यात्रा में अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं। यात्रियों की सुरक्षा सदा सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। इसके लिए यात्रा मार्गों को बेहतर बनाने के साथ ही सभी पड़ावों में सभी जरूरी सुविधाओं के साथ ही बेहतर सड़कें, ट्रैफिक व्यवस्था और संचार सुविधा पर विशेष फोकस किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य होने के बाद यात्री सुविधाएं बढ़ी हैं। पैदल यात्रा मार्ग को बेहतर बनाया गया है। बदरीनाथ धाम का मास्टर प्लान के अनुसार विकास किया जा रहा है। अब शीतकालीन यात्रा की तैयारियों में भी यात्री सुविधाओं और सुरक्षा पर विशेष फोकस किया जा रहा है। -पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड।