14 साल बाद सामने आएगी Dehradun की ‘वास्तविक आबादी’ की तस्वीर, नगर निगम में जनगणना की तैयारी तेज
देहरादून नगर निगम क्षेत्र में 14 साल बाद जनगणना की तैयारी तेज़ हो गई है। 100 वार्डों में जनगणना के लिए नगर निगम जुट गया है। प्रत्येक वार्ड में औसतन 16 ब्लॉक बनाए गए हैं। एक जनवरी 2026 से जनगणना का फील्ड कार्य शुरू होने की संभावना है। इस बार डिजिटल सिस्टम से आंकड़े जुटाए जाएंगे। 2011 में 60 वार्ड थे अब 100 हो गए हैं।

विजय जोशी, जागरण देहरादून। देश में 14 साल बाद जनगणना की तैयारियां तेज हो गई हैं। इसी क्रम में देहरादून नगर निगम क्षेत्र में भी 100 वार्डों की जनगणना की प्रक्रिया को लेकर कसरत में जुट गया है। नगर निगम के जनगणना अनुभाग ने सभी वार्डों में ब्लाक काटने का काम पूरा कर लिया है। प्रत्येक वार्ड में औसतन 16 ब्लाक बनाए गए हैं, जिनके आधार पर अगले वर्ष से जनगणना कार्य शुरू होगा।
नए जुड़े 72 गावों की आबादी जुड़ने और पुराने वार्डों की वर्तमान तस्वीर भी अब साफ हो सकेगी। सूत्रों के अनुसार, एक जनवरी 2026 से जनगणना का फील्ड कार्य शुरू होने की संभावना है, जबकि इससे पहले कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। विभागीय स्तर पर कर्मचारियों की सूची तैयार की जा रही है।
साल 2011 के बाद अब होने वाली यह जनगणना बेहद अहम मानी जा रही है क्योंकि इसी के आधार पर नगर निगम की जनसंख्या, मकानों की संख्या, व्यावसायिक भवनों और सीमा विस्तार के बाद जुड़े नए इलाकों की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा। जनगणना अनुभाग के मुताबिक, इस बार देहरादून नगर निगम क्षेत्र में करीब 1600 ब्लाक बनाए गए हैं। प्रत्येक ब्लाक में लगभग 600 से 650 लोगों की जनसंख्या के आधार पर सीमांकन किया गया है। पिछली बार 60 वार्डों के लिए 1428 ब्लाक थे, लेकिन अब वार्डों की संख्या 100 हो जाने और आबादी बढ़ने के कारण ब्लाकों की संख्या भी बढ़ा दी गई है।
2011 में 60 वार्ड, अब 100, 72 नए गांवों की भी गिनती
साल 2011 में जब पिछली जनगणना हुई थी, तब देहरादून नगर निगम में केवल 60 वार्ड थे और नगर निगम क्षेत्र में करीब पांच लाख 70 हजार आबादी थी। उस समय 1428 ब्लाक काटे गए थे। बाद में साल 2018 में नगर निगम का सीमा विस्तार हुआ, जिसके तहत 72 गांवों को निगम क्षेत्र में शामिल किया गया, और अब नगर निगम के कुल 100 वार्ड हो गए हैं। इन 72 गांवों में बीते एक दशक में आबादी और निर्माण दोनों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।
बालावाला, मोहकमपुर, हर्रावाला, मोथरोवाला, मालसी, गुजराड़ा मानसिंह, डांडा लखौड़, नेहरूग्राम, रायपुर, लाडपुर, बंजारावाला और बद्रीपुर जैसे इलाकों में अब कालोनियां, अपार्टमेंट और व्यावसायिक प्रतिष्ठान तेजी से बढ़े हैं। अनुमान है कि इन 72 गांवों में करीब 15 हजार व्यावसायिक भवन हैं। वर्ष 2018 में 100 वार्ड में आबादी का अनुमान करीब आठ लाख था, हालांकि, यह भी सटीक नहीं है। जनगणना के बाद इन नए शहरी क्षेत्रों की सटीक आबादी और भवनों का आंकड़ा पहली बार सामने आएगा।
डिजिटल होगी जनगणना, मोबाइल पर दर्ज होंगे सभी आंकड़े
इस बार जनगणना पूरी तरह डिजिटल मोड में की जाएगी। यानी हर कर्मचारी के मोबाइल में जनगणना से जुड़ा एप होगा, जिसमें सीधे घर-घर से जुटाए गए आंकड़े दर्ज किए जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार चाहती है कि फरवरी 2027 तक जनगणना का समस्त कार्य पूरा कर लिया जाए।
वर्ष 2011 की जनगणना पर ही हो रहे चुनाव
वर्तमान में देहरादून नगर निगम के सभी चुनाव 2011 की जनगणना के आंकड़ों पर आधारित हैं, जबकि बीते 14 वर्षों में आबादी और निर्माण में कई गुना वृद्धि हुई है। पुराने रिकार्ड के अनुसार, नगर निगम क्षेत्र की जनसंख्या सात लाख छह हजार के करीब थी। लेकिन, अब वास्तविक आंकड़ा 10 लाख से अधिक होने का अनुमान है।
पुराने 60 वार्डों में सवा लाख मकान
नगर निगम के पुराने 60 वार्डों में ही करीब सवा लाख मकान दर्ज हैं, जो भवन कर के आंकड़ों पर आधारित हैं। रिस्पना और बिंदाल नदियों के किनारे, नालों और खालों के आसपास लगभग 50 हजार मकान हैं, जिनमें करीब डेढ़ लाख से अधिक लोग निवास करते हैं।
कुछ वार्डों की आबादी बीते 14 सालों में दो से तीन गुना तक बढ़ गई है। उदाहरण के लिए, बंजारावाला वार्ड की आबादी 2011 में जहां लगभग 12 हजार थी, वहीं अब यह 24 हजार के करीब बताई जाती है। इसी तरह किशननगर, नेहरूग्राम, हर्रावाला और रायपुर वार्ड में भी तेजी से आबादी बढ़ी है।
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